कार बाजार में कई पुलिस वाले हर दुकान पर जा जाकर पूछताछ कर रहे थे। वहाँ एक दुकान पर काम करने वाले ने बताया कि कल उसकी बस्ती में भी पुलिस पूछताछ करने आई थी। एक दो लोगों को पुलिस शक के आधार पर पकड़ कर अपने साथ ले गई। उसने बताया कि शहर के किसी बड़े डॉक्टर की bmw कार चोरी हो गई है। पुलिस तीन दिन से उसी की तलाश में जुटी है।
मुझे तीन साल पहले की एक घटना याद आ गई। हमारी गली में कोई 60-65 साल के बुजुर्ग सिर पर सामान रखकर बेचने आते थे, सिर पर काफी बोझ होता था। उसे बार-बार सिर पर रखना, बार-बार उतारना। एक दिन वो छोटी सी रेहड़ी लेकर आये बताया कि किसी ने उन्हें ये ठेल दे दी है। वह बहुत खुश थे।
कुछ महीनों बाद उनकी रेहड़ी चोरी हो गयी। किसी ने कहा कि पुलिस में रिपोर्ट लिखा दो। वह बस्ती के किसी आदमी को लेकर रिपोर्ट लिखवाने गये पर तीन दिन तक पुलिस उन्हें ऐसे ही टहलाती रही और उनकी रिपोर्ट नहीं लिखी गई। फिर वो खुद ही थक हार कर पुलिस के पास नहीं गये। ये रेहड़ी उनके लिये उनकी जिंदगी थी। वो चाहकर भी इतना पैसा इकठ्ठा नहीं कर पाते कि अपने लिये रेहड़ी खरीद लेते। अब वो फिर से बुढ़ापे में अपने सिर पर बोझ ढोने को मजबूर थे।