सौम्या ..अनिका की यह बात सुनकर ,अपनी आंखें बड़ी- बड़ी करके ,उसकी तरफ देखते हुए कहती है । क .. क ..क्या ? तू पागल - वागल तो नहीं हो गई है ! जो ऐसे बिना सर - पैर की बातें कर रही हो ।अरे हम दोस्त हैं सिर्फ दोस्त । एक बहुत ही अच्छे दोस्त , समझी।
(अनिका ..सौम्या की बात सुनकर मन में कहती है । अच्छी दोस्ती से ही प्यार की शुरुआत होती है मेरी जान । तुम नहीं समझोगी यह बात अभी । )
फिर सौम्या कहती है - और तुझे पता है ना हमारे यहां की कैसी परंपरा है । हम जिस कास्ट के हैं उसी में शादी करनी होती है । उसमें भी यह ध्यान दिया जाता है कि , गोत्र एक ना हो लड़का और लड़की के कास्ट का और यह भी देखा जाता है कि लड़का और लड़की के मामा का गोत्र अलग है या एक है । अगर एक हो गया तो शादी चाहे कितनी अच्छी क्यों ना हो । लेकिन शादी नहीं होती है फिर वाहां । फिर सौम्या ..अनिका से कहती है - यार बहुत नखरे हैं शादी करने में । इसलिए तुम इन सब चीजों से दूर ही रहना । मेरा मतलब है प्यार - व्यार के चक्कर में मत पड़ना तुम।
अनिका मुंह बनाते हुए कहती है -हां यह बात तो है ।यह सब तो देखा ही जाता है शादी करने से पहले हमारे यहां ।
तभी सौम्या की नजर घड़ी पर पड़ती है और वह एकाएक उठ खड़ी होती है और कहती है । अनिका अब मैं चलती हूं देखो ! 5:20 pm. हो गया है । फिर मिलते हैं कभी । फिर सौम्या ...अनिका से कहीं - अरे कभी तुम भी मेरे घर आ जाया करो यार ।तुम तो मेरे घर का रास्ता ही भूल गई हो ।
अनिका -हंसते हुए कहती है अरे रास्ता हम कहां भूले हैं अब तो तुम भूलने वाली हो मेरे घर का रास्ता और अपने घर का रास्ता भी शायद ।
सौम्या को अनिका ये बात समझ नहीं आती है और वह उससे कहती है ।
सौम्या -हम कुछ समझे नहीं ?
अनिका -समय आने पर सब समझ आ जाएगा तुम्हें । समझी मेरी जान ,नहीं - नहीं मेरी नासमझ बच्ची ।यह कहकर अनिका हंसने लगती है ।
सौम्या -ओके मेरी दादी मां मत बताओ हमें ।सौम्या ने यह बात अपने को मुँह टेढा करते हुए का ।😏फिर उसने कहा :- अच्छा तो अब हम चलते हैं अपनी दुआओं में याद रखीएगा । ठीक है करो मुस्कुरा देती है और फिर अनिका से पूछती है अनिका आंटी कहां है ? उनसे भी मिल लेते हैं । वरना वो अगली बार मुझे फिर अपने घर में नहीं आने देगी ।😄😄
तो ये सुनकर अपना दाँत दिखाते हुए अनिका उसको ( सौम्या को ) अपने साथ लेकर राखी जी के कमरे में जाती है । फिर सौम्या राखी जी से मिलकर अपने घर चली आई । यह वादा करके ( राखी जी से ) उनसे की वह फिर जल्दी ही अनिका के घर आएगी ।
एक माह बाद
सौम्या के घर एक पंडित जी आए हुए थे और वो सौम्या के भैया हर्षवर्धन सिंह से किसी लड़के के बारे में बात कर रहे थे ,सौम्या के लिए ।वह कह रहे थे की यह जो मैं शादी आपको बता रहा हूं । यह बहुत ही अच्छा है सौम्या के लिए ,इसके कुंडली में जो दशा चल रही हैं ,इसमें इसके विवाह के प्रबल लक्षण दिख रहे हैं ,इस लग्न में तो सौम्या की शादी हो जानी चाहिए।लेकिन एक बात है आपको पता करना होगा कि ,अभी लड़के की शादी हुई है या नहीं क्योंकि मेरे पास 1 साल पहले मिस्टर सूर्यवंशी आए थे , अपनी लड़के की कुंडली दिखाने के लिए और उन्होंने यह भी कहा था मुझसे की आपकी नजर में कोई लड़की हो तो हमें बताइएगा ।मुझे एक सुंदर ,सुशील और संस्कारी बहू चाहिए ।
