( मिस्टर कौशिक - सौम्या को समझाते है , उसको इतना परेशान देखकर ) -- बेटा .... हर लड़की के घर वाले चाहते है कि उनकी बेटी अपने ससुराल में खुश रहें । उसे वो सरी खुशियाँ मिले , जिसे उसके मायके वालों ने पूरा नहीं किया . . . चाहे वो आर्थिक तंगि से या फिर किसी भी कारण बस । फिर थोड़े देर रुक कर सौम्या से बोलते है ー सौम्या .... बेटा ... तू चिंता मत कर मेरी सब ठीक हो जाएगा भगवान पर भरोसा रखो ।
मिस्टर कौशिक की बात सुनकर सौम्या ने बोला ー लेकिन भैया ... आप कैसे कर सकते हो ? कहाँ से लाओंगें आप इतने सारे पैसे ? सिर्फ 2 लाख की तो बात नहीं है यहाँ ... बाकी के कामों में भी तो पैसे लगेंगे ना ? यह क्यों नहीं सोच रहे हो आप ? मैं क्या अंधी हूं ... जो मुझे ये सब नहीं दिख रहा है कि आप परेशान हो ? मैं कोई छोटी बच्ची तो नहीं हूं कि मुझे कुछ समझ नहीं आयेगा ? मुझे पता है कि आप ये सब मेरी खुशी के लिए कर रहे हो ... लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है कि मेरी खुशी किस में है , मैं इस खुशी को लेकर क्या करूंगी , यह जानते हुए कि आगे चल कर मेरे परिवार वालों की बर्बादी छुपी हुई है मेरी इस खुशी में। ये सब बोलते समय सौम्या की आँखे भर आयी थी और गला रूंध गया था । वो जाने से पहले अपने आँसुओं से भरे आँखों से अपने भैया और भाभी को एक नजर देख लि और फिर वहाँ से लगभग दौड़ते हुए वहां से अपने कमरे में चली गयी ।
भले ही सैम्या के भैया सबको दिखा रहे थे कि मुझे कोई परेशानी नहीं हैं , मै बिल्कुल भी परेशान नहीं हूँ , लेकिन भीतर ही भीतर वो बहुत परेशान हो रहे थे । वह ना चाहते हुए भी अपने दोस्तों से अपनी बहन की शादी में थोड़ी मदद के लिए बोले तो उनके कुछ दोस्त तैयार हो गए । मिस्टर कौशिक की तनख्वाह 50,000 है । जिससे उनके परिवार का खर्च बहुत अच्छा से चलता है । सुखी जीवन यापन करने के लिए इतना पैसा उनके परिवार के लिए काफी है , क्योंकि उनके परिवार में चार लोग ही है । लेकिन शादी के लिए काफी नहीं है । उन्होंने कुछ पैसे लोन पर भी लेना चाहा लेकिन दुर्भाग्यवश लोन नहीं मिल पाया । वह बस अब इसी सोच में डूबे रहते थे कि कहां से इतने पैसों का इंतजाम किया जाए । 8 - 10 लाख रुपया से कम तो बजट नहीं आएगा शादी में । इतनी महंगाई हो गई है कि कुछ भी खरीदना आसान नहीं रह गया है । 200000 तो कैस ही देना है और उसके बाद से फ्रिज कूलर वाशिंग मशीन ऐसी और भी इलेक्ट्रिक चीजें जो आजकल यूज़ किया जा रहा है । लोग आएंगे तो उनके लिए गिफ्ट्स भी लेना लेना है । यह सोचते हुए वह अपने सर को दोनों हाथों से पकड़ कर वहीं जमीन पर बैठ गए । मिस्टर कौशिक अब रात को घर बहुत देर से आने लगे थे ।वो सौम्या का सामना नहीं करना चाहते थे , क्योंकि उनका चेहरा देखकर सौम्या समझ जाएगी कि वो ( मिस्टर कौशिक ) बहुत परेशान है और इस परेशानी की वजह मैं हूं । तब वह बिना एक पल भी गवाये ये शादी तोड़ देगी।
वह सौम्या को बचपन से जानते हैं कि जब वह अपने पर आ जाती है तो कुछ भी कर देती है । घर में छोटी होने की वजह से उसे बहुत प्यार मिला है , तो इस वजह से वो थोड़ी जिद्दी है । लेकिन उसकी ज़िद्द जाएज चीजों के लिए ही होती है । जो गलत चीजों के लिए कभी भी जिद्द नहीं की है । ऐसी धीरे - धीरे कई दिन बीत गए । सौम्या किसी से भी बात नहीं करती थी , ना फोन पर , ना ऐसे ही । ऐसे में अनिका उसके घर आ पहुंची । और जब उसने सुना कि सौम्या की शादी फिक्स हो गई है , और उसकी शादी इस माह की तुरंत बाद ही होने वाली है । तो वह बहुत खुश हुई और प्रगति जी से लड़के की फोटो दिखाने को बोला । तो प्रगती जी ने अपने फोन में उस लड़के कि पिक दिखाई ।जब अनिका ने शशांक की पिक देखी , तो उसके मुंह से अचानक ही निकल गया । अरे . . . . . ! तो ये है जनाब मेरे होने वाले जीजू । वाह क्या बात है भई । उसकी बात सुनकर प्रगति जी ने अनिका से पूछा कि आप जानती हो क्या इस लड़के को ? मेरा मतलब है शशांक को ? तो अनीका ने कहा ー हां ----- यह मेरे कॉलेज के दोस्त आदित्य का फ्रेंड है और हम सब एक साथ राजगीर भी गए थे । सौम्या भी तो गई थी , उसने भी देखा है शशांक को शशाक ने सौम्या का वहां बहुत ख्याल रखा था । हम लोग जब ग्लास ब्रिज पर जा रहे थे , तो सौम्या डर की वजह से उस पर जाने से मना कर दी । तो शशांक ने जबरदस्ती सौम्या को ग्लास ब्रिज पर ले गया । मुझे तो वहीं देख कर पता चल गया था , कि शशांक . . . . सौम्या को पसंद करने लगा है और मैंने कई बार शशांक का नाम लेकर सौम्या को चिढ़ाया भी , 😉ताकि पता चल सके कि इसके मन में क्या है ? लेकिन यह लड़की तो हमेशा अपने ही धुन में रहती थी । जब भी शशांक के बारे में कुछ कह कर इसे चिढ़ाती थी , तो सौम्या बस इतना कहती थी कि वह मेरे सिर्फ दोस्त हैं , और हमें अभी मिले हुए कितने दिन ही हुए हैं , कि हम उनके बारे में कुछ भी ऐसी - वैसी सोचने लगे । तू अपना दिमाग ज्यादा मत चला । कहीं अच्छी जगह पर दिमाग को खपाया करो । बेकार की चीजों में नहीं । यह कहकर अनीका हांसने लगी और प्रगती जी से बोली कि सौम्या को मैं जब भी चिढ़ाती थी , तो वह हