जम्मू
कश्मीर में जिला विकास परिषद के चुनाव परिणाम अमन शांति की और बढ़ते कदम
डॉ शोभा
भारद्वाज
जम्मू
कश्मीर में जिला विकास परिषद के चुनाव संसद द्वारा धारा 370 की समाप्ति के बाद हुए
गुपतार गठ्बन्धन का चुनावों में हिस्सा लेना परोक्ष रूप से अनुच्छेद 370 की
समाप्ति पर स्वीकृति थी 370 का काल गुजर गया . महबूबा मुफ़्ती
ने रिहा होने के बाद बागी तेवर अपनाते हुए कहा था उन्हें चुनाव लड़ने और राष्ट्रीय ध्वज
तिरंगा उठाने में तब तक दिलचस्पी नहीं है जब तक पांच अगस्त को लागू किए गए
संवैधानिक बदलाव वापस नहीं लिये जाते चुनाव में गठबंधन बनाकर स्थानीय चुनावों में
हिस्सा लिया ने लेते तो विधान सभा चुनावों में किस मुहं से जाते . पीडीपी के
प्रवक्ता कह रहे हैं यह चुनाव दारा 370 की समाप्ति के विरुद्ध जनमत है जनमत भी देख
लिया.
गुपतार डिक्लेरेशन में कांग्रेस ने शामिल होने
की घोषणा की थी परन्तु चुनावों से पहले कांग्रेस ने स्पष्ट किया है वह देश की
अखंडता , अस्मिता ,तिरंगे को नुक्सान पहुंचाना एवं भारत के आंतरिक मामलों में विदेशी हस्तक्षेप स्वीकार नहीं करेगें लेकिन कांग्रेस जम्मू कश्मीर में
प्रजातांत्रिक चुनाव की वह पक्षधर है इसलिए उनका दल जिला विकास परिषद का चुनाव लड़ा
.उनके प्रवक्ता कह रहे हैं जहाँ उनकी स्थिति कमजोर थी वहाँ इंडिपेंडेंट
उम्मीदवारों का उन्होंने समर्थन किया .
धारा 370 , 35 a की समाप्ति के बाद कश्मीर में पूरी तरह शांति थी दुःख उनको हुआ जिन्होंने
सत्ता का आनन्द भोगा था ,अलगाववादियों ने पाकिस्तान समर्थित
आतंकवाद को हवा देकर अपने घर भरे थे . जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख के निवासी विकास चाहते हैं केंद्र से आने वाला पैसा जन
कल्याण में खर्च हो एवं आतंकवाद से छुटकारा मिले वह देश की मुख्य धारा से जुड़ना
चाहते हैं .सुरक्षा बलों ने आतंकियों से कश्मीर की जनता को सुरक्षा देते हुए
ड्यूटी पर मुस्तैद रहे .
4 अगस्त 2019 को स्थानीयत दलों ने फारूक अब्दुल्ला के गुपकार रोड स्थित घर पर एक बैठक बुला
कर सर्वसम्मती से गुपतार समझौते पर हस्ताक्षर किये इनमें नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, कांग्रेस, जम्मू-कश्मीर पीपल्स कॉन्फ्रेंस, आवामी
नेशनल कॉन्फ्रेंस, भाकपा एवं माकपा प्रमुख दल थे. संयुक्त
बयान में कहा गया जम्मू-कश्मीर की स्वायत्ता और उसे मिले स्पेशल दर्जे को बचाने के
लिए एकजुट रहेंगे. गुपतार डिक्लरेशन के अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला , पीडीपी की प्रमुख महबूबा मुफ़्ती उपाध्यक्ष हैं .माकपा नेता एमवाई तारीगामी इसके संयोजक और पीपुल्स
कांफ्रेंस के नेता सज्जाद गनी लोन इसके प्रवक्ता बनाये गये .
