कुछ देर बाद तीनों रेस्टोरेंट में आ जाते है और जिस काम के लिए आए होते हैं यहां ; उस पर बात करते हैं । साथ - ही - साथ शशांक — आदि और अनिका से यह भी कहता है कि वो इस बात को किसी से भी नहीं कहेंगे । खासकर सौम्या और उसके भैया - भाभी से तो बिल्कुल भी नहीं ।
दोनों शशांक की बातें सुनकर कहते हैं कि ठीक है नहीं कहेंगे हम सौम्या से ।
शशांक मुस्कुराते हुए — okk तो फिर चलते हैं हम अपने मिशन पर । भगवान करे सब ठीक हो जाए । सौम्या किसी भी बात को लेकर मुझसे गुस्सा ना हो , बस मैं यही चाहता हूं । यार वो बहुत गुस्सा करती हैं । मेरी तो बोलती ही बंद हो जाती है ।
आदित्य शशांक को चिढ़ाते हुए — बड़े आए .... बोलती बंद हो जाती है इनकी । यह कहो कि सौम्या के सामने तुम अच्छा बनने की कोशिश करते हो । अभी तो यह हाल है । शादी के बाद देखते हैं क्या होता है ? क्या करती है तुम्हारे साथ ? 😄😄
अनिका को यह बात अच्छी नहीं लगती है तो वो शशांक के तरफ से आदि को बोलती है — अरे बंद करो अपने मुंह को बंदर । जब देखो तब चपड़ - चपड़ बोलने लगते हो । मौका मिलना चाहिए बस ।😏
अनिका की यह बात सुनकर आदित्य और शशांक दोनों ने एक दूसरे को देखते हैं । आदि सड़ा हुआ मुंह बना देता है और शशांक के चेहरे पर स्माइल आ जाती हैं ।
अनिका — अब मुंह क्यों बना रहे हो छछुंदर के जैसे । चलो भी अब सौम्या के घर । चलना नहीं हैं क्या ?🤔🤨
आदि मुँह लटकाये हुए अनिका से कहता है — चलना है ।
अनिका — तो फिर चलो । खड़े - खड़े सड़ा हुआ मुँह बनाकर मेरा मुँह क्यों देख रहे हो ? 🤨
इधर जनाब शशांक मुस्कुराते हुए दोनों की वाकयुद्ध सुन और देख रहे थे । ☺️
अनिका की बात सुनकर आदि उससे कहता है — ok okk चल रहे हैं अभी तुम गुस्सा मत करो और ये कहते हुए वो शशांक से कहता है , चलो शशांक चलते हैं अब यहाँ से ।
शशांक भी हाँ में गर्दन हिला कर आगे बढ जाता है ।
फिर तीनों निकल पड़ते है अपनी मंजील की ओर ।
यहाँ सौम्या अपने घर में आज बिल्कुल अकेली रहती हैं । इसलिए वो अपने कमरे में एक उपन्यास पढ़ रही होती है , कि तभी बेल बजती हैं । सौम्या बेल बजने पर अपने कमरे से नीचे आयी और वो दरवाजे को खोली । जैसे ही सौम्या की नजर दरवाजे पर खडे इंसान पड़ी वो उसको देख कर चौक गयी और कुछ देर तक वो ऐसे ही उस इंसान को देखते रही । फिर उधर का इंसान उसे हेलो बोला तो सौम्या सावालिया नजरों से देखते हुए बोली —
सौम्या — शशांक आप यहाँ ?
शशांक थोड़ा हिचकिचाते हुए — उम्म ऽ ऽ वो ... वो मैं ... उम्म ऽऽऽ मै भैया - भाभी से मिलने आया हूँ । कुछ काम था उनसे । ये कहते हुए शशांक सौम्या के इर्द - गिर्द नजर दौडाता है ।
सौम्या — सॉरी .... लेकिन आप आज नहीं मिल सकते हो उनसे , मेरा मतलब है . . . . वोलोग आज घर पर नहीं है । आज महाशिवरात्री है ना , तो वही मंदिर गए हुए है । पूजा करने और मन्नत माँगने ।
शशांक सौम्या के इस टोंट को नहीं समझते हुए कहता है — मन्नत .... क्यों ... ? मेरा मतलब है . . . किस लिए .... ?
सौम्या — हाँ .... मन्नत ... अब मन्नत नहीं करेंगे तो और क्या करेंगे मेरे लिए । अगर आप और आपके मम्मी - पापा ने कोई रास्ता छोड़ा हो तो बताइए मुझे जरा । शशांक अब समझ जाता है कि सौम्या उसके उपर टोंट कर रही है और इस समय गुस्से में भी है । शशांक बात को घुमाते हुए मुस्कुरा कर कहता है ।
शशांक — क्या अंदर नहीं बुलाओंगी मुझे ?
सौम्या एक लम्बी सांस लेकर दरवाजे हटते हुए कहती है — हम्म ऽ ऽ , जी ... जी ... क्यों नहीं आ जाइए अंदर । लेकिन इस तरह आपका समय बर्वाद हो जायगा शायद |
शाशंक — लेकिन वो क्यों ?
सौम्या — क्योंकि माँ और भैया - भाभी को आने में शायद शाम हो जाएगा ।
शशांक दरवाजे से भितर आते हुए कहता है — कोई नहीं ... भैया - भाभी से किसी और दिन भी मिल लूँगा । लेकिन आप से उनके रहते हुए नहीं मिल सकता हूँ । आज आप से ही कुछ बातें कर लेता हूँ ।
सौम्या शशांक के इस तरह से बात करने से चिढ़ कर बोलती है — लेकिन मुझे नहीं करनी हैं आपसे कोई भी बात । 🤨
शशांक के पीछे आदि और अनिका भी आये हुए थे , लेकिन वो अभी दरवाजे के पीछे एक साइड खड़े हुए थे और शशांक और सौम्या की बाते सुन रहे थे । सौम्या का इस तरह से शशांक से बात करना आदि को बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था । जब उससे नहीं रहा गया तो वो अनिका से कहा — यार अन्नु Plz तुम सौम्या को जाकर चुप करा दो । वरना मै उसे कुछ कह दूँगा और फिर तुम्हें और शशांक को बुरा लगेगा ।
यार इसमें शशांक की क्या गलती है , जो वो तब से उस बेचारे को सुनाए जा रही है ।
अनिका — लेकिन इसमें सौम्या की भी तो गलती नही है ना । वो तो अपने भैया को परेशान देख कर ... ये सब कह रही है । तुम शायद नहीं जानते हो लेकिन मै ये जानती हूँ कि हमारे जैसे लोगों के घरो में एक लड़की की शादी को लेकर कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ता है ।
आदि — यार अन्नु मै भी जानता हूँ ये सब ... लेकिन ...
क्रमशः ★ ★ ★ ★ ★ ★ ★ ★ ★ ★ ★ ★ ★ ★