थोड़ी देर बाद सौम्या को देखने के लिए लड़के वाले आते हैं ,तो सौम्या के भैया सबको अंदर गेस्ट रूम में बड़े आदर से लेकर आते हैं , तभी सौम्या की भाभी प्रगति जी और मां अक्षरा जी आती है ।अक्षरा जी लड़के के माँ और पापा को हाथ जोड़कर नमस्ते करती हैं और वही प्रगति जी और हर्षवर्धन जी उन दोनों के पैर छूते हैं ।
लड़का भी सौम्या के मम्मी ,भैया और भाभी का पैर छूने के लिए आगे बढ़ा और वो अक्षरा जी का पैर छूकर वो जैसे ही प्रगती जी और हर्षवर्धन जी का पैर छूने के लिए झुकता है , तो उनलोगों ने उसका नीचे बढ़ा हुआ हाथ अपने हाथ में लें लिया । उनलोगों ने उससे अपना पैर नहीं छूने दिया और उसका कहा अरे - अरे ... ये क्या ? क्या कर रहे हो आप ... हम इतने भी बड़े नहीं है . . तो वही प्रगती जी मजाक करते हुए कहती है ।
प्रगती जी - हमारा पैर छूकर आप हमें बूढ़े लोगों के लाइन में खड़ा करना चाहते हो😄 ये तो हम नहीं होने देंगे कभी 😄😄और ये कह कर प्रगति जी और हर्षवर्धन जी उसे ( लड़के को ) गले लगा लेते है ।
थोड़ा हंसी मजाक करने के बाद... आपस में सब लोग बात करने लगते हैं ।
कुछ देर के बाद मिस्टर सूर्यवंशी .. सौम्या के भैया हर्षवर्धन जी से सौम्या को लेकर आने को बोलते हैं ; तो हर्षवर्धन जी हाँ में सर हिला कर , प्रगति जी से कहते हैं ।
हर्षवर्धन जी - प्रगति ... सौम्या को ले आओं यहाँ । तो प्रगति जी वहां से उठ कर सौम्या को बुलाने चली जाती हैं । वो ( प्रगति जी ) सौम्या को लेने उसके कमरे में आती है और उसे पकड़कर पहले गोल - गोल घुम जाती है और फिर उससे कहती हैं ।
प्रगति जी -अरे लड़का तो बहुत हैंडसम हैं . . हैंडसम .. ; मुझे ,तुम्हारे भैया और मां को तो लड़का बहुत पसंद है , तुम्हारे लिए वह बहुत अच्छा लड़का है , बाकी अब तुम्हारे ऊपर है ; तुम्हें अगर वह अच्छा लगे तो ही कहना की अच्छा है । ये नहीं कि घर वालों को पसंद है , तो तुम भी हां कर देना । प्रगति जी थोड़ा गंभीर होकर बलती है -तुम्हें अपनी पूरी जिंदगी उसके साथ गुजारनी है । हमें नहीं तो फैसला तुम्हें करना है , तुम्हारी शादी चाहे जिस लड़के से भी हो । आखिरी फैसला तुम्हारी होगी ।
मेरे कहने का ये मतलब है कि तुम कोई भी फैसला , जल्दी बाजी में या दबाव में आकर नहीं लेना , क्योंकि तुम्हारी खुशियों से ही हमारी खुशी जुड़ी हुई है । तुम इस घर की जान हो जान समझी । तुम्हें अगर लड़का पसंद आये तभी बोलना शादि के लिए हाँ । बाकी चीजों का तुम्हें टेंसन लेने की कोई जरूरत नहीं है , हम सब सम्भाल लेंगे ।
सौम्या तो सब समझ रही थी उनके ( प्रगति जी के ) सब सम्भाल लेंगे का मतलब ।
सौम्या - अरे बस - बस मेरी प्यारी भाभी जी .. आप अपने दिमाग और होठ को कितना दौड़ा रही हो , थोड़ा ब्रेक भी ले लो ... कुछ मेरी भी सुन लो ... भाभी जी । ( इतना कहकर सौम्या हँसने लगती हे )
प्रगति जी - नहीं - नहीं अभी नहीं सुनेंगे हम तुम्हारी को भी बात । पहले तुम लड़का से मिल लो , लफिर सुनना जो सुनाना चाहती हो वो , और हाँ ! मेरा तो काम ही है तुम्हारे लिए अपना दिमाग और होठ को दौड़ाना । ( ये कहकर प्रगति जी मुस्कुरा देती है । )
फिर सौम्या कुछ सोचते हुए प्रगति जी से पूछती है ।
सौम्या -भाभी आप इतना sehore कैसे हो की लड़के वाले मुझे पसंद ही कर लेंगे ।
तू प्रगति जी सौम्या की इस बात को सुनकर थोड़ा मुस्कुराई और फिर बोली ।
प्रगति जी - अरे ....इसमें स्योर होने वाली कौन सी बात है , तुमदोनो की कुण्डली मिल गई है , तुम्हारी फोटो भी गई थी उनलोगों के यहाँ , वो लोग फोटो में देखे हैं और तुम पसंद आई हो उन्हें , तभी ये लोग आज यहां आए तुम्हें देखने के लिए ...समझी ( इतना कहकर प्रगति जी सौम्या का गाल प्यार से खिचती है । वो फिर सौम्या से बोलती हैं। )
प्रगति जी - और हां ! .. तुझ में कमी ही क्या है , जो तुम्हें नापसंद कर देंगे ? अब चलो जल्दी से नीचे ; वो लोग तुम्हारा वेट कर रहे हैं और तुम्हारे होने वाले वो भी .. प्रगति जी ने तुम्हारे वो पर ज्यादा जोर देकर कहा । (और वो ( प्रगति जी ) यह कह कर मुस्कुरा देती है ।)
क्रमश: - - - - - - - - - - - -- --- ----