shabd-logo

लघु कथा

hindi articles, stories and books related to Laghu katha


ए वतन ,ए वतन हमको तेरी कसम ,तेरी राहों मे जां तक लुटा जाए गें।ए वतन ,ऐ वतन।"रामरती ईंटों के भट्ठे पर बैठी ईंट बना रही थी । नन्हा चीकू  मां के साथ बैठकर गारा मिट्टी से तरह तरह के खिलौने बना रहा था

                            ।।     जय श्री राम ।। आज का दौर इंटरनेट का दौर है हम सब को ये बात पता है ... आज   में आप से लोगो के गरीबी के नजरिए से जोड़ी सच्ची घटना पर बात करना चाहता हूं।  एक ias

हैलो... दोस्तों ! आप सब कैसे हैं । मुझे मालूम है सब ख़ैरियत से हैं । तो चलिए... इसी ख़ैरियत में हम आप सभी को एक लवस्टोरी सुना देते हैं । क्या आप सभी तैयार हैं ? अगर हां...तो मुझे कमेंट बॉक्स में अपन

पूरी हवेली में चहल-पहल हो रही थी। हवेली को काफी बेहतरीन तरीके से सजाया जा रहा था। मियां हसीन शादी करने जा रहे थे। 80 साल के मियां हसीन की यह 9वीं शादी थी। अभी दो साल पहले ही मियां हंसीन अब्बू बने थे।

एक बार एक विघालय में अध्यापक अपने विधार्थियो को एक कहानी सुना रहे थे...। प्यारे बच्चों आज मैं तुम्हें एक ऐसी कहानी सुना रहा हूँ... जो आज के जीवन की सच्चाई को बयां करता हैं...। एक समय की बात

हाल गर्दिश के सितारों सा हैदिल उलझें हुए तारों सा हैइक तरफ सांस बोझिल है मिरी दूसरी तरफ बेफिक्र आवारों सा हैउनकी हवाओं का रुख ना करवो शहर इश्क़ के मारो का हैकिसकी बनी है जो तू बना लेगाइश्क़ उतरते-च

featured image

मैं भौचक्का का जूता हूँ। मुझे याद है वो दिन जब भौचक्का दुकान में मुझे लेने आया था। उसके पैर में पुराने जूते थे जिसमें से उसका पैर का अँगूठा निकल कर बाहर झाँक रहा था। उसने इतने सारे जूतों में से मुझे

featured image

  अब लौट चलूं आज मुझें ऐसा लग रहा था कि मैं सच में आजाद हूं, सारी दुनियां आज पहली बार मुझें नई लग रहीं थी....सब कुछ नया सुकून से भरा....गर्त के अंधेरे को चीर कर मेरे कदम नए उजाले की ओर अनयास

featured image

  अब लौट चलूं आज मुझें ऐसा लग रहा था कि मैं सच में आजाद हूं, सारी दुनियां आज पहली बार मुझें नई लग रहीं थी....सब कुछ नया सुकून से भरा....गर्त के अंधेरे को चीर कर मेरे कदम नए उजाले की ओर अनयास

            "रानी की सॉस  का गुस्सा इतना बढा हुआ  था कि उसे समझ मे नही आ रहा था कि वो उनका गुस्सा कैसे ठिक करे ,फिर रानी अपनी सॉस  के लिए  खाना ल

               "रानी बहुत व्याकुल  हो रही थी ,किसे नास्ता  पहले दे ,और किसे ना दे ,पति को नास्ता  दे या फिर ससुर जी को पहले नास्ता  देने जाए

       "आवाज  सुनकर चौक गई  ।फिर मेने कहॉ आप अभी तक जाग रहे है , तो वो बोले हॉ जाग रहा हुं ।बस तुम्हारा इन्तजार  कर रहा था कि कब तुम कमरे मे आओगी ।अच्छा  छ

         " जैसा कि आपने देखा ,रानी का  पति  राज  रानी को लेने स्टोर  रूम  मे आता है ।रानी ,राज के साथ कमरे मे नही जाती है  ।    &n

          "बहुत सोचने समझने के बाद रानी उसी स्टोर  रूम  मे बिस्तर  लगा कर लेट जाती है ।नीतु वहॉ से चल गई  थी , रानी लेटे-लेटे बहुत कुछ सोचते रहती है ,

          "फिर थोडी देर बाद मुझे कमरे मे भेजा गया तभी मै नीतु से पूछी की ,,,, आपके भैया कहॉ है ,,,, वो अपने दोस्तो के साथ बाहर गए है ,,, फिर मै बोली ,,, हॉ उनको क्या मतलब

              भाग-3  ।  मे हमने देखा कि  'रानी ' को जमीन  पर बैठने के लिए  उसकी सॉस बोलती है ???          &nbs

          "एक घंटे मे नास्ता  तैयार  हो जाना चाहिए  ।बोलकर रानी की नन्द रसोई  से बाहर  चली गई  ।फिर  रानी सोचने लगी।एक घंटे मे कैसे सबक

            "ऑधी रात को दरवाजा कौन खटखटा रहा था ।ये सारे सवालआपलोग  के मन मै चल रहे होगे ।तो चलिए  देखते है ,आखिर  कौन है ।जो दरवाजा खटखटा रहा है ।&nb

             "मन की व्यथा "    एक ऐसी  'औरत 'की कहानी है ,जो मन से ही बाते करती रहती है ।यहॉ तक वो अपने ऑसु भी अपने अंदर, छिपाकर रखती है । 

सानिया अमान के कमरे बाहर आई और उसे दरवाज़ा नॉक किया लेकिन अंदर से कोई आवाज़ नही आई तो वोह दरवाज़ा खोल कर अंदर चली गयी। अंदर आते ही उसकी नज़र ब्लैक ट्रॉज़र और ब्लैक बांयाज पहेने अपनी तरफ पीठ करके खड़े कानो म

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए