माँ तुझे सलाम ,वन्दे मातरम' भारत माता की जय का कुछ लोग विरोध क्यों करते हैं ?
डॉ शोभा भरद्वाज
पाकिस्तान की सीमाओं पर ,घाटी में घुसे आतंकियों से अक्सर सुरक्षा बलों की झड़पें होती रहती है बंदे मातरम का जयघोष करते हुए उन्हें मारते हैं कुछ उनसे लड़ते हुए शहादत देते हैं जब शहीदों का शव उनके गावं या शहर में आता है हजारों लोग बन्देमातरम के घोष से उनकी अंतिम यात्रा में भाग लेते हैं | गलवन घाटी में चीन एवं भारतीय सैनिकों के बीच झडप हुई दोनों देशों की सेनाओं के बीच तीन घंटे तक पत्थरबाजी और लाठी-डंडे से चले लेकिन एक भी गोली नहीं चली शहीद और घायल हुए सैनिक बिहारी रेंजीमेंट के हैं। तेलंगाना निवासी शहीद कर्नल संतोष बाबू भारतीय टुकड़ी का नेतृत्व कर रहे थे उन पर जब हमला कर उन्हें घायल किया वह शहीद हो गये भारतीय जवान सहन नहीं कर सके उन्होने वन्देमातरम के नारे के साथ तैयारी से आये चीनी सैनिकों का जमकर मुकाबला किया हमारे 20 जवान शहीद हुए और घायल भी हुए अपने नायक ऐसा लिया चीन का रक्षा विभाग भूल नहीं सकता चीन ने अपने मारे गए सैनिकों की संख्या को लेकर अब भी चुप्पी साध ली है ।
मुस्लिम समाज के एक वर्ग द्वारा वन्दे मातरम नारे और गीत का पहले भी विरोध होता था अब विरोध ने राजनीतिक रूप धारण कर लिया इसमें साम्प्रदायिकता और मूर्ति पूजा देखी जाने लगी अत: तय हुआ बन्देमातरम राष्ट्रीय गीत है लेकिन जिसकी इच्छा हो गाये या न गाये लेकिन गीत के सम्मान में खड़े हो जायें |इन विरोधों का जबाब संगीतकार रहमान नें नई दिल्ली में विजय चौक पर भारत की आजादी की स्वर्ण जयंती की पूर्व संध्या में दर्शकों की भारी भीड़ के सामने गीत गा कर दिया ऐसा लगा उनके दिल की आवाज कंठ से निकलती हुयी जन-जन की आत्मा में उतर रही है माँ तुझे सलाम ,अम्मा तुझे सलाम वन्देमातरम |आज भी आवाज गूंजती है |
भारत माता का असली रूप हैं 135 करोड़ हाथ जी एक साथ भारत माता की जय में उठते हैं उनमें ओबेसी या उस जैसी मानसिकता वाले मौलानाओं का हाथ नही उठा क्या फर्क पड़ता है | अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता के नाम पर प्रश्न उठाये जाते है ? यही नहीं देश को टुकड़े-टुकड़े करने के नारे लगे बोटलनेक बंद कर आसाम को भारत से अलग करने के सुझाव दिए गये क्या संविधान द्वारा दी गयी यही अभिव्यक्ति की आजादी है ? उसका है जबाब है सामूहिक रूप से भारत माता की जय के लिए हाथ उठते | यह वह जयघोष है जिसको लगाते-लगाते क्रान्ति कारी फांसी के तख्ते पर हंसते-हंसते झूल गये |यहीं करो या मरो के नारे के साथ भारत माता की जय के नाम पर विशाल जन समूह ने जेल भर दिए | 15 अगस्त उन महान बलिदानियों को याद करने का दिन है भारत भूमि गुलामी को जंजीरों में जकड़ा समझ कर उसकी मुक्ति की कोशिश की यहीं से त्याग और बलिदान का सिलसिला शुरू हुआ था अंत में देश आजाद हुआ लाल किले पर तिरंगा फहराया गया | चीन ने 1962 को देश पर हमला किया था पाकिस्तान के खिलाफ दो लड़ाईयां और करगिल की लड़ाई लड़ी गयी शहीदों की अर्थी के पीछे भी भारत माँ पर शहादत देने वालों के लिए भारत माता का जयघोष वन्देमातरम पूरे देश में गूँजता था |
नोएडा को दिल्ली से जोड़ने वाली महत्वपूर्ण सड़क बंद कर 16 दिसम्बर से शाहीन बाग़ में महिलाये धरने पर बिठा दी गयीं लाखों लोग परेशान रहे | सीएए का विरोध करता मुस्लिम समाज पाकिस्तानी चैनलों एवं प्रिंट मीडिया में सुर्खियाँ बटोर रहा था उनके अपने यहाँ अल्पसंख्यक बेजुबान हैं उनकी जर जमीन धर्म ,बच्चियाँ ,जीवन ,मरणोपरान्त संस्कार का हक कुछ भी सुरक्षित नहीं है कम उम्र की नादान बच्चियां उठा लेते हैं कलमा पढ़ा कर उनका अधेड़ बाल बच्चे दारों से निकाह पढ़वा दिया जाता है अब लोग पांच साल उमर की बेटी को भी स्कूल भेजने से डरते हैं 'इस पर एक शब्द नहीं' शाहीन बैग की तर्ज पर अनेक धरने के तम्बू लगाये गये | हास्यास्पद तिरंगा झंड़ा एवं संविधान की पुस्तक दिखाई जाती थी बल्कि देश भर में जुलूसों में तिरंगा लहराया जो लोग वंदे मातरम कहना पसंद नहीं करते उनके हांथों में तिरंगा साफ-साफ समझ में आ रहा है. जन-सहानुभूति जीतने और दुनिया का ध्यान खींचनें का स्टंट हांथों में तिरंगा झंडा.लेकिन ‘भारत माता की जय एवं वन्दे मातरम से परहेज था’ हाँ आजादी -आजादी जिन्ना वाली आजादी के नारे , कुछ ने पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे शाहीन बाग़ में लगाये थे |
