अनिका — अ ... ह ... क्या शशांक तुमसे
लड़ाई किया है कभी ... बताओं ? उसने तो कभी ऊंची
आवाज में बात ही नहीं की होगी तुमसे । जबकि वो तुमसे प्यार करता है , तो उसे भी तुमसे लड़ाई करनी चाहिए ना । जबकि ऐसा वो ( शशांक ) कुछ भी नहीं करता है तुम्हारे साथ । कहां शशांक और कहां वो गैंडा आदि ...😏 तुम उन दोनों को कैसे एक कर दी । दोनों में जमीन आसमान का अंतर है ।
सौम्या हंसते हुए — ये जरूरी नहीं है कि हर एक प्यार की शुरुआत लड़ाई से ही होती है । हर इंसान अलग - अलग सोच रखने वाला होता है और उसके प्यार करने का अंदाज भी अलग ही होता है । जैसे कि मुझे आदि के लड़ाईयों में तेरे लिए प्यार दिखता है ।
अनिका सौम्या की बातों से चिढ़ते हुए कहती है— अऽ ऽ ईऽऽ मेरा मन कर रहा है कि अभी तेरा सर फोड़ दूं ।ऐसा कुछ भी नहीं है समझी । फिर वो सौम्या से अपनी
एक आई विंक करते हुए कहती है — तो आखिर मान गई ना आप कि आपके शशांक आपसे प्यार करते हैं ।
सौम्या दूसरे तरफ देखते हुए बोली — ऐसा कुछ नहीं है । हां ऽऽऽ उसे हम पसंद करना बोल सकते हैं , लेकि ... न ... प्यार का नाम तो नहीं दे सकते है ।
अनिका मुस्कुराते हुए कहती है — चलो कोई नहीं पसंद ही आगे चल कर यही प्यार में बदल जाता है ।
सौम्या ( अनिका के सर पर मारते हुए उससे कहती
है ) — तुम्हारे बात में यह सब ना आए , यह हो ही नहीं
सकता है । हमेशा तुम्हारे बात की end इन्हीं सब बातों पर जाकर होती है । तुम्हारा दिमाग हमेशा से इन सब चीजों में बहुत तेजी से दौड़ता है । जिसके मन या दिमाग
में ऐसा कुछ नहीं भी होता है , तो तुम उससे ऐसी बातें
करके , उसको सोचने पर मजबूर कर देती हो कि , ऐसा कुछ है भी या नहीं । मैं तुमको बहुत अच्छे से जानती हूं ।
फिर सौम्या अपने दोनों हाथों को फोल्ड करते हुए बोली— मैं तुमसे उम्र और तजुर्बे ... दोनों में ही बड़ी हूं ..समझी .. । तो तुम मेरे साथ चलाकि करने की कोशिश भी मत करना ओख्यै . . । तुम मुझे बेवकूफ नहीं बना सकती हो समझी ।
तुम बार - बार मेरे से शशांक की बातें करके और उसका मुझे पसंद करने या प्यार करने की बात कह - कह कर । मेरे अंदर उनके लिए फिलिंग्स पैदा करना चाहती हो ।
आखिर तुम यह सब करके साबित क्या करना चाहती हो । उम्म ऽ ऽ ऽ
अनिका अपनी बतीसी दिखाते हुए कहती है —😁 हे ऽ ऽ हे ऽ ऽ लग रहा है मैं पकड़ी गई ।
सौम्या उसकी के तरह उसको चिढ़ाने के लिए बत्तीसी दिखाते हुए कहती है — हे ऽ ऽ हे ऽ ऽ😁 चलो अपनी यह बत्तीसी अंदर करो , 😏 तुम्हारा मिशन फ्लॉप हो गया है ।
अनिका अपना मुंह बनाते हुए — ऐसा तुम्हें लग रहा है , कि मेरा मिशन फ्लॉप हो गया । लेकिन मेरा यह मिशन सुपर - डुपर हिट होगा । चाहो तो लिख कर ले - लो गारंटी के साथ ।
सौम्या — हम्म ऽऽ इतना कॉन्फिडेंस इंसान के लिए कभी - कभी घातक साबित होता है ।
अनिका — हम्म ऽ ऽ वैसे ये बात तुम्हारे ऊपर भी की जा सकती है , तुमको भी बहुत कॉन्फिडेंस है अपने आप पर | वह भी ओवर कॉन्फिडेंस है । तुमको बच के रहना चाहिए । बचने की जरूरत तुमको है अभी । कहीं कोई ओवर कॉन्फिडेंस के चक्कर में एक्सीडेंट ना हो जाए ...फिर अपना दांत दिखाते हुए अनिका सौम्या से थोड़ा रुक - रुक कर कहती है 😁— वो ... भी .... प्या .... री .... सी ... ।
सौम्या अपने दोनों आइब्रो को ऊपर की ओर उठा कर 🤨 और अपने एक आंख को दबाते हुए 😉अनिका से कहती है — अ ऽ ऽ ऽ अ ऽ ऽ ऽ फिर अपने जीभ को दबाकर ऐसा आवाज निकालती है _ चै ऽ ऽ अ ऽ ऽ ऐसा कुछ नहीं है मैं ओवर कॉन्फिडेंस नहीं रखती हूं खुद पर ।
अनिका उठते हुए कहती है — ठीक है - ठीक है , यह वक्त ही बताएगा कि किसको ओवर कॉन्फिडेंस हैं । इतना कहकर अनिका सौम्या से कहती है — अच्छा तो मैं अब चलती हूं । बा ऽ ऽ य ऽ ऽ फिर मिलते है ; जल्दी ही ।
सौम्या उसका हाथ पकड़ते हुए कहती है — रुको - रुको ! अभी इतनी क्या जल्दी है घर जाने की ? आज तो मेरे यहां रुक जाओ । मैं अभी आंटी को कॉल करके बता दे रही हूं , कि तुम मेरे यहां रुक रही हो आज ।
अनिका सौम्या के हाथ से फोन लेते हुए — ऐसा मैं हरगिज़ नहीं करने दूंगी तुम्हें । रखो फोन । तुम फोन नहीं करोगी माँ को | मुझे घर जाकर अपने मिशन पर काम भी तो करना है ना । इसे मिशन को सक्सेसफुल बनाने के लिए ।
सौम्या हँसते हुए — हां - हां जाओ - जाओ । देखती हूं मैं , कि तुम्हारा यह मिशन कंप्लीट होता भी है कि नहीं ।
अनिका सौम्या की बातों से चिढ़ कर कहती हैं — हे ऽ ऽ अ ऽऽ 😐 जब भी बोलती है , अशुभ ही बोलती है । कुछ ना कुछ उल्टा ही बोलती हमेशा । कभी तो शुभ - शुभ बोला करो । फिर वो अपने मुंह को चढ़ा करते हुए बोलती है 😏 — बड़ी आई मिशन कंप्लीट होता है भी कि नहीं बोलने वाली । फिर अनिका अपने पैरों को जमीन पर पटक ते हुए सौम्या से कहती है — बाय .. अब नहीं आने वाली हूं मैं यहां । अगर आऊंगी भी तो , सिर्फ और सिर्फ शशांक के साथ , उसको अपने साथ लेकर ।देख लेना ।
सौम्या उसको चिढ़ाते हुए कहती है — अच्छा - अच्छा ठीक है । जाओ भागो यहां से जल्दी ।
अनिका मुंह बनाकर — हां - हां जा रही हूं ।
क्रमश : ★ ★ ★ ★ ★ ★ ★ ★ ★ ★ ★ ★ ★ ★