एक बंदे का नाम है – जगन्नाथ केवट, एक और बंदे का नाम है – जगन्नाथ केवट
दो लोगों का एक सा नाम होना कोई बड़ा संयोग नहीं है. लेकिन अबकी बार दो लोगों का नाम एक सा होना अपराध की 34 साल लंबी दास्तां है. अपराध जिसमें अपराधी भी जगन्नाथ और शिकार भी जगन्नाथ.
अंग्रेजी के एक प्रमुख अख़बार दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया के अनुसार आज से 34-35 साल पुरानी बात है. तब ऐसी सरकारी नौकरियां भी हुआ करती थीं जिनके लिए न्यूनतम योग्यता थी – अनपढ़ होना. यानी ऐसी जॉब्स जिनके लिए आपका होना भर ही काफी था.
लेकिन हर अनपढ़ को ये नौकरियां नहीं मिला करती थीं. अगर आप अनपढ़ थे तो आपका एक कार्ड बनता था, जिसके साथ आप नौकरी पा सकते थे. तब एक गांव जिसका नाम – छुलकारी (मध्यप्र देश ) है, में दो गरीब लोग रहते थे – जगन्नाथ केवट और भीमसेन.
जगन्नाथ के पास ये कार्ड था, मगर भीम के पास नहीं. तो भीम ने जगन्नाथ की आईडी (मने ये कार्ड) चुरा ली. और यूं इसे दिखाकर ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड में नौकरी पा ली. और इसी कार्ड के दम पर, जो दरअसल उसका था ही नहीं, जगन्नाथ के नाम से ही जॉब करता रहा और सैलरी भी पाता रहा. माह-दर-माह. जब रिटायर हुआ तो उसकी अंतिम सैलरी पचास हज़ार रुपए से भी ज़्यादा थी. और उसके बाद पेंशन भी लगातार मिलती रही.
आश्चर्य की बात तो ये है कि जगन्नाथ और भीम अच्छे दोस्त न भी हों तो भी इनकी अच्छी बोलचाल थी और आए दिन ही एक दूसरे से मिला करते थे. लेकिन फिर भी असली जगन्नाथ को भीमसेन (नकली जगन्नाथ) के ऊपर कभी कोई शक नहीं हुआ.
अब भीमसेन का फ्रॉड पकड़ा गया है और उसे जेल भेज दिया गया है.
उसके फ्रॉड पकड़े जाने के पीछे का किस्सा भी काफी रोचक है. भीमसेन ने हर जगह अपना नाम बदल लिया था, आधार कार्ड तक में. वो हर ऑफिशियल डॉक्यूमेंट में जगन्नाथ था. लेकिन अपनी पैतृक संपत्ति को लेने के लिए तो उसे अपने असली नाम की ज़रूरत पड़नी थी, इसलिए केवल वही जगह थी, जहां पर उसने अपना नाम नहीं बदला. साथ ही उसने एक गलती और कर दी.
वो ये कि जहां अपने आधार कार्ड में उसने अपना नाम ‘जगन्नाथ केवट’ लिखवाया था वहीं अपने बेटे के आधार कार्ड में भी ‘पिता का नाम’ वाले खाने में अपना असली नाम यानी ‘भीमसेन’ लिखवाया था. इसी असंगति के चलते सरकारी तंत्र को शक होना शुरू हुआ और खोजबीन करने पर पूरे फ्रॉड की परत दर परत खुलती चली गई.
अनियमितताएं केवल अपराधियों के साथ ही नहीं, आपके हमारे साथ भी हो सकती हैं. जानबूझकर ही नहीं अनजाने में भी हो सकती हैं. और इसके चलते बहुत सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. खासतौर पर तब जबकि सरकार आधार को काफी प्रोमोट कर रही है. इसलिए ज़रूरी है कि आप अपना और अपनी फॅमिली का आधार कार्ड और उससे जुड़ी सारी डिटेल्स एक बार पूरी तरह से जांच लें और कोई अनियमितता पाए जाने की स्थिति में ज़ल्द से ज़ल्द उसे सही करवा लें.