सुबह को बब्बू देखने आया कि लड़की मरी या नहीं और उसे बड़ा तअज्जुब हुआ जब कि उसको ज़हर देने के बाद भी जीता पाया। वह वहां से चुपका ही लौट गया और रानी से जो कि उस वक्त बाग़ में अपनी खिड़की के नीचे अंगूठी की तलाश में लगी हुई थी हाल बयान किया। इधर तोते ने एक कौए को रानी और बब्बू की बात चीत सुनने को रवाना किया और कौआ चालाकी से रानी के पास एक झाड़ी में छुपकर उनकी गुत्फगू सुनने लगा। रानी को लड़की के ज़हर के असर से बच जाने पर बहुत ही तअज्जुब हुआ और बोली कि लड़की के पास ज़रूर कोई तिलिस्म या जादू होगा और बब्बू को हुक्म दिया कि “कुछ हो, तू आज रात को उसे महल के उत्त छज्जे पर ले जाकर जो कि ऐन झील के ऊपर है वहां से नीचे झील में ढकेल दे और गर्दन में एक पत्थर बांध दीजो जिससे जल्द डूब जाय।। सुबह को मशहूर कर देंगे कि लड़की रात में मर गई और झूठ मूठ की लाश बना कर नदी में बहा देंगे।
कौए ने रानी का यह बुरा इरादा अपनी साथिन चिड़ियों को फ़ौरन सुना दिया और वह सब राजा की लड़की से कहने के पेश्तर ही ताकि वह ख़ौफ़ न खा जाय, आपस में सलाह करने लगीं। जब उन्होंने अपनी तजवीज़ों को पक्का कर लिया, तब उसको भी रानी का इरादा जाहिर किया। पर उसको पूरा इतमीनान करा दिया कि कुछ दहशत की बात नहीं है, वह उसकी जान बचाने की पूरी कोशिश करेगी।
महल की दीवार के बाहरी तरफ़ ठीक झील के किनारे पर एक झोपड़ी में एक गरीब माहीगीर यानी धींवर रहता था जो अपना जाल महल की दीवार के ऐन नीचे डाला करता था। राजा की लड़की जब कभी अपने साथियों के साथ महल के छज्जे पर बैठती थी उसके मछली पकड़ने का तमाशा देखा करती थी और अकसर उसकी मछलियां ख़रीद कर एक रस्सी से ऊपर खींच लेती थी और उसी तरकीब से उनकी कीमत भी पहुंचा देती थी। इस वजह से उस बूढ़े के साथ उसका गोया एक पूरा दोस्ती का रिश्ता हो गया था। तोता भी इस काम में राजा की लड़की के साथियों में शरीक हुआ करता था क्योंकि उसे मछली का बड़ा शौक था और उसकी और मछुए की खूब अच्छी तरह मुलाक़ात थी। पस इस बुड्ढे के पास तोता और दोनों कौए अंगूठी को लेकर पहुंचे और अंगूठी उसकी उंगली में पहना कर जिससे कि वह उनकी बोली समझ सके उससे बोले कि “ऐ नेक बुड्ढे, राजा की लड़की की जो कि तेरी इतनी बड़ी मुरब्बी है आज जान ख़तरे में है और उसके बचाने के लिये तेरी मदद दरकार है"। उस नेक आदमी ने फ़ौरन वादा किया कि वह राजा की लड़की के बचाने के लिये जो काम होगा बड़ी खुशी से करेगा, बल्कि अपनी जान का भी कुछ ख़याल न करेगा। तब उसको सब हाल सुना दिया गया और उसने तोते के सब हुक्मों को बजा लाने का इकरार किया।