उस बेचारी बच्ची को जब वह इस तरह पर गैरों के हाथ में छोड़ दी गई बहुत डर और रंज हुआ और ज़मीन के ऊपर दूसरे गुलाम बालकों के साथ ऐसी जगह बैठ गई जहां उसपर हर एक की नज़र न पड़े। तोते को उसने गोदी में बैठा के अपने कपड़े के अन्दर छिपा लिया इस डर से कि कोई उसे उससे ले न ले। कई शख्सों ने जो कि लौंडी ख़रीदने आये उसकी तरफ़ देखा और क़ीमत पूछी, लेकिन बुड्ढे ने जो दाम मांगा वह न दे सके। अख़ीर को एक बीबी जो चिहरे से गुस्से वाली मालूम होती थी वहां होकर गुज़री" और राजा की लड़की को देख कर उस बुड्ढे के पास क़ीमत दरयात्फृ करने गई। जब यह उस निगहबान बुढ़िया ने देखा तो कहने लगी कि "मैं चाहती हूं कि यह बीबी तुझे न खरीदे क्योंकि यह शहर में सब से बदमिज़ाज औरत है। सिर्फ़ गये हत्फे की बात है कि इसने एक ग़रीब छोटी उम्र की हबशी लौंडी की अपने बुरे बरताव से ऐसी हालत कर दी कि वह उसके घर की चहार दीवारी डांक कर भाग जाने की कोशिश में ज़मीन पर गिर पड़ी और मर गई"। यह सुन कर राजा की लड़की बोली-"अजी, मिहर्बानी करके मुझे उसके हाथ मत बिकने देना"-बुढ़िया ने कहा कि “जहां तक मेरा बस चलेगा मैं ऐसा नहीं होने दूंगी, मगर वह बुड्ढा अगर चाहेगा तो बेच डालेगा" तब लड़की ने कहा-"ख़ैर, लेकिन इतना तो तुम मेरे लिए करना कि बग़ैर उस कंजरी के जाने हुए मैं इस औरत के हाथ न बिकने पाऊं, क्यों कि मैं ने एक दफ़ा उसकी और उसके सारे घर वालों की जान बचाई थी, इससे मुझे यकीन है कि वह मुझे उस बेदर्द औरत के पास न जाने देगी"-यह सब बात चीत तोते ने सुन ली और लड़की के लबादे के अन्दर से सिर निकाल के उसके कान में कहा कि “मैं अभी उड़ के जाता हूं और कंजरी को लाता हूं" और यों कह कर सीधा बाज़ार के दरवाज़े की तरफ़ उड़ा और वहां से मकानों के ऊपर होता हुआ शहर के उस फाटक पर पहुंचा कि जिसमें होकर वह सब आये थे। वहां से थोड़ी ही दूर पर उसने कंजरों का डेरा पाया। वह सीधा बुढ़िया कंजरी के पैरों के पास उतर के चोंच से उसके घांघरे का दामन खींचने लगा और फिर ज़मीन पर परों को फट-फटाता हुआ शहर के फाटक की तरफ़ चलने लगा और चुह-चुहाअट मचाने और अपने सिर से हर तरह के इशारे करने लगा कि कंजरी उसके साथ चले। कंजरी समझ गई और उसके पीछे पीछे फाटक तक चली गई। तोता उसके आगे आगे उड़ता जाता था और कभी किसी जगह बैठ जाता था। यों वह बाज़ार तक पहुंचे और वहां क़दम ही रक्खा था कि उन्होंने उस बद मिज़ाज बीबी का राजा की लड़की का हाथ पकड़े हुए नाते देखा। लड़की बेचारी रोती आती थी और बाज़ार के फाटक के पास लोगों की भीड़ लग गई थी जो कि उस औरत को लानत देते थे और हल्यारी कहके तरह तरह के नाम रखते थे, और कहते थे कि अफ़सोस है यह लड़की इसके हाथ आ गई क्योंकि यह इसे ज़रूर मार डालेगी जिस तरह कि इतने और लौंडी गुलाम मार डाले हैं। जैसे ही राजा की लड़की ने, कंजरी को देखा एक बारगी अपने तई उस बद बीबी से छुड़ा कर कंजरी की गोदी में चली आई और उससे मिन्नत करने लगी कि उसे उस ख़ौफ़नाक औरत के हाथ न बिकने दे। कंजरी को रहम आया और उसने लड़की को दिलासा दी कि ऐसा नहीं होने पावेगा, लेकिन बीबी बोली-"मैं तो इसे ख़रीद भी चुकी हूं और क़ीमत भी दे चुकी हूं, देख यह रसीद है" और अपनी कुर्ती से एक टुकड़ा काग़ज़ को निकाल कर दिखलाने लगी कि तोता यकायक सारी भीड़ के ऊपर से उड़ता हुआ आकर झट उसके हाथ से कागज को छीन ले गया और सब की नज़रों से गायब हो क़रीब की एक मीनार में जा घुसा जहां उसने रसीद को छुपा दिया और फिर वहाँ से आकर बाज़ार के दरवाज़े के ऊपर बैठ गया जहां से कि वहां जो कुछ हो रहा था देख सके। इस वक्त शोरो गुल इतना बढ़ मया था कि कोतवाल जिसका मकान पास ही था सुन कर साथ अपने सिपाहियों के वहां पर आन पहुंचा और दर्याफ करने लगा कि इस सब" झगड़े का क्या बाइस है। किसी ने कुछ कहा, किसी ने कुछ। उस बोबी ने कहा कि यह लड़की मैंने मोल ले ली है और कंजरी ने कहा-"नहीं, मैंने इसे नहीं बेचा," लोग जो वहां जमा थे कहते थे कि अफ़सोस है अगर इस बदज़ात हत्यारी ने लड़की को खरीद लिया है। कोतवाल ने सब को अपने सामने बुलवाया और उस बीबी से कहा-"अगर तुमने इस लड़कों को खरीद लिया है तो रुपयों की रसीद दिखलाओ"-वह बोली कि "रसीद मेरे हाथ से एक तोता छीन ले गया है और न जाने वह कहां उड़ गया है। कोतवाल ने कहा- मैं इस बात का यकीन नहीं कर सकता, और अगर तुम रसीद नहीं दिखला सकोगी तो मैं लड़की को कंजरी ही के हवाले कर दूंगा"। बीबी ने फिर वही कहा जो पहले कहा था, मगर सब बेफ़ायदा हुआ। जिन लोगों ने तोते को नहीं देखा था उन्होंने कुछ न कहा। बस लड़की कंजरी को मिल गई और वह बीबी बुरा मुंह बनाये अपने घर गई। उस वक्त उसका चिहरा और भी बुरा हो गया था क्योंकि लौंडी उसके हाथ से निकल गई और रुपया भी गया।