गुपतार गठबंधन के दल भाजपा के विरुद्ध चुनाव लड़े यह चुनाव स्थानीय
हितों को सामने रख कर लड़ा गया कई इंडिपेंडेंट उम्मीदवारों ने स्थानीय मुद्दों पर
चुनाव लड़ा मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग
करने घरों से निकले उनमें उत्साह था उन्होंने मताधिकार का प्रयोग जम्मू कश्मीर में
अमन शांति , आतंकवाद से मुक्ति. विकास , के नाम पर किया .पश्चिमी पाकिस्तान से आये
शरणार्थियों को लोकसभा में वोट देने का अधिकार था लेकिन विधान सभा एवं स्थानीय स्तर
पर वोट देने का अधिकार नहीं था अब उन्होंने विकास परिषद के चुनावों में 70 वर्ष
बाद हिस्सा लिया था .जम्मू कश्मीर में प्रजातंत्र की जड़ें मजबूत हों एक दिन विधान
सभा के चुनाव धान्ति पूर्वक हों
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लिखना मेरा शोक है में 30 वर्षों से आकाश वाणी से जुडी हुई हूँ आज का विचार, और वार्ता मे भाग लेती हूँ लेख भेजती हूँऔर विचार रखती हूँ पांचवा स्तम्भ , सूर्या संस्थान द्वारा छपने वाली मैगजीन में मेरे लेख प्रकाशित होते हैं वर्तमान अंकुर अखबार में नितन्तर मेरे लेख छपते हैं जागरण जंगशन और नवभारत टाईम्स ब्लॉग में निरंतर लिखती हूँ अंतर्राष्ट्रीय विषयों और कूटनीति के विषयों में मेरी विशेष रूचि है वैसे राजनीती और किसी महान पुरुष के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालना मेरा प्रमुख उद्देश्य है मैने 10 वर्ष ईरान में उस समय परिवार सहित बिठाये हैं जब ईरान का शाह देश छोड़ कर जा चुके थे इस्लामिक सरकार ने किस तरह ईरान की जनता पर नियन्त्रण किया तथा ईरान इराक युद्ध देखा मैंने भारत पाकिस्तान सम्बन्धों पर पर रिसर्च की है विषय Anglo American Impact on the Indo Pak Relations और कुछ ख़ास नहीं, मुख्य शौक लेक्चर देना है ,लिखना मेरा शोक है में 30 वर्षों से आकाश वाणी से जुडी हुई हूँ आज का विचार, और वार्ता मे भाग लेती हूँ लेख भेजती हूँऔर विचार रखती हूँ पांचवा स्तम्भ , सूर्या संस्थान द्वारा छपने वाली मैगजीन में मेरे लेख प्रकाशित होते हैं वर्तमान अंकुर अखबार में नितन्तर मेरे लेख छपते हैं जागरण जंगशन और नवभारत टाईम्स ब्लॉग में निरंतर लिखती हूँ अंतर्राष्ट्रीय विषयों और कूटनीति के विषयों में मेरी विशेष रूचि है वैसे राजनीती और किसी महान पुरुष के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालना मेरा प्रमुख उद्देश्य है मैने 10 वर्ष ईरान में उस समय परिवार सहित बिठाये हैं जब ईरान का शाह देश छोड़ कर जा चुके थे इस्लामिक सरकार ने किस तरह ईरान की जनता पर नियन्त्रण किया तथा ईरान इराक युद्ध देखा मैंने भारत पाकिस्तान सम्बन्धों पर पर रिसर्च की है विषय Anglo American Impact on the Indo Pak Relations और कुछ ख़ास नहीं, मुख्य शौक लेक्चर देना है ,लिखना मेरा शोक है में 30 वर्षों से आकाश वाणी एवं टीवी चैनलों से से जुडी हुई हूँ आज का विचार, और वार्ता मे भाग लेती हूँ लेख भेजती हूँ और विचार रखती हूँ पांचवा स्तम्भ , सूर्या संस्थान द्वारा छपने वाली मैगजीन में मेरे लेख प्रकाशित होते हैं वर्तमान अंकुर अखबार में नितन्तर मेरे लेख छपते हैं में वरिष्ठ स्तम्भकार हूँ जागरण जंगशन और नवभारत टाईम्स ब्लॉग में निरंतर लिखती हूँ अंतर्राष्ट्रीय विषयों और कूटनीति के विषयों में मेरी विशेष रूचि है वैसे राजनीती और किसी महान पुरुष के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालना मेरा प्रमुख उद्देश्य है मैने 10 वर्ष ईरान में उस समय परिवार सहित बिठाये हैं जब ईरान का शाह देश छोड़ कर जा चुके थे इस्लामिक सरकार ने किस तरह ईरान की जनता पर नियन्त्रण किया तथा ईरान इराक युद्ध देखा मैंने भारत पाकिस्तान सम्बन्धों पर पर रिसर्च की है विषय Anglo American Impact on the Indo Pak Relations और कुछ ख़ास नहीं, मुख्य शौक लेक्चर देना है ,लिखना मेरा शोक है में 30 वर्षों से आकाश वाणी एवं टीवी चैनलों से से जुडी हुई हूँ आज का विचार, और वार्ता मे भाग लेती हूँ लेख भेजती हूँ और विचार रखती हूँ पांचवा स्तम्भ , सूर्या संस्थान द्वारा छपने वाली मैगजीन में मेरे लेख प्रकाशित होते हैं वर्तमान अंकुर अखबार में नितन्तर मेरे लेख छपते हैं में वरिष्ठ स्तम्भकार हूँ जागरण जंगशन और नवभारत टाईम्स ब्लॉग में निरंतर लिखती हूँ अंतर्राष्ट्रीय विषयों और कूटनीति के विषयों में मेरी विशेष रूचि है वैसे राजनीती और किसी महान पुरुष के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालना मेरा प्रमुख उद्देश्य है मैने 10 वर्ष ईरान में उस समय परिवार सहित बिठाये हैं जब ईरान का शाह देश छोड़ कर जा चुके थे इस्लामिक सरकार ने किस तरह ईरान की जनता पर नियन्त्रण किया तथा ईरान इराक युद्ध देखा मैंने भारत पाकिस्तान सम्बन्धों पर पर रिसर्च की है विषय Anglo American Impact on the Indo Pak Relations और कुछ ख़ास नहीं, मुख्य शौक लेक्चर देना है D