पिछले चुनावों में नेताजी फ्री कम्प्यूटर व मासिक भत्ता देने का वायदा करके सत्ता में आये थे। सत्ता में आते ही उन्होंने अपने वायदे पूरे किये। इसके लिए उन्हें और पैसों की आवश्यकता पड़ी। पैसों की जरूरत पूरी करने के लिए उन्होंने पेट्रोल व बिजली के दाम बढ़ा दिये।
इस बार चुनावों में नेताजी ने सबको मुफ्त बिजली, पानी, लड़कियों को फ्री स्कूटी, औरतों को मुफ्त यातायात सुविधा आदि-आदि खैरात का वायदा किया और फिर से सत्ता में आ गये। अब उन्होंने अपने वोटरों से किये वायदे पूरे करने के लिए सरकारी कर्मचारियों की पेंशन खत्म कर दी। और पैसों की जरुरत पूरी करने के लिए कई कर्मचारियों की छंटनी कर दी गई। जिनकी जगह संविदा पर लोगों को रख लिया गया। इस तरह नेताजी का लोगों को रोजगार देने का वायदा भी पूरा हो गया। जनता के दिये टैक्स से चुनावी खैरात बाँटकर सत्ता में आने का रास्ता नेताजी ने खोज लिया था।