SC/ST Act के खिलाफ सवर्ण संगठनों ने छह सितंबर को भारत बंद का आह्वान किया है. सवर्ण संगठन आज (गुरुवार को) मध्य प्रदेश, बिहार और यूपी में विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. इस विरोध का सबसे ज्यादा असर मध्य प्रदेश में देखा जा रहा है. सवर्ण संगठन चाहते हैं कि एससी/एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला दिया था उसे बहाल किया जाए. इस एक्ट को लेकर सवर्णों में जो गुस्सा आया उसकी वजह जाननी जरूरी है.
आपको बता दें कि SC/ST एक्ट को मूल रूप में बहाल करने के विरोध का मामला अब जोर पकड़ने लगा है. सवर्ण संगठनों ने सीधे-सीधे सरकार को चुनौती दी है. प्रसिद्ध कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने सरकार को ललकारते हुए कहा कि दो महीने का वक्त है, वरना हम वह करके दिखाएंगे जो भारत के इतिहास में कभी नहीं हुआ. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो राजनीति में भी उतरा जाएगा.
देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि बिना जांच के गिरफ्तार करने का कानून तो पाकिस्तान में भी नहीं है. देश को जाति में बांटने वालों को उनकी औकात दिखा दी जाएगी. ‘मर्डर और घोटाले में बेल, झूठी रिपोर्ट कराने पर जेल’ यह कैसा कानून है? कथावाचक ने कहा कि मुझे 100 से ज्यादा बुलावे आए हैं, लोग फोटो खिंचवाने के लिए बुलाना चाहते हैं, लेकिन मैं कहीं नहीं गया. सभी को फोटो की पड़ी है लेकिन इस देवकीनंदन को देश बचाने की पड़ी है.
राजनीति में आने के संकेत
देवकीनंदन ने कहा कि हम नोटा नहीं दबाएंगे, बल्कि विकल्प देंगे. उन्होंने कहा, ‘मैं सरकार के खिलाफ नहीं हूं, क्योंकि मैं ही सरकार हूं. हमारे अंगूठे से ही सरकार बनती-बिगड़ती है. मैं नोटा पर बटन दबाना नहीं चाहता हूं. हम नोटा दबाते रह जाएंगे और फायदा कोई और ले जाएगा. हम लोटा की तरह बनकर रह जाएंगे. अब नोटा का इस्तेमाल नहीं करेंगे बल्कि देश को एक उत्तम विकल्प देंगे.’
करणी सेना अध्यक्ष बोले- हमने फेंका था जूता
करणी सेना की अगुवाई में एससी/एसटी एक्ट के विरोध में ग्वालियर के मैदान में स्वाभिमान सम्मेलन का आयोजन किया गया. यहां हजारों की भीड़ मौजूद रही. इसी दौरान राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय प्रवक्ता बिजेंद्र सिंह ने कहा कि शिवराज सरकार ने कहा था कि कोई ‘माई का लाल” आरक्षण खत्म नहीं कर सकता, लेकिन अब करणी सेना के माई के लाल आ गए हैं. गूंगे बहरों को सांप सूंघ गया है. शिवराज पर जूता फेंकने वाले हमारे माई के लाल थे, 78 प्रतिशत लोगों को मारोगे तो जवाब नहीं दे पाओगे.
न मोदी, न शिवराज न कांग्रेस, न महाराज
करणी सेना के प्रदेश संयोजक अतुल प्रताप ने कहा कि दो अप्रैल के घटनाक्रम में हमारे भाइयों पर जो झूठे केस लगाए हैं, शिवराज सरकार ने अगर वे वापस नहीं लिए तो आगे संभाग में आंदोलन को संभाल नहीं पाओगे. अब न मोदी, न शिवराज, न कांग्रेस न महाराज, कोई नहीं चाहिए. उन्होंने कहा कि शांति को कमजोरी न समझें, शांति जरूरी है, हिंसा मजबूरी है.
वृंदावन में विप्र महाकुंभ, सवर्ण आयोग के गठन की मांग
उधर, वृंदावन में राष्ट्रीय विप्र स्वाभिमान महासंघ के विप्र महाकुंभ में कई मुद्दों पर शंखनाद किया गया। एससी-एसटी एक्ट के खिलाफ आक्रोश जताते हुए केंद्र सरकार से सवर्ण आयोग गठन करने की मांग की गई. कश्मीरी ब्राह्मणों को पुन: स्थापित करने, गीता को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करने और देवी- देवताओं की मूर्तियों का अपमान करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रावधान करने को कहा गया.
शांतिसेवा धाम में आयोजित विप्र महाकुंभ में उमड़ी भीड़ के बीच देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि सरकार को चाहिए कि वो जाति के आधार पर समाज का विभाजन न करे. एससी-एसटी एक्ट की नई व्यवस्था में निर्दोषों के मुकदमों में फंसने की ¨चता है. उन्होंने अल्टीमेटम दिया कि सरकार ने अगर एससी-एसटी एक्ट में बिना जांच गिरफ्तारी की व्यवस्था को दो महीने में वापस नहीं लिया तो विप्र समाज नए विकल्प तलाशेगा.
Source: Live Cities News