इधर सौम्या भी अनिका के घर चली आती है । सौम्या को देखकर अनिका की मम्मी , बहुत खुश हो जाती है , क्योंकि वो अनिका और सौम्या दोनों को ही अपनी बेटी मानती है । कभी-कभी तो अनिका को डाउट भी होने लगता है ,🤔 कि सौम्या उनकी बेटी है ।या मैं उनकी बेटी हूं । अनिका तो सौम्या से कभी-कभी जलने लगती थी , क्योंकि अक्सर सौम्या के आ जाने पर उसकी मम्मी यानी कि (राखी जी ) अनिका को छोड़कर सौम्या के साथ मस्ती मजाक में लग जाती थी । जिससे अनिका
सौम्या से jealous हो जाती थी । लेकिन वो (अनिका ) भी सौम्या से बहुत प्यार करती थी । बिल्कुल सगी बहनों जैसे ।
नोट : -जाहिर सी बात है । बच्चे तब जलने लगते हैं , दूसरे बच्चों से ।जब उसकी अपनी मम्मी । उससे ( यानी कि अपने बच्चे को ) छोड़कर दूसरे बच्चों से ,प्यार से बात करती है और उसके तरफ ध्यान नहीं देती है ।
हद तो तब हो जाती है । jealousy की । जब बच्चा .. अपनी मम्मी से , कुछ कह रहा हो और मम्मी उसको इग्नोर करते रहती है और किसी दूसरे बच्चे पर अपना प्यार - दुलार लुटा रही होती है ।😀
इस बात को सिर्फ वही जानता है । जिसके साथ ये होता है या हुआ है ।
हम तो अपने ही भाई - बहन से जलने लगते हैं , कभी - कभी ।😜
अब आगे हम अपने कहानी की ओर चलते हैं ।🤗
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सौम्या के आते ही राखी जी यानी कि अनिका की मम्मी । उसे एक टाइट हग👩❤️💋👩 देती है और फिर उसका माथा चूम😘 कर अंदर ले आती हैं ।
फिर उन्होंने (राखी जी ) सौम्या से शिकायती लहजे में कहां । तुम तो बहुत याद कर रही हो , मुझे । एक बार तो मुझे लगा , कि अब तुम मुझे भूल ही गई हो ,और आज भी तुम मुझसे नहीं । अपनी सहेली से मिलने आई हो । है ना ।
ये कहकर वो ( राखी जी ) थोड़ा उदास होने का दिखावा करती है ।☹️
सौम्या ने उनका (राखी जी ) गाल प्यार से खींचते हुए कहा ।
सौम्या - अरे आंटी हम तो ,आप दोनों से ही मिलने आये हैं। बहुत दिनों से सोच रही थी यहां आने को । लेकिन टाइम ही नहीं मिल रहा था ।आज भी हम नहीं आए होते यहां । अगर कॉलेज नहीं जाना होता तो । आज एडमिशन के लिए फॉर्म भरने गए थे कॉलेज ।
राखी जी - ओ ... चलो अच्छा है फिर तो ।
अच्छा आगे क्या करना है फिर तुम्हें ,
कुछ सोचा है इसके बारे में ?
