जम्मू , कश्मीर , लद्दाख भारत का भाल हैं
डॉ शोभा भारद्वाज
जम्मू ,कश्मीर ,लद्दाख भारत का भाल हैं भारतवासी अपने इस भूभाग के लिए बहुत सम्वेदनशील शील रहे है . कश्मीर का बहुत बड़ा बजट है . कश्मीर की रक्षा और पाक समर्थित आतंकवादियों से बचाने के लिए के लिये सैनिक लगातार बलिदान दे रहे हैं पाकिस्तान से आतंकी निरंतर भेजे जाते हैं आपरेशन आल आउट द्वारा सुरक्षा बल आतंकियों से कश्मीर की रक्षा करते हैं अकसर शहीद जवानों के शव तिरंगे से लिपट कर आते हैं उनके सम्मान में जन समूह एकत्रित हो जाता है हर आँख में आंसू भारत माता की जय के नारे से शहीदों को अंतिम विदाई दी जाती है
5 अगस्त 2019- का दिन संसदीय इतिहास का महत्वपूर्ण दिन रहा राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह द्वारा जम्मू कश्मीर की धारा 370 ,3519, a को समाप्त करने का प्रस्ताव लाया गया धारा के हर पहलूओं पर विचार किया गया जम कर बहस हुई प्रस्ताव जम्मू कश्मीर की आम जनता के हित में है लेकिन सरकार के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं था ‘देश हित में सांसदों ने पार्टी लाइन से हट कर धारा 370 ,35 A हटाने के पक्ष में वोट दिया’ राज्यसभा में पास होने के बाद दूसरे दिन लोकसभा में प्रस्ताव पर जम कर बहस हुई कुछ कांग्रेसी सांसदों ने पुन : सरकार के प्रस्ताव का समर्थन किया धारा ‘370 एवं 35,a , की समाप्ति बिल ‘370’ सांसदों के समर्थन से पास हो गया' लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया गया जम्मू कश्मीर में निश्चित तारीख में विधान सभा के चुनाव होंगे अभी वह केंद्र शासित प्रदेश है . अब देश का एक विधान एक झंडा है .
संसद द्वारा 370 ,35 a हटाया जाना पाकिस्तान को स्वीकार नहीं था. आतंकवादियों की खेप निरंतर कश्मीर घाटी में भेज रहा है लेकिन चाक चौकंद सुरक्षा बल निरंतर आतंकियों का सफाया करते रहते हैं . सीमाओं पर निरंतर गोलाबारी चलती है यहां तक रिहायशी गाँवों को भी निशाना बनाया जाता है जिनका जबाब सुरक्षा ब्ल निरंतर दे रहे हैं . चीन इस विषय को संयुक्त राष्ट सुरक्षा परिषद में ले जाना चाहता था लेकिन विश्व के राष्ट्रों ने उसका समर्थन नहीं किया इसे भारत का अंदरूनी मामला माना गया .पाकिस्तान के अधिकार वाले पीओके के लोग भी पाकिस्तान से छुटकारा पाना चाहता है लेकिन सैन्य शक्ति से उसे दबाया जाता है .
मोदी जी ने पहले कार्यकाल के पाँच वर्षों में विशेषाधिकार देने वाली धारायें जो कश्मीर की आर्थिक प्रगति में बाधक थी दूसरों के अधिकारों का हनन कर रहीं थी उनके खिलाफ समा बनाने की कोशिश की . धारा 370 के अनुसार ‘भारतीय संसद को रक्षा ,विदेशी मामले और संचार के विषयों पर ही कानून बनाने के सीमित अधिकार दिए गये थे" अन्य विषयों पर बने कानूनों को लागू करने करते समय धारा 370 ,35 a द्वारा बाधायें खड़ी की जाती थीं कई विशेषाधिकार ऐसे थे जम्मू कश्मीर के उत्थान में बाधक थे जिनमें कश्मीरी के अलावा कोई भी भारतीय कश्मीर में न जमीन खरीद सकता था न कारखाना लगा सकता है जबकि कश्मीरी भारत के किसी भी भूभाग में जमीन खरीद सकते हैं कारखाने लगा सकते हैं . कश्मीरी बेटियाँ गैर कश्मीरी से विवाह करने के बाद पैतृक सम्पत्ति से वंचित हो जाती थी दोहरी नागरिकता ,जम्मू कश्मीर का झंडा ऐसे अनेक विषय जो अब समाप्त हो चुके हैं |
आतंकवाद के कारण कश्मीर में आने से सैलानी भी बच रहे थे .
भारतीय संघ में अनेक राज्यों का विलय हुआ था लेकिन जम्मू कश्मीर राज्य के विशेषाधिकारों में समय-समय पर अनेक संशोधन कर केंद्र का अधिकार क्षेत्र बढ़ाया गया था केन्द्रीय आईएएस,और आईपीएस अधिकारियों की नियुक्ति होने लगी और सीएजी के अधिकार भी लागू किये गये ,भारतीय जनगणना का कानून भी लागू हुआ .
