राजा की लड़की किसी तरह मुशकिल से ज़मीन से उठी और तोते के कहने पर कि इस मौके पर ज़रूर भाग चलना चाहिये उसके साथ दरवाजे की राह जो कि अब खुला हुआ था, बाहर निकल गई और सीढ़ियां उतर कर बाग़ में दाख़िल हुई, जहां दोनों कौए भी मिल गये। तोता आगे हुआ और कौए पीछे और वह सब दीवार के एक छोटे दरवाजे पर पहुंचे। लड़की ने कुछ मुशकिल के साथ किवाड़ों की कुन्दी खोल ली और जब सब बाहर हुए अपने तई ऐन झील के किनारे पर पाया। उस वक्त झील के दूसरे किनारे के पास दो हंस तैर रहे थे; तोते ने राजा की लड़की से कहा कि “इन को अंगूठी दिखा कर हुक्म दे कि तुझे झील के पार पहुंचा दें"। ज्यों ही लड़की ने हंसों को अंगूठी दिखाई वह उसके पास आकर सिर झुका कर पूछने लगे-"क्या हुक्म है?" वह बोली-"मुझे झील के उस पार ले चलो"-हंसे ने उसी दम अपनी जोड़ी बना ली और राजा की लड़की ने पानी में धस अपने दोनों बाजुओं को दोनों हंसों की पीठ पर लगा लिया। धड़ उसका कंधों के नीचे तक पानी में हो गया, सिर्फ़ सिर ऊपर रहा और दोनों हंस उसे ले चले। तोता बड़े आराम से राजा की लड़की के कंधे पर बैठा था और कौए सभी के ऊपर उड़ते चलते थे।
जब वह सब झील के पार हुए, राजा की लड़की उतर पड़ी और हंस उसका हुक्म पाकर लौट गये। राजा की लड़की ने वहां चट्टानों में एक अलहदा जगह पाकर अपने भीगे कपड़े धूप में सूखने को डाल दिये और तोते ने एक कौए को चट्टान की चोटी पर खबरदारी के लिये बैठा दिया और दूसरे को राजा की लड़की के कहने से यह मालूम करने के लिए महलों को रवाना किया कि आग लगने से रानी के बच्चे को किसी तरह की तकलीफ़ तो नहीं पहुंची।
जब तक कपड़े सूखे, यह कौआ महलों से लौट आया और यह ख़बर लाया कि बच्चे को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचा, और आग भी सब बुझ गई है। लेकिन राजा की लड़की के बाबत महल में बड़ा शोर मच रहा है। बब्बू वगैरह सब नौकर उसकी खोज कर रहे हैं और जो कोई राजा की लड़की को रानी के पास ले आवे, उसके लिये ५० अशर्फ़ी का इनाम मुकर्रर हुआ है।
तोते ने राजा की लड़की से कहा कि कपड़े पहन कर अब जल्दी उसके पीछे २ चल दे क्योंकि अभी ऐसी जगह बहुत दूर थी जहां उसके खोजने वालों की पहुंच न हो। पस उन्होंने कूच कर दिया। कौए आसमान की राह चारों तरफ निगाह रखते चलते थे और तोता राजा की लड़की के आगे २ रास्ता बताता जाता था। थोड़े ही अर्से में वह एक बड़े बन में पहुंचे। यहां एक कौआ तो ऊंचा आसमान में दरखों की चोटियों से ऊपर २ उड़ता हुआ चला, और दूसरा कौआ नीचे उतर कर राजा की बेटी के आगे हो लिया। उन्हें बहुत से आदमी उस बन में मिले, लेकिन जब कोई आता दिखाई देता नीचे वाला कौआ अपनी बोली में कह कर लड़की को ख़बरदार कर देता और जब तक वह आदमी निकल नहीं जाता लड़की किसी झाड़ो या पेड़ या पत्तों की आड़ में छिप रहती; और उन चिड़ियों पर कोई ध्यान नहीं देता था।