1. लक्ष्मी नाराज हो गयी — और चली गयी स्विट्जरलैंड के बैंक में ।
सरस्वती माता नाराज होकर चली गयी जापान , इसिलए वहां के बच्चे ज्यादा बुद्धिमान होते है ।
माँ अन्नपूर्णा चली गयी , अमेरिका वहां के लोग अब अच्छी सेहत वाले होते है ।
बजरंग बली चले गये , यूरोप इसिलए वहां के लोग WWF के पहलवान हो गये ।
कुबेर चले गये सऊदी अरब ,इसिलए वहां के लोग अमीर हो गये ।
विश्वकर्मा चले गये चीन, इसलिए वहां सबसे ज्यादा फैक्ट्रियां हैं।
सारे देवी – देवता विदेशी यात्रा पर है , और माननीय मोदी जी ,उन्हें ही मनाने जाते है ।ये गोपनीय जानकारी सिर्फ मेरे पास थी , अब आपके पास भी आ गयी ।
अब बार बार मत पूछना की मोदी बार बार विदेश क्यो घूमने जाता है?
2. एक औरत ने भी हद कर दी…
उसने मोदी जी को एक पत्र लिखा
जिसमे एक योजना बताई की दारू की दाम दुगनी कर के दारू की दूकान को आधार कार्ड से जोड़ दे
और आधा पैसा पीने वाले की पत्नी के अकाउंट में सब्सिडी की तरह वापस कर देना चाहिए
जिससे ये फायदे होंगे !
1. पति लिमिट में पियेगा, क्योंकि उसके नशे की मात्रा उसकी पत्नी के बैंक बैलेंस के बराबर रहेगी ।
2. पत्निया पीने के लिए कभी मना नही करेंगी ।
3. पत्नी को मालूम रहेगा, आज पति ने कितनी पी ।
4. जिस की पत्नी का अकाउंट नहीं है वो भी खुल जाएगा ।
( हो सकता है किसी किसी की पत्नी को आयकर – रिटर्न भी दाखिल करना पड़े )
नई सोच को सलाम!!
3. कुछ नए मुहावरे –
1- अपने मुँह मियां मोदी होना ।
2- नौ दो माल्या हो जाना ।।
3- धोबी का आडवाणी ना घर का ना घाट का।
4- बेपेंदी का मुलायम होना
5-अमित शाह की दाढ़ी मे तिनका
6- काला अक्षर स्मृति ईरानी बराबर
7- मोदी के ढोल सुहाने
8- ना मामा से रामदेव मामा अच्छा
9- घर का भेदी राजनाथ ढाए
10- आ जेटली मुझे मार (G S T )
11- पप्पू क्या जाने सत्ता का स्वाद
4. रामजी घर छोड़ गए तो मर्यादा पुरूषोत्तम बन गए।
कृष्ण घर छोड़ गए तो कर्मयोगी और जगतगुरू बन गए।
सिद्धार्थ घर छोड़ गए तो गौतम बुद्ध बन गए।
गांधीजी घर छोड़ गए तो महात्मा और राष्ट्रपिता बन गए।
मोदी जी घर छोड़ गए तो PM बन गए।
योगी घर छोड़ गए तो CM बन गए।
घर छोड़ दो रे , बहुत स्कोप है ।
5. मोदी के राज में महिलाओं के लिए 2016 वर्ष कैसा गया !
* जय ललिता की ज़िंदगी गई !
* मायावती की माया गई !
* सुषमा स्वराज की किडनी गईं !
* ममता की मानसिकता गईं !
* आनंदीबेन की सत्ता गईं। !*शशिकला जेल गई
* और बाक़ी सभी महिलाओं की आजीवन पतियों से बचाई हुईं नोटो की ग़ड्डीया गईं !
6. भगवान सत्यनारायण की कथा में एक प्रसंग आता है :
वेश बदलकर भगवान् , वैश्य से पूछते हैं कि तुम्हारी नौका में क्या है ?
वैश्य जवाब देता है कि मेरी नौका में तो सिर्फ “फूल, पत्ती और कपड़े हैं”.
वैश्य का जबाब सुनकर भगवान कहते हैं, “तथास्तु”.
और नौका में रखा सारा धन फूल पत्तों में बदल जाता है.
ऐसे ही तीन माह पहले प्रधानमंत्री ने भी लोगों पूछा था तुम्हारी तिजोरी में क्या छूपा हुआ है ? अगर ब्लैक मनी हो तो 30 सितम्बर तक घोषित कर दो और टैक्स चुका दो.
लेकिन लोग बोले, “नहीं नहीं, हमारी तिजोरी में तो सिर्फ ही ‘कागज ही कागज़’ है”
प्रधानमंत्री मोदी बोले, “तथास्तु” और तिजोरी का कालाधन कागज के टुकड़ों में बदल गया.
बोलो श्री सत्यनारायण भगवान् की जय !