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लघु कथा

hindi articles, stories and books related to Laghu katha


महादान अपने जीवन की कठिनाइयों से जूझते-जूझते अंत में निराश हो एक सूरदास एक महात्मा की शरण में जा पहुंचा। उनके चरणों को अपने आंसुओं से भिगोते हुए वह कहने लगा, "महामना, मुझे इस विकलांगता से मुक्ति का को

"कही-बतकही" कहानी संग्रह की सभी कहानियां यथार्थ पर आधारित हैं। हमारे चारों तरफ बहुत सी कहानियां बिखरी पड़ी हैं।  हमें और आपको बस समेटने की आवश्यकता है। किसी घटना, पात्र या समस्या का क्रमबद्ध ब्यौरा ज

मनोहर लाल जी आज सुबह से ही अच्छे मूड़ मे थे । मोबाइल पर अपने जमाने के गाने लगाए बैठे सुन रहे थे।"मुझे नींद ना आये । मुझे चैन न आये।कोई जाए कही ढूंढ के लाएं ना जाने कहां दिल खो गया ।ना जाने कहां द

मिसेज भाटिया के घर के बाहर कोई बहुत सुन्दर गुलदस्ता फेंक गया था। इसके फूल बहुत सुन्दर थे और गुलदस्ता भी बिल्कुल नया था। मिसेज भाटिया का मन तो बहुत कर रहा था कि वह उस गुलदस्ते को उठाकर घर ले आये पर संक

सारा दिन थकान-थकान करके पूरा घर सिर पर उठाए रहती हो । तुम आखिर करती ही क्या हो? बस घर के ये छोटे-मोटे काम और इतने में ही तुम थक जाती हो?ये बात लगभग हर घरेलू महिला को सुनने को मिलती है । सुबह सबसे

आज मैं अपनी मौसी को उनके बेटे लड्डू को पढ़ाते हुए देख रही थी । लड्डू अभी चार साल का है और बहुत शैतान है । मौसी उसे पढ़ाते हुए चिड़चिड़ा जातीं और अक्सर उसे एक-दो थप्पड़ भी रख देतीं क्योंकि वो पढ़ने की बजाय

कहते हैं ना कि कोई चीज़ हमेशा प्राथमिकता नहीं रहती। वक़्त के साथ-साथ हर चीज़ का विकल्प मिल जाता है । हाँ! बहुत समय से यह मान्यता थी कि इंसान का कोई विकल्प नहीं हो सकता लेकिन इंसान के दिमाग ने ही इस धारणा

🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 भारत वर्ष के एक राज्य  भद्र  के एक राजा थे, जिनका नाम अश्वपति था,  राजा अश्वपति के कोई संतान न थी ,राजा और रानी दोनो ही संतान प्राप्ति के लिए बहुत कुछ प्रयास किए

सदियों  पहले की कहानी  है,, एक वृद्ध सन्यासी हिमालय की पहाड़ियों में कहीं रहता था. वह बड़ा ज्ञानी  और बड़ा साधक था ,और उसकी बुद्धिमत्ता की ख्याति दूर -दूर तक फैली थी. *" एक दिन एक 

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  “अब बस छोड़ो ये काम,,, चलो किसी अच्‍छे रेस्‍टोरेंट में डिनर करते हैं,,,” आलमा ने अपनी दोस्‍त और बिजनेस पार्टनर जियाना से कहा    “डिनर??,, और ये काम कौन करेगा बस तीन दिन रह गये है टेंडर निकल

”आया" “मां”  ( लघु कथा )रुप सिंग घर से निकले और तेज़ी से कार चलाते हुए साउथ दिल्ली डीडीए आफ़िस  की ओर रवाना हो गए। आज ही सड़क निर्माण के लिए एक विगज्ञापन आया था । इस ठेके को रुपसिंग हर हाल में

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जाते जाते वो मुझे अच्छी निशानी दे गया....  उम्र भर दोहराउंगा ऐसी कहानी दे गया....  उसकी याद भी तो एक कहानी की तरह है जो हर बार उसके साथ न होने पर मेरी आंखों के सामने आ जाती है जैसे कल ही की ब

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दिल की आवाज भी सुन, लेकिन...  आज फिर दिल ने एक तमन्ना की, आज फिर दिल को हमने समझाया....   इतना आसान नहीं होता दिल को समझाना.   लेकिन यह ज़रूरी है .हर वक़्त दिल की बात सुनने से परेशानी बढ़ सकती

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 “ये हॉस्‍पिटल की दवाइयां की बदबू मुझे बिलकुल पंसद नहीं और पता नहीं ये संचित भी कहां चला गया,,, नंबर बस आने ही वाला है,,,”   “मिस्‍टर शेखर आप अंदर चले जाइये,,,” नर्स ने 65 साल के शेखर बोस को आवाज

अजीब गुनाह है ना लड़की होना भी। सारी उम्र पाबंदियों में ही निकल जाती है कि ये मत करो, वो मत करो। यहाँ मत जाओ, वहाँ मत जाओ। ऐसे खाओ, ऐसे कपड़े पहनो। ऐसे बात करो, ऐसे बैठो बगैरह बगैरह। और इतने सब के बाद भ

रमाकांत गोस्वामी और उनकी पत्नी उर्मिला  बस से उतरकर  धीरे धीरे कदमों से सामने के सोसाइटी में जाते है , उनके हाथों में एक एड्रेस था ,जिसमे उनके बड़े बेटे विनय गोस्वामी का पता था , ,*"!! उनकी

रीवा के कलेक्टर ऑफिस में आज बड़ी सजावट हो रही थी,  आज नई कलेक्टर साहिबा का आगमन होना था , वह दिल्ली से यहां ट्रांसफर हुई थी , सुनने में आया था की वह बहुत साफ सफाई पसंद ,तेज तर्रार और स्ट्रिक्ट थी

मनुष्य के जीवन में मनुष्य के अलावा जानवर भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस दुनिया में मनुष्य की नीयत चाहे बदल जाये लेकिन जानवर अपनी नीयत कभी भी नहीं बदलते हैं । वे अपने मालिक प्रति पूरी इमानदारी और

नमस्कार स्वागत है आपका  है ,मैं राहुल दवे (rk के अल्फ़ाज़) हाजिर हूँ आपके सामने एक नया अध्याय लेकर।। जैसा कि पिछले भाग में आपने जाना था कि कैसे हेजल ने अपने पिता को बंधक,विवशता में देखा था और कैसे

तरुण की कार दुर्घटना के बाद.....हेज़ल टूट चुकी थी ,उसे लग रहा था कि  तरुण की मौत की वजह वो है ।।   तरुण की मौत के बाद....अविनाश ने उसका ख्याल रखना शुरु किया ,विवाह तो दोनों का हो ही चुका था म

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