पंडित जी से हर्षवर्धन जी लड़के वाले का पता पूछे , तो पंडित जी हर्षवर्धन जी को पता बता दिए और दो दिन बाद लड़के वाले के यहाँ पंडित जी के साथ हर्षवर्धन जी गये । उन्हें वहाँ कुछ अच्छा लगा तो ,वो पंडित जी से बोले कि - आप लड़का के पिता से कहिए , कि मुझे यह शादी अच्छी लग रहीं है अपने बहन के लिए । तो पंडित जी लड़के के पिता मिस्टर राघवेन्द्र सिंह सूर्यवंशी से कहे कि यह शादी मिस्टर कौशिक को पसंद हैं । आप अपनी राय बताइये आपको लड़की कैसी लगी ? आपके बेटे के लायक है ये ? मिस्टर कौशिक पूछ रहे है ।
मिस्टर सूर्यवंशी - (मिस्टर कौशिक से कहते है ) जी ... मुझे तो लड़की बहुत पसंद आयी है और मेरी पत्नी को भी , लेकिन हम एक बार देखना चाहते है लड़की को सामने से ... अगर आपको कोई ऐतराज नहीं हो तो हम अगले शुक्रवार को वहां आ जायेंगे और मेरा बेटा भी देखेगा लड़की को । क्योंकि उसे ही तो शादी करनी है , जिंदगी भर उसीको ही रहना है तो उसकी पसंद भी जरूरी है ।
मिस्टर कौशिक (मिस्टर सूर्यवंशी से कहे ) - ठीक है , हमें कोई ऐतराज नहीं हैं , आप बड़े है ,आपको जो सही लगें और इसमें तो दोनों की रजामंदी भी बहुत जरूरी हैं , आप बिल्कुल सही कह रहे हैं । फिर उन्होंने कहा अंकल आपको मेरी बहन को पसंद आयी , ये सुनकर मुझे बहुत खुशी हुई हैं । आप नहीं जानते हो कि मैं अपनी सौम्या के शादी को लेकर कितना चिंतित हूँ । आपके एक हाँ से मेरा आधा चिंता छू मंतर हो गया है ।( ये कह कर हर्षवर्धन जी मुस्कुरा दिये )
मिस्टर सूर्यवंशी ( मिस्टर कौशिक से ) -अरे बेटा ! चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है । लड़कियां अपने साथ अपना भाग्य भी लाती है । वैसे ही तुम्हारी बहन के भाग्य में जो होगा । वह मिल ही जाएगा उसे । तुम ज्यादा चिंता मत करो । फोटो में तो बहुत प्यारी लग रही है ।तुम बस चिंता मत करो बेटा। हम अगले शुक्रवार को आ रहे हैं उसे देखने ।
मिस्टर कौशिक - (खुश होते हुए )ओके अंकल आप आइए हमारे यहाँ । आपका स्वागत है हमारे घर ।
और फिर कुछ देर बात कर के पंडित जी और मिस्टर कौशिक वापस अपने घर आ जाते हैं और यह खुशखबरी अपने घरवालों को सुनाते हैं , की हमारी सौम्या उन्हें पसंद आ गई है । वो लोग अगले शुक्रवार को हमारी सौम्या को देखने आएंगे ।यह बात सुनकर सौम्या की मां अक्षरा जी और उसकी भाभी प्रगति जी दोनों बहुत खुश हुई और आने वाले अगले शुक्रवार का बेसब्री से इंतजार करने लगी । सब लोग बहुत खुश थे घर में . , बस सौम्या थोड़ी उदास सी लग रही थी ।उसके दिमाग में बस बार-बार यही बात घूम रही थी ,की ये लोग मेरे भैया से भारी दहेज की मांग करेंगे और मेरे भैया मेरी खुशी के लिए कुछ भी करके , उन्हें दहेज देने के लिए तैयार हो जाएंगे । लेकिन मैं ऐसा नहीं होने देना चाहती हूं , कि मेरे भाइया मेरी वजह से इतना परेशान हो ।
अगले शुक्रवार को
आज सौम्या के घर में सब लोग बहुत बिजी थे , सिवाय सौम्या के ,क्योंकि आज सौम्या को देखने के लिए लड़के वाले आने वाले हैं ।
क्रमशः .....✍🏻