उनकी दो छोटी-छोटी बच्चियां जिद्द कर रही थी कि मम्मी हम लोहड़ी का गाना गा रहे हैं आप भी संग में गाओ तो मम्मी और चाची को होय-होय करने में शर्म आ रही थी। वो इस उम्र में बच्चों वाली हरकत करना नहीं चाह रही थीं। आज अचानक उनमें बड़पन आ गया था। पर अभी दस-बारह दिन पहले ही वो सबको फोन पर अपने वीडियो दिखा रहीं थीं। जिसमें वो किसी होटल में न्यू ईयर सेलिब्रेट करने गए थे। वहाँ उनकी मम्मियाँ और कई की दादीयाँ भी टीनेजर बन गई थी।उन्होंने इतनी ठण्ड में भी टीनेजर की तरह स्कर्ट पहनी हुई थी। चेहरे पर बच्चों की तरह मास्क लगा रखे थे। और टीनेजर की तरह सब चीख रहे थे।
ये कैसी शर्म है जो नये साल पर गायब हो जाती है और पूरे साल आती रहती है कि कहीं कोई बच्चा न कह दे।