shabd-logo

गजल

hindi articles, stories and books related to gajal



  • दूर कही मेरे नजरों से जाया ना करो
  • डरता है ये दिल मेरा

दर्मियां-ए-आरज़ू में रहें तो बेहतर हो।

नसीब का

गज़ल
होता है खेल सिर्फ ,जहां में नसीब का।
चाहे अमीर का कहो, चाहे गरीब का।।

ग़ज़ल
-------------
ये ख़ौफ़-ए- ख़ामुशी और ख़ौफ़ वहशतों का भी |

अभी तो शाम ढली है जरा रात तो जवां होने दो ।
फिर सुनाऐगें हाल-ए- दिल जरा इक जाम तो पीन

सुनो बलम सूनि तुम बिनु दुनिया है।
आओ बाट जोहत तोरी जोगनिया है।

ग़ज़ल

------------------------

जो जीते जी न आए वो अज़ादारी को आएंगे |

अभी कु

हम बहुत रोए किसी त्यौहार से होकर  जुदा

जी सका है  कौन अपने प्यार से हो कर &nb

अक्श इसमें किसी और का बना है।
ये दिल इश्क़ का नहीं खूं का बना है।

ये जो बे-ज़ुबानों की बस्ती है।
हां ये जो इंसानों की बस्ती है।

सुनो बलम सूनि तुम बिनु दुनिया है।
आओ बाट जोहत तोरी जोगनिया है।

मैं फ़िर से किसी से नज़दीकियां  बढ़ाऊं क्या
आधे सफ़र तक किसी

मुसल्सल आंसुओं से भीगी हुई आंखों से हंसना सीख ।

गिर के बिखर गया तो क्या फिर से उठ और चलना

featured image

दोहा ग़ज़लकोरोना इक वायरस, परेशान संसार।पूरे जग में मच रहा, देखो हाहाकार।हाँथों को तुम जोड़कर, सबको करो प्रणामकोरोना ने कर दिया, मानव को बीमार।निश्चित दूरी कीजिये, मुह पर पहनो मास्कहाँथों को तुम ध्यान से, धोना बारम्बार।बैठे सब बेकार हैं, कामगार मजदूरकोरोना की मार से, दिखते सब लाचार।बाहर जाने से प्रथम,

*पुरानी ध्वनि नया तरीका:-* *_ध्वनि :-मैं दुनिया तेरी छोड़ चला_* मैं तन्हा जीना सीख रहा,नजरों के सामने मत आना|आंसू छलकते नैनो से, पोंछने के बहाने मत आना|मैं तन्हा....................... 💝💔💓💕💗💘करके बादे वफा के हमसे, गैरों से प्रीति लगा बैठे|जब से मिल गया मीत उनको,

featured image

★★★★ जरुरी है ★★★★ 💐💐💐💐💐💐💐💐रिश्तों में समझौता यक़ीनन,बेहद जरुरी हैज़ख्म ज़िंदगी ज़ख्मों से भरी,कारगर मरहम जरुरी हैहर ज़ुम्बिश ओ' साँसों परतवज़्ज़ो करने वाले,अपने हीं ख़ुद-परस्त हुए तो क्या हुआ?हर ज़ायज़-नाज़ायज़ काम कापक्का हिसाब जरुरी हैमंज़ूर किया ग़र सरयामताज़िंदगी साथ चलने के लिए,वख़्त-बेवख़्त हर उसूलनिभ

featured image

मेरी परछाई हरदम साथ चली।हर गांव शहर गली गली ।जो थे मेरे कर्म या थी कोई डगरमिलकर गले पल-पल साथ चलीं।मैं झुका संग झुकी मैं गिरा वह भी गिरकरहर इरादे में साथ चली।मेरी परछाई..............तन्हा सफर हो या रोशन रातेंसंग दूर तलक चली।सत्य की राह हो या हो मिथ्य पथ।बेबस बे जुबां चली।मेरी परछाई ..…............क

ए हमदम मेरे और दीवाने मेरे मैं भी देख दीवानी बन गई हूं मुहब्बत का तेरी ऐसा असर है हरी बेल सी आज मैं तन गई हूं मेरा मोल समझा ना पहले किसी ने मुझको फकत एक नाचीज समझा तूने मोल मेरा है जब से बताया अब तो मैं अनमोल बन धन गई हूं अकेली थी जब तो हिम्मत नहीं थी चारो तरफ नाग लहरा रहे थे जब से मिला है तेरा साथ

अगर प्यार होता नहीं मेरे मन में तो कैसे मैं इसका इकरार करती कितना भी चाहे तू मुझको लुभाता इसका ना हरगिज मैं इजहार करती औरत के मन में बसे गर ना कोई उससे वो फिर दूरियां है बनाती फिर भी अगर कोई पीछा करे तो ऊंची मैं छिपने को दीवार करती राहों में तेरी पलके बिछा कर बैठी हूँ कब से तुझे देखने को अगर मेरे दि

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए