आज बीस साल बाद में उस शहर में जा रहा था जहाँ मेरा बचपन बीता था। रास्ते भर मुझे अपनी पुरानी बातें याद आती रहीं। वो गलियाँ, वो दोस्त, वहाँ पर की गयी वो शैतानियाँ। पर वहाँ जाकर में सबसे पहले अपना स्कूल और घर देखना चाहता था।
अब में उसी शहर में आ गया था। सबसे पहले मैं स्कूल देखने गया पर वहाँ अब स्कूल की जगह मॉल बन गया था। फिर मैं वहाँ से अपना पुराना घर देखने गया। अब वहाँ उस घर की जगह फ्लैट बन गये थे। मोहल्ले में रहने वाले सारे संगी साथी व दोस्त भी नोकरी करने के लिए दूसरे शहरों में चले गए थे। अब ये शहर मेरे लिये अजनबी बन गया था।