पूजा की छोटी बहन उसके घर आयी हुई थी। होली के आसपास का समय था इसलिए जीजा साली में कुछ ज्यादा ही मजाक चलते रहते थे। एक दिन पूजा के पति ने उसकी बहन के साथ ऐसा व्यवहार कर दिया जो उसे पसन्द नहीं आया। उसने अपने पति को टोक दिया। पूजा की बात सुनकर पूजा की सास बीच में बोल पड़ी कि जीजा साली में तो यह सब चलता ही रहता है। यह सब तो जीजा का अधिकार है।
कुछ महीनों बाद कि बात है। सब लोग किसी शादी में गये हुए थे। वहाँ बात करते-करते पूजा के जीजा ने उसके कंधे पर हाथ रख लिया। यह सब देखकर पूजा की सास को बहुत बुरा लगा। उसने पूजा को अपने पास बुलाकर कहा कि वह अपने जीजा से कह दे कि वह अपनी पर्यादा में रहें। पूजा ने कहा माजी पहले भी तो जीजाजी मुझसे मजाक करते रहते थे, क्या जीजा का इतना भी अधिकार नहीं है। सास ने कहा कि शादी से पहले की बात और थी लेकिन अब तुम हमारे घर की बहू बन चुकी हो।