मिसेज भाटिया के घर के बाहर कोई बहुत सुन्दर गुलदस्ता फेंक गया था। इसके फूल बहुत सुन्दर थे और गुलदस्ता भी बिल्कुल नया था। मिसेज भाटिया का मन तो बहुत कर रहा था कि वह उस गुलदस्ते को उठाकर घर ले आये पर संकोच या डर के कारण लाई नहीं कि कहीं किसी को पता चल गया तो लोग क्या सोचेंगे।
कुछ महीनों बाद की बात है मिसेज भाटिया की पड़ोसी मिसेज शर्मा चिल्ला रहीं थीं कि कोई उनके घर के बाहर टँगी फूलों की झालर चुरा के ले गया है। उन्होंने दिवाली की सजावट के लिए बहुत महँगी झालर खरीदी थी। पता नहीं कौन चुरा के ले गया। वो उस चोर को बुरा भला कहे जा रहीं थीं और मिसेज भाटिया मन ही मन ये सोचकर खुश हो रहीं थीं कि चलो मोहल्ले में किसी को उनकी चोरी का पता नहीं चला।