मुंबई में एक बिल्डिंग है. नाम है सिंधिया हाउस. बिल्डिंग सरकारी है और भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के तहत आती है. इसमें आयकर से जुड़े हुए कागज रखे गए थे. थे इसलिए लिखना पड़ रहा है, क्योंकि अब वो दस्तावेज वहां नहीं हैं. वो दस्तावेज जलकर अब राख हो गए हैं.
आग तो लगती ही रहती है, फिर दिक्कत क्या है?
आग तो लगती ही रहती है, जैसा वाक्य बेहद सामान्य लग सकता है. आग में कागजों का जलना भी सामान्य है. लेकिन इन्हीं कागजों का जलना असामान्य भी है. क्योंकि ये आम कागज नहीं थे. इन कागजों में नीरव मोदी और ललित मोदी की पूरी कुंडली थी, जिसके सहारे भारत सरकार उनको सजा देना चाहती थी.
अगर अब भी गंभीरता नहीं समझ आई, तो मामला तफ्सील से बता देते हैं. नीरव मोदी उस शख्स का नाम है, जो पंजाब नेशनल बैंक के 14,300 करोड़ रुपये के घोटाले का मास्टरमाइंड है. वो इन पैसों को लेकर देश छोड़कर फरार हो गया है. उससे जुड़े कागजात इसी सिंधिया हाउस की तीसरी मंजिल पर रखे हुए थे, जो अब जलकर राख हो चुके हैं. दूसरा नाम ललित मोदी का है. वो भी हजारों करोड़ रुपये लेकर ब्रिटेन भाग चुका है. उसकी भी पूरी कुंडली इसी सिंधिया हाउस की तीसरी मंजिल पर रखी हुई थी, जो अब जल चुकी है.
इसके अलावा इस बिल्डिंग में शराब कारोबारी विजय माल्या से भी जुड़े दस्तावेज थे. विजय माल्या भी भारत का भगोड़ा है, जिसके ऊपर बैंकों का करीब 10 हजार करोड़ रुपये का बकाया है.
कैसे लगी आग? 1 जून की शाम को जब लोग दफ्तर बंद कर घर जाने की तैयारी कर रहे थे, तो बिल्डिंग की तीसरी मंजिल पर अचानक से आग लग गई. बिल्डिंग में लकड़ी के ढेर सारे फर्नीचर थे, जिसकी वजह से आग और भड़क गई और उसने चौथी मंजिल को भी अपनी चपेट में ले लिया. इसके बाद फायर ब्रिगेड की गाड़ियां और पानी के टैंकर पहुंचे. जब तक आग बुझाई जाती सारे कागजात जल चुके थे. इसके बारे में कहा जा रहा है कि आग शार्ट शर्किट से लगी है, लेकिन कुछ लोग इसे साजिश भी बता रहे हैं.
अब आगे क्या?
सिंधिया हाउस की इस बिल्डिंग में आयकर विभाग का इन्वेस्टिगेशन विंग है. इसमें ललित मोदी, नीरव मोदी और विजय माल्या से जुड़े कागताज थे. एक तरफ तो सरकार हर संभव कोशिश कर रही है कि इन तीनों भगोड़ों को देश में वापस लाया जा सके, वहीं इस आग के लगने और कागजात के जलने के बाद आयकर विभाग के अधिकारी बैकफुट पर आ गए हैं. जिस तेजी के साथ उनको वापस लाने की कार्यवाही चल रही थी, वो अब धीमी हो जाएगी और आयकर विभाग को एक बार फिर से कई दस्तावेज खंगालने होंगे. आयकर विभाग के निदेशक (जांच) एए शंकर ने कहा कि नुकसान की जानकारी की जा रही है.