shabd-logo

गजल

hindi articles, stories and books related to gajal


ग़ज़ल- याद आने लगे है-मुझे वो बहुत याद आने लगे है।वो सपनों में आकर सताने लगे है।।मुहब्बत थी जिनको बहुत हमसे कल तक।वो अब दूर रहकर सताने लगे है।।निकट तो अभी वो नहीं आते मेरे।मगर ख़त मुझे अब लिखाने लगे ह

जैसा चाहा वैसा कोई मंज़र न मिला।मैं उम्र भर सफ़र में रहा घर न मिला।मैं ज़ख़्म सीने पर खाने को तैयार हूं।मगर चाहत भरा कोई खंज़र न मिला।रंज-ओ-ग़म, बेज़ार-ओ-बे'नूर हाय तौबा।दिलों के जहां में एक भी दिलबर

ज़िंदगी एक सफ़र ही तो है।सारा शहर मेरा घर ही तो है।ये शहर जला, वो कोई माराख़ैर छोड़ो ये ख़बर ही तो है।तेरी बातें खंज़र सी चुभती है।छलनी होने दो जिगर ही तो है।जाने वाले को भला मैं कैसे रोकूं।अपना नहीं

मैनू उस दे रूप दे नाल परियां दिस दीवो मिट्टी छू दे ते सोणे दे मोल बिकदीओनू तितलियां बहुत सतान्दी हैओनू हुस्ना फूला दा नाल महकदीदस खुदाया इन्ना सोणा हुस्न क्यूं बणायाजद्दे नाल देखदी हीर दी आंख तरसदीरब्

नज़रें  मिला  के उसने  तो यार  कमाल कर दिया!एक   हसीना  ने  मिरा   जीना  मुहाल  कर  दिया!फैली  तो है  ये बात  भी  श

तुम्हारी जुल्फों के साए से भी, न जाने क्यूँ डरसा लग रहा है!कोई तो  है आस  पास अपने, या सिर्फ मुझको गुमाँ हुआ है!किसी की आँखों में अश्क हैं तो,किसी के चहरे पे मुस्कुराहट,अजीब  रस्में&nbs

जाने  और  अनजाने  में बस तिरा  नाम  पुकारा करते हैं!अक्सर  ही  दीवारों   पर  तिरी  तस्वीर  उतारा  करते  हैं!आतिश ए इश्क़ने बख़्शे

राना का नज़राना (ग़ज़ल संग्रह)ग़ज़लकार- राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'सन्-2022 मूल्य-50 पेज-62अनुक्रमणिका-1- बहुत दिन गुजर गये2-ज़िन्दगी साकार है3- ये असर देखा-4- मुलाकात होगी-5-क्या दिया आपने-6-आप क्यों-

इश्क की गलियों का दीदार कर आया।किसी की जुल्फ़ों से मैं प्यार कर आया।जानता हूं उनकी हर एक बाते झूठी है।हां मगर दिल के हाथों ऐतबार कर आया।दिल के कई फसाने जमाने ने सुनाई थी।मैं भी आज दिलों का व्यापार कर

आपकी नजर

गज़ल
कहां  तरक्की  बोलो  र

कहना और सुनाना क्या है।
गुज़रा दौर भुनाना क्या है।

यूं गद्दी पर बैठे बैठ

बादल और किसान  गजब की यारी है।

कभी दोस्ती तो दु

ख्वाब मेरे आसमां तक यूं घुमाते हैं मुझे।
बादलों में बीजुरी जैसे छुपाते हैं मुझे।<

जिन्दगी के गीत गुनगुनाता चला गया

हर रास्ते से हाथ मि

*उनकी महफिल में खुशियां बरसती रहें
मेरा नादान दिल भी बहल जाएगा।
रोऊंगी ना याद करके, उनको

हर इक इम्तिहा से गुजरना ही होगा

चल जिंदगी तुझको चलना ही होगा

रो-रो के काटें , खुशी

इश्क़ में मैं बदल रहा था बदला नहीं था।
सब कु

जीने मरने की बातें करता था 


वो कितनी झूठी बातें करता था। 

इश्क की चलो कोई रस्म हम निभाते हैं।

सुर्ख सांझ साहिल

उन्हें ना आने की जिद है पर मेरे इंतजार की हद नहीं |

किस को कौन समझाए दोनों को ही इसकी समझ

किताब पढ़िए