क्या बीमार लालू यादव परिवार के लिए बोझ बनते जा रहे हैं? यह सवाल हर उस शक्स के दिमाग में रेंग रहा है जो देश के अग्रिम पंक्ति के सदाबहार नेता लालू यादव के साथ अपने आप को भावनात्मक रूप से अटैच रखे हुए है. लालू यादव के हार्डकोर फैनस के मगज में इस प्रकार के सवाल उठने का मुख्य कारण ये है कि पिछले 26 दिनों में परिवार का कोई सदस्य गंभीर रूप से बीमार राजद सुप्रीमों से रांची अस्पताल में मिलने को एक मिनट के लिए भी नहीं गया है.
‘कृष्णावतारी’ जेयष्ठ पुत्र तेज प्रताप यादव को बृंदावन में भजन करने, कृष्ण जन्माष्टमी को पटना में रासलीला का आयोजन करने और अपने विधानसभा क्षेत्र में पदया़तरा करने के लिए पुरकस समय है. बट जब उनसे कोई सवाल पूछता है कि क्या आपने रांची जाकर अपने पिता का हाल-चाल लिया है? तब मुकुटधारी ऐश्वर्यापति तुनककर जवाब देते हैं कि ‘हमने अपने अर्जुन को पिताश्री की सेवा में लगा रखा है’. सनद रहे कि तेज प्रताप यादव ने छोटे भाई तेजस्वी प्रसाद यादव को अर्जुन की पदवी दे रखा है.
पूर्व सीएम लालू यादव का इलाज रिम्स में चल रहा है. 21 सितम्बर की शाम अचानक उनकी तबियत नासाज हो गई. छपी खबर के अनुसार राजद चीफ ने जैसे ही अपने बेड से उठने की कोशिश की उन्हें चक्कर आ गया. गनीमत यही थी कि पेंईग वार्ड के उनके कमरे में प्रजेन्ट अटेन्डेन्ट ने संभाल लिया. भाला-आरी ने रिम्स के एक डाक्टर से टेलीफोन पर बात की तो पता चला कि लालू प्रसाद की चक्कर आने की सूचना से अस्पताल में हड़कंप मच गया.
भाला-आरी के पास पक्की खबर है कि लालू यादव की बिगड़ती सेहत की सूचना परिवार के सदस्यों को दी गई थी. पर, अभीतक परिवार का कोई सदस्य उन्हे देखने के लिए रांची नहीं गया है. विपक्ष के नेता तथा लालू यादव के दूसरे नम्बर के पुत्र तेजस्वी प्रसाद यादव पिछले दू सप्ताह से किसी ‘विशेष’ कार्य के निष्पादन हेतू दिल्ली की लूटियन जोन में धुनी रमाए हुए हैं. वहीं से बैठे बैठे दिल्ली व पटना की सरकार पर डिजिटल माध्यम से अटैक भी करते रहते हैं.
बट ‘गंभीर’ नेचर के तेजस्वी प्रसाद यादव के पास इतनी फुर्सत नहीं है कि वो रांची हवाई जहाज से लैंड करके अपने बीमार फादर का हाल चाल जान सकें. लगता है कि राज्यसभा सदस्य और लालू यादव की जेयष्ठ पुत्री मीसा भारती भी अपने निजी व राजनीतिक कार्यों में इतना हैं कि पिता का ख्याल ही नहीं रहा. जबकि पारम्परिक हिन्दू मान्यता की दुहाई देते हुए कहा जाता है कि बेटी ही संकट की घड़ी में अपने मां बाप की लाठी बनती है.
रिम्स के पहले लालू यादव का मुम्बई ऐशियन हार्ट हास्पीटल तथा दिल्ली ऐम्स में भी कई सप्ताह तक ईलाज चला था. चारा घोटाले में सजा काट रहे पूर्व रेलवे मंत्री की झांरर्खड हाई कोर्ट ने इलाज के लिये प्रोविजनल बेल दिया था. तेजस्वी प्रसाद यादव माया नगरी मुम्बई में 5 दिन रहे. पर 21 अगस्त को ऐशियन हार्ट अस्पताल में इलाजरत पिता से मात्र एकबार 1 घंटा के लिए मिले और फोटो के साथ अपना दर्द टवीट किया कि ‘पिता के बिगड़ते हेल्थ से मैं बहुत चिंतित हूं’. इसके पहले ऐम्स में जाकर भी तेजस्वी प्रसाद यादव ने अपने फादर की हेल्थ के बारे में जानकारी ली थी और टवीट भी किया था.
इस तरह के ‘संवेदनशील’ टवीटस से लालू यादव के समर्थकों को यकीन होने लगा था कि उनके राजनीतिक जागीर का धरोहर पुत्र तेजस्वी प्रसाद यादव अपने पिता का वैसे ही ख्याल रखेगा जैसे त्रेता युग में श्रवण कुमार ने अपने माता-पिता की परवरिश की थी. इनलोंगो को तेज प्रताप यादव से कोई उम्मीद नहीं हैं क्योंकि सर्वविदित है कि लालू यादव के शंख फूंकन इस पुत्र का मिजाज ही बिलकुल अलग तरह का है.
इस बार 26 दिनों के इलाज के कालखण्ड में लालू यादव दर्जनो बार सीरियस हुए. परन्तु दोनो पुत्रों में से किसी एक ने थोड़ा सा समय भी अपने पिता से मिलने के लिए नहीं निकाला. तभी तो बिहार सरकार में डिप्टी सीएम तथा बीजेपी के सीनीयर नेता सुशील कुमार को आरोप लगाने का मौका मिलता है कि ‘ राजनीतिक लाभ के लिये तेजस्वी चाहते हैं कि लालू यादव हमेशा अस्पताल में ही पड़े रहें’.
बहरहाल, हालात यहां तक पहुंच गया है कि राजद के पुराने नेता, जो लालू यादव के करीसमाई नेतृत्व में नेतागिरी किए हैं, ने कहना शुरू कर दिया है कि ‘कुर्सी बहुत निष्ठूर होता है’. हालाकि बचाव में एक पूर्व सांसद का कहना है कि ‘लालू जी ने स्वयं ये निर्देश दिया है कि उनके पास आने की जरूरत नहीं हैं. महाभारत की तैयारी करो ताकि दिल्ली से मोदी अउर पटना से नीतीश केा गद्दी विहीन करके कृष्ण राज्य स्थापित की जाए’.
परिवार पर बोझ बनते जा रहे हैं बीमार लालू, तेजस्वी-तेजप्रताप के पास नहीं है पापा से मिलने का समय