सौम्या को अभी खामोश रहना ही अच्छा लगा , तो वो बस मुस्कुरा रही थी और वो भी दिखावे के लिए ।
कुछ देर बैठने के बाद सूर्यवंशी परिवार यह कह कर चली गई की हम घर जाकर इस विषय पर सोच - विचार कर के ... 2 दिन में आपको बता देंगे । ये मत सोचिएगा की हमें लड़की पसंद नहीं आई है इसलिए बहाना कर रहे है कि कुछ सोचकर बताएगे , तो ऐसा कुछ भी नहीं हैं। आप लोग निश्चिंत रहिए । वहाँ जाकर खबर करते है हम सब ।
उन लोगों के जाते ही सौम्या वहां से उठकर अपने कमरे में आ गई । सौम्या के भैया और भाभी उसको दिखाने के लिए उस के सामने अपने आप को तनावमुक्त दिखा रहे थे , लेकिन वो चिंता में पड़ गए थे की क्या होगा ? वो इस चिंता में थे कि पता नहीं सूर्यवंशी परिवार को मेरी सौम्या सच में पसंद है या नहीं । सौम्या के भैया - भाभी शशांक के जैसे लड़का को खोना नहीं चाहते थे , इसके लिए वह कुछ भी कर गुजरने को तैयार थे और यही सब बातें सौम्या को बिल्कुल भी पसंद नहीं थी । वह जानती थी कि उसके भैया - भाभी उसके लिए कुछ भी कर सकते हैं ।
सौम्या इन 2 दिनों में उन लोगों से ना के बराबर ही बात करी थी । देखते - देखते 2 दिन बीत गए , लेकिन मिस्टर सूर्यवंशी ने कोई जवाब नहीं दिया और इस वजह से सौम्या के भैया काफी चिंतित हो गए , की मिस्टर सूर्यवंशी ने कोई उत्तर क्यों नहीं दिया । सुबह से दोपहर और अब दोपर से शाम भी हो गई । लेकिन मिस्टर सिकरवार के तरफ से कोई जवाब नहीं आया । अब सौम्या के भैया से रहा नहीं गया तो वह तुरंत पंडित जी के पास फोन किए , जिन्होंने सौम्या के लिए शशांक को बताया था । दो-तीन रिंग होने पर पंडित जी ने उधर फोन उठा लिया । फोन उठाते ही मिस्टर कौशिक ने पंडित जी को प्रणाम किया और हाल - चाल पूछा फिर सिद्धा काम के बात पर आये और पंडित जी से पूछा कि आपके पास मिस्टर सूर्यवंशी का फोन आया था या नहीं ? क्या हुआ ? आपसे कुछ कहे हैं सौम्या की शादी के विषय में ? उन्होंने हमें 2 दिन का समय दिया था , कि वह 2 दिन के अंदर कुछ सोच कर हमें जवाब देंगे । लेकिन आज 2 दिन हो गया और उन्होंने कोई उत्तर ही नहीं दिया ।
मिस्टर कौशिक के इतने सारे सवालों को पूछने पर पंडित जी मुस्कुराये और उनको चिंता नहीं करने को बोल कर मिस्टर कौशिक से क्षमा भी मांगें की , मेरे दिमाग से बात निकल गई मिस्टर सूर्यवंशी ने तो कल ही मेरे पास फोन करके बता दिया था । पंडित जी अपने सर पर हाथ रखकर मिस्टर कौशिक से माफी मांगते हुए बोले मुझे क्षमा करिएगा यजमान । मिस्टर सूर्यवंशी को यह शादी मंजूर है उन्होंने बताया कि उन्हें सौम्या पसंद है और दहेज में उन्हें ₹ 200000 चाहिए । और वह भी बोलेगी सौम्या हमें इतनी पसंद है कि हम इसी की वजह से दहेज कम ले रहे हैं । अगर इसके जगह कोई और लड़की होती तो मैं दो लाख नहीं ₹ 800000 लेता । जब पंडित जी ने उन्हें ( मिस्टर कौशिक को ) बताया तब जाकर मिस्टर कौशिक को थोड़ा सुकून मिला , लेकिन इसके साथ - ही - साथ पैसों की चिंता भी होने लगी । जब प्रगति जी ने अपने पति हर्ष वर्धन कौशिक को चिंतित देखा , तो उन्होंने पूछा की क्या बात है ? आप इतने परेशान क्यों लग रहे हैं ? क्या मिस्टर सूर्यवंशी के यहां से कोई खबर नहीं आई ? क्या हुआ कुछ बताइए तो सही ! यूं चुप -चुप क्यों बैठे हुए हैं ?
प्रगति जी के पूछने पर हर्षवर्धन जी ने प्रगति जी से पूरी बात कह दी । जिसे सुनकर प्रगति जी हर्षवर्धन जी से बोली .... कि इसमें चिंता करने की क्या बात है ! कुछ ना कुछ तो हो ही जाएगा । भगवान कुछ सोच समझकर ही किसी को लड़की देते हैं , जो हिम्मतवाला होता है उसी के घर में लड़की भी होती है , सबके बस की बात नहीं है लड़कियों को पालना , हमारी सौम्या बहुत लगती है कि उसे शशांक जैसा पति मिल रहा है । आप चिंता बिल्कुल भी मत करिए और , भगवान पर भरोसा रखिए । आज तक सब कुछ अच्छा से हुआ है और आगे भी सब कुछ बहुत अच्छा होगा । जब भगवान किसी को लड़की देते है । तो उसके साथ कोई ना कोई समाधान भी देते हैं , ऐसी परिस्थितियों से निकलने के लिए । और हां एक बात और भी कहनी है आपसे । अब आप सौम्या के सामने ऐसे मुंह लटकार मत जाइएगा भूल से भी । नहीं तो वो एक सेकेण्ड भी नहीं लगायेगी इस शादी को रोकने में । पागल हैं एकदम वो । आज 2 दिन हो गये और उसने हम सब से ठीक से बात भी नहीं कर रही हैं ।
इधर सौम्या किसी काम से प्रगति जी के पास आ रही थी , तभी उसने उन लोगों को अपने बारे में बात करते हुए सुन कर वहीं रुक गई और पूरी बात सुन ली । फिर वह हिम्मत करके अंदर गई और हर्षवर्धन जी के पैर के नीचे बैठ गई और उनके घुटने पर अपना हाथ रख कर उनसे कहने लगी , भैया प्लीज आप ऐसा मत करिए । मैं किसी गरीब से शादी करके खुश रह सकती हूं , लेकिन मैं आपके चेहरे पर यह चिंता बर्दाश्त नहीं कर सकती हूं ।
उसकी ऐसी बातें सुनकर हर्षवर्धन जी ने उसकी बात बीच में ही काटते हुए , बड़े प्यार से उसके सर पर हाथ रखकर , उसे समझाने लगे । बेटा तु यह जानती है ? की एक लड़की के मां - बाप उसकी शादी अपने से अमीर घर में क्यों करना चाहते हैं , क्योंकि वो अपने बेटी को अपने यहाँ जितना खुश रखते है ,उससे दोगुना - तिगुना खुश वो उसके ससुराल में देखना चाहते है । वो जो - जो खुशी तुम्हें नहीं दे पाते हैं , तो वो चाहते है कि वो सारी खुशियां उसे अपने ससुराल में मिले , उसके पति से मिले ।
क्रमश: ✍🏻 ----------