सौम्या - फिलहाल तो बी ई डी में एडमिशन ले रहे हैं । आगे का अभी नहीं सोचे हैं ।क्या करना है ?और क्या बनना है हमें ? या फिर बन भी पाऊंगी या नहीं ?☹️ इस समय उसके बात में एक गहरी उदासी भरी हुई थी ।
राखी जी ने सौम्या के सर को प्यार से चलाते हुए कहा राखी जी - अरे मेरे बच्चा अभी तुम्हारे साथअच्छा हो रहा है । तो आगे भी अच्छा ही होगा तुम्हारे साथ । क्योंकि , अच्छे बच्चों के साथ अच्छा ही होता है हमेशा ।अच्छे बच्चे से तो सब प्यार करते हैं । घर वाले भी और बाहर वाले भी , और सब लोग उन्हें यही आशीर्वाद देते हैं कि वो आगे बढ़े ।अपना ,अपने परिवार का और अपने देश का नाम रोशन करें । देखना एक दिन तुम भी करोगी ऐसा काम । जिससे सब लोग तुम पर नाज करेंगे । समझी मेरी पगलू बेटू ... ऐसे उदास नहीं होते हैं ।
जिंदगी इसी का तो नाम है । कभी - कभी हमें कुछ खोना पड़ता हैं किसी चीज को पाने के लिए । तो कभी बिना कुछ खोये ही मिल जाता है ।
मुझे नहीं पता है ,कि ! तुम किस बात को लेकर ,इतना परेशान हो । मुझे जो ठीक लगा इस समय । मैंने तुम्हें बता दिया है । अब चलो एक प्यारी सी झप्पी दो मुझे । बहुत हो गया तुम्हारा । अब हमें तुम्हारे चेहरे पर स्माइल चाहिए । मुझे तुम्हारा ये रोंदू सकल नहीं देखना है ।
ये कहकर राखी जी ने सौम्या को अपने बाहों में भर लिया ।
राखी जी की बातों को सुनकर सौम्या की आंखों में आंसू आ गया था । वो अपने मन में ही कहने लगी । मैं क्या खाक नाम करूंगी , अपने परिवार वालों का । मेरी वजह से तो , मेरा परिवार सड़क पर आने वाला है ।
आज सुबह से ही सौम्या का मूड एक दम ऑफ था । अपनी शादी और दहेज को लेकर । वो जी भर के रोना चाहती थी । लेकिन चाह कर भी वो रो नहीं सकती थी । क्योंकि उसके घर वाले अगर उससे पुछते तो क्या जवाब देती और वह आज इसी वजह से आनिका से मिलने आई है । ताकि बात करके वो अपना मन थोड़ा सा हल्का कर सकें ।
सौम्या के लाइफ में एक अनिका ही हैं । जिससे वह अपनी सारी बातें बताती हैं ।
राखी जी ने जब देखा कि , सौम्या ने अभी तक उनके बातों का , कोई जवाब नहीं दिया । तो उनसे रहा नहीं गया , और तब वो सौम्या से पूछी ।
राखी जी - सौम्या बेटा तुम्हें कोई परेशानी है क्या ? आज तुम खोई - खोई सी लग रही हो ? थोड़े देर पहले , तुम मुझे ठीक लग रही थी । पर अब उदास लग रही हो । क्या बात है ?कोई परेशानी है . . . तो , बताओ मुझे ।मैं भी तो तुम्हारी मां ही हूं ना । देखो तुम्हारी ये उदासी मुझे पसंद नहीं है । तुम हंसती खिलखिलाती ही अच्छी लगती हो मुझे । चलो अभी के अभी तुम मुझे एक प्यारी सी स्माइल दो ।
सौम्या राखी जी की बात को सुनकर ,अपने आंसू को छुपाते हुए जल्दी से कही ।
सौम्या -न ... नहीं तो आंटी । कोई परेशानी नहीं है मुझे । मैं तो भली - चंगी आपके सामने हूं । देखिए ....
उसने खुश होने का दिखावा करते हुए कहा ।
राखी जी - मैं एक मां हूं ..और एक मां अपने बच्चे का चेहरा देख कर बता सकती है । कि उसके अंदर क्या चल रहा है ।
खैर तुम मुझे बताना नहीं चाहती हो । तो मत बताओ । लेकिन अगर तुम्हे कभी मेरी कोई हेल्प चाहिए हो ।तो तुम ले सकती हो मुझसे ।मैं हमेशा तैयार हूं ..तुम्हारी मदद करने के लिए ।
इधर ...थोड़ी सी दूरी पर खड़ी अनिका ....सौम्या और राखी जी को देख रही थी । वो इस बात से बेखबर थी , कि इस समय सौम्या और राखी जी के बीच क्या बात हो रही है । वो दूर खड़ी सौम्या पर लाल -पीली 😡हो रही थी ।
इस समय उसका चेहरा देखकर । कोई भी बता सकता है , कि उसके अंदर क्या चल रहा है ? वो बस राखी जी और सौम्या को .. दूर से ही घूरे जा रही थी ।
अनिका का ऐसे सौम्या पर लाल - पीला होने का दो कारण था ।
पहला ये कि राखी जी ... सौम्या से बहुत प्यार से बात कर रहीं थी , और दूसरा ये कि सौम्या उससे ( अनिका ) पहले न मिलकर । राखी जी से मिल कर , उनसे गप्पे लड़ा रही थी और उसके हिस्से का प्यार खुद ले रही थी ।
क्रमशः ........✍🏻