स्कूल में आपने थ्योरिंज़ पढ़ी होंगी या पढ़ रहे होंगे. थ्योरी में तर्कों और तथ्यों के सहारे अवधारणों को साबित किया जाता है . लेकिन कुछ तर्क और तथ्य ऐसे भी होते हैं, जो थ्योरी के समर्थन में नहीं होते, बल्कि मौजूदा हालात से विभन्न स्थिति का ज़िक्र करते हैं, उनका क्या होता है? उससे नई थ्योरी बनती है, जिसके समर्थक ज़्यादा नहीं होते, लेकिन कुछ होते हैं. उसे कॉन्सपिरेसी थ्योरी कहते हैं, दुनिया में ढेर सारी कॉन्सपिरेसी थ्योरी हैं. कॉन्सपिरेसी थ्योरी का मक़सद ये भी है कि वो मुख्यधारा द्वारा मानी जा रही थ्योरी को एक षडयंत्र बताती हैं.
1. नील आर्म स्ट्रॉन्ग कभी चांद पर गए ही नहीं.
कुछ लोगों का मानना है कि अमेरिका और नासा ने मिल कर लोगों को बेवकूफ़ बनाया है. 21 जुलाई, 1969 को चांद पर कोई गया ही नहीं था. क्योंकि अमेरिका को रूस से ख़ुद को बड़ा साबित करना था और रूस 1961 में अंतरिक्ष में इंसान को भेजने में सफ़ल हो चुका था, इसलिए ये सब षडयंत्र रचा गया. जो भी तस्वीरें और वीडियो मौजूद हैं, वो स्टूडियो में शूट किए गए.
इस थ्योरी को मानने वाले इसे साबित करने के लिए उपलब्ध तस्वीरों को ही आगे रखते हैं. वो उन वीडियो और तस्वीरों में मौजूद ग़लतियों के ग़िनाते हैं.
2. पृथ्वी गोल नहीं है
स्कूलों में पढ़ाया जाता है, स्पेस से ली गईं तमाम तरह की तस्वीरें मौजूद हैं. बावजूद इसके कुछ लोगों का मानना है कि पृथ्वी गोल नहीं, पृथ्वी सपाट है. इसको मानने वालों ने ऑनलाइन बाकायदा एक सोसाईटी बना रखी है. जहां वो अपने तर्क पेश करते हैं.
आम तौर पर इस थ्योरी को मानने वाले लोग ऊपर दी गई थ्योरी के भी समर्थक होते हैं.
3. 9/11 की घटना
इसे दुनिया की सबसे प्रसिद्ध कॉन्ट्रोवर्शियल थ्योरी कह सकते हैं. इसे मानने वालों का कहना है कि अमेरिका में हुई आतंकवादी घटना के पीछे किसी बाहरी व्यक्ति का हाथ नहीं था.
जिस ट्विन टावर से अगवा किया हुआ प्लेन से टकराया था, वो स्टेनलेस स्टील से बनी थी. प्लेन 47वें माले से जा कर टकराई थी, लेकिन गर्मी से पूरी इमारत ध्वस्त हो गई, लेकिन जांच के रिपोर्ट बताते हैं कि मात्र आग के लगने से पूरी इमारत धवस्त नहीं हो सकती थी.
इस थ्योरी को मानने वालों का कहना है कि पूरी बिल्डिंग को सिलसिलेवार धमाकों से उड़ाया गया है लेकिन ऐसे कोई सबूत नहीं मिले थे.
4. तेजो महालय
हां, आपने सही पढ़ा है. ऊपर ताजमहल नहीं लिखा है. तेजो महालय की बात हो रही है जिसे एक षडयंत्र के तहत ताजमहल बताया जाता है. ऐसा मानना है हमारे देश के कुछ हिन्दुवादी संगठनों का. उनका विश्वास है कि ताजमहल को मुगल शासक शंहशाह ने नहीं बनवाया बल्कि इसे हिन्दू राजा ने बनवाया था और ये कोई मकबरा नहीं है बल्कि शिवालय है.
इस थ्योरी को स्थापित करने के लिए कई तथ्य पेश किए जाते हैं, उसकी बनावट पर, उसके बंद पर कमरों पर. इस थ्योरी की नींव 60-70 के दशक में पीएम ओएक नाक के मराठी लेखक ने रखी थी.
5. सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु
अगस्त, 1945 में हवाई दुर्घटना में नेता जी सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु हुई थी. ये बात स्कूल में पढ़ाई जाती है. लेकिन बहुत से लोग इस बात से इत्तेफ़ाक नहीं रखते. उनका मानना है कि नेताजी ने ख़ुद अपने मौत की ख़बर उड़ाई थी. ताकि वो अंग्रोज़ों को झांसा देकर गुप-चुप तरीके से काम कर सकें.
तब के उनके बॉर्डी गार्ड ने साल 2016 में कहा था कि मौत की ख़बर फैल जाने के एक साल बाद उनकी मुलाक़ात सुभाष चंद्र बोस से थाइलैंड में हुई थी. ये भी कहा जाता है कि महात्मा गांधी की अंतिम विदाई यात्रा में भी सुभाष चंद्र बोस साधु के भेष में मौजूद थे.
अगर आपको ये थ्योरीज़ रोचक लगीं, तो हमे कमेंट बॉक्स में ज़रूर बताएं. हम आपके लिए और भी Conspiracy थ्योरिज़ ले कर आएंगे.