धरना प्रदर्शन अमेरिकन राष्ट्रपति ट्रम्प के आने पर पर दंगों में बदल गया सीधा पुलिस को निशाना बनाया गया लोगों के घर द्वार जलाये गये कईयों को जान से हाथ धोना पड़ा | देश की प्रजातांत्रिक व्यवस्था ने सहन किया दंगा प्रदर्शन भी तिरंगे की आड़ में जिस तिरंगे से शहीद जवान का पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए अपने घर आता है |धरने पर बैठी महिलायें जहरीले नारों से ,संसद द्वारा पास कानून का विरोध करती थी मुफ्त का खाना आखिर कब तक |कोरोना की महामारी ने तम्बू उखड़वा दिए नहीं तो अभी भी बैठी होती |
कुछ विचारक अपने देश को धरती का टुकडा मानते हैं और दूसरी विचारधारा वाले दुनिया पर राज करना चाहते हैं अपनी विचार धारा को प्रेम से या ताकत के बल पर फैलाना चाहते हैं आज के युग में आसान नहीं है |समझ नहीं आता भारत माता की जय कहने से किसी का धर्म परिवर्तन कैसे हो जाता और न यह देश भक्ति की असल पहचान है हाँ दिल से भारतीय होना चाहिये | कुछ प्रभावशाली मदरसों ने फतवे जारी किये जिनमें कहा इस्लामिक मान्यताएं मुस्लिम समाज को भारत माता की जय का नारा लगाने की इजाजत नहीं देती फतवे की व्याख्या करते हुए कहा तर्क के आधार पर इन्सान ही दूसरे इन्सान को जन्म दे सकता है भारत की जमीन को माता कहना तर्क के आधार पर सही नहीं है जमीन को माँ माने या न माने यह उस व्यक्ति की निजी धार्मिक मान्यता है लेकिन इस्लाम में कहीं नहीं लिखा धरती को माँ कहना कुफ्र है दुनिया के देश अपनी धरती को मदर लैंड कहते हैं जर्मनी में फादर लैंड , फ़ारसी में भी मादरे वतन , इस्लामिक विद्वान मादरे वतन ज़िंदा बाद मानते हैं केवल कुछ का विचार का विचार अपने भाईयों से अलग है या उन पर थोपना चाहते हैं |
एक वर्ष बीत गया जम्मू कश्मीर में धारा 370,35a संसद द्वारा पारित कानून द्वारा समाप्त कर दी गयी कश्मीर में विरोध कम लेकिन बुद्धिजीवियों द्वारा विदेशी अखबारों में लेख लिख कर विरोध करने की कोशिश की गयी क्या उनके लिए देश हित सर्वोपरी नहीं है | संसद द्वारा पारित कानून द्वारा मुस्लिम महिलाओं के हित में तीन तलाक कानून को समाप्त किया गया |
हिन्दुओं के लिए भगवान राम की जन्म स्थली का बहुत महत्व रहा है राम हिन्दुआराध्य देव हैं जन-जन के हृदय में बसते हैं हेलो हाय के जमाने में भी बहुत बड़ा जन समूह राम-राम जी या जय राम जी की कह कर अभिवादन करते हैं दुःख में मुहं से हे राम निकलता है हिन्दू की अंतिम यात्रा में रास्ते भर राम नाम सत्य है कहते हैं | काफी संघर्ष के बाद सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को हिन्दू एवं मुस्लिम दोनों पक्षों ने स्वीकार किया किसी को एतराज नहीं है केवल कुछ मुस्लिम नेता विरोध में आवाज उठा रहे हैं लेकिन कारण राजनीतिक है |
कुछ मौलाना कहते हैं कभी मंदिर तोड़ कर उस जगह पर मस्जिद बनाई जा सकती हैं| कुछ का बाबरी प्रेम कहता है सरकारी जमीन के स्थान पर अलग बाबरी मस्जिद बनाई जाये वह जमीन देने को भी तैयार हैं आक्रमणकारी बाबर की यादगार बनी रहे |जबकि वह गंगा जमुनी तहजीब की बात करते है कट्टर पंथी किसी पढ़े लिखे मुस्लिम से पूछते है मियां दीन के लिए आपने क्या किया उन्हें जबाब नहीं सूझता या जबाब देने की हिम्मत नहीं होती |
बेंगलौर में बहाने से दंगा भड़काया गाड़ियां जलाना ,पुलिस पर थानों पर तोड़ फोड़ देश को बर्बाद करना बहुत आसान है निर्माण करना मुश्किल सोने जैसा सीरिया ईराक ,अफगानिस्तान लेबनान बर्बाद हो गये अन्य मुस्लिम देशों में कट्टर पंथी सिर उठा रहे हैं| भारत में बर्बाद देशों के वीडियो दिखलाए जाएँ तो दिल दहल जाएगा देश को बर्बाद करने के लिए विदेशों से भी पेसा आता है देश को बर्बाद करना कुछ ने व्यापार बना लिया है |