धारा 370 ,35 a का लाभ अलगाववादियों ने जम कर उठाया वहां के नागरिकों को केंद्र सरकार के विरुद्ध भड़काते रहते थे पाकिस्तान , मुस्लिम देशों,विदेशों में रहने वाले पाकिस्तानियों एवं विदेशियों से निरंतर फंड हवाला के जरिये आता रहता था जिसका उपयोग अपने घर भरने आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए करते .केंद्र सरकार द्वारा भेजी गयी कश्मीर के विकास की राशि जनता तक नहीं पहुंचती थी घाटी के दूर दराज गाँवों तक विकास पहुँचाया ही नहीं गया केवल तीन परिवारों के हाथों में सत्ता रहती थी भारत सरकार का बजट उनकी शान शौकत में खर्च हो जाता था .जम्मू किसी तरह अपना हिस्सा ले लेता था लेकिन लद्दाख के पास बहुत बड़ा भू भाग है उसके विकास के हिस्से में फंड बहुत कम आता .
अलगाववादियों ने करोड़ों की सम्पत्ति बनाई एवं दिल्ली और बड़े शहरों में खरीद कर शानदार घर बनाये दोनों स्थानों में आते जाते रहते थे . वह शानदार शाही जीवन बिताते थे उनके बच्चों का भविष्य सुरक्षित एवं शानदार था कुछ सरकारी नौकरियों का लाभ उठाते थे कईयों के बच्चे विदेशों में पढ़ने गये हैं .
अन्य कश्मीरियों के बच्चों के हाथ में पत्थर पकड़ा दिए उनके बस्तों में पत्थर भरे रहते जिन्हें वह सुरक्षा बलों पर चलाते जब भी आतंकियों को सुरक्षा बल घेरते सरक्षा बलों पर पथराव कर उनका ध्यान भटकाने की कोशिश की जाती आतंकियों ने स्कूल जला दिए थे नौजवानों को जेहादी बनने का प्रवचन दिया जाता . आतंकी के जनाजे पर भारी भीड़ देखी जाती थी अलगाव वादियों के नेतृत्व में भाषण दिए जाते पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे घाटी में गूँजते थे काफी समय से इस्लामिक स्टेट का झंडा भी लहराते देखा जाता रहा .ईराक एवं सीरिया से तम्बू उखड़ने के बाद इस्लामिक स्टेट के पक्षधरों के लिए कश्मीर घाटी स्वर्ग जैसी थी विकास के लिए फंड लेते उनका भारत सरकार के हिस्से में केवल गालियाँ थीं . धारा 370 हटाने के बाद कश्मीर में चाक चौकंद व्यवस्था की गयी लद्दाख की जनता ने धारा हटाने का स्वागत किया गया जम्मू भी खुश एवं शांत रहा लेकिन घाटी में विरोध का भय था लेकिन छुट पुट घटनाओं को छोड़ कर अन्य शान्ति हैं अलगाववादियों के हवाला से आने वाले फंड पर रोक लगाई जा रही है कुछ सरकारी कर्मचारी हवाला के जरिये अपने अकाउंट में पैसा मंगवाते उन पर शिकंजा कसा कुछ को नौकरी से निकाला गया सफेद पाशों की दादा गिरी खत्म होती जा रही है .
अब पत्थर बाजी की घटनाएँ भी कम सुनने में आती है नौजवान अपना कैरियर बनाना चाहते हैं . मुख्य धारा से जुड़ते जा रहे हैं . 370,35 a को समाप्त हुए दो वर्ष हुए हैं कोरोना महामारी की वजह से विकास की गति धीमी रही लेकिन कश्मीर में शान्ति है .त्रिस्तरीय पंचायती व्यवस्था लागू हुई सभी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया .अब गुज्जर बकरवाल ,गद्दियों, आदि को आरक्षण का लाभ मिला कश्मीर में किसी भी वर्ग के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए ऐसी व्यवस्था स्थापित करने की कोशिश की जाती है कश्मीरी बच्चियों को न्याय मिला बाहर विवाह हो जाने के बाद भी वह अपने अधिकारों से वंचित नहीं हैं . अब चुनाव भी जल्दी हो जायेंगे जम्मू कश्मीर की अपनी विधान सभा होगी परिसीमन आयोग द्वारा विधान सभा क्षेत्रो का परिसीमन किया जा रहा है
संसद द्वारा 370 ,35 a हटाया जाना पाकिस्तान को स्वीकार नहीं था आतंकवादियों की खेप निरंतर कश्मीर घाटी में भेज रहा है लेकिन चाक चौकंद सुरक्षा बल निरंतर आतंकियों का सफाया करते रहते हैं . सीमाओं पर निरंतर गोलाबारी चलती है यहां तक रिहायशी गाँवों को भी निशाना बनाया जाता है जिनका जबाब दिया जाता है चीन इस विषय को संयुक्त राष्ट सुरक्षा परिषद में ले जाना चाहता था लेकिन विश्व के राष्ट्रों ने उसका समर्थन नहीं किया इसे भारत का अंदरूनी मामला माना गया |
भाषण बाजी कितनी हो धारा 370 , 35 a इतिहास में चले गये .
कश्मीर की सुरम्य घाटियाँ लहराता तिरंगा , जय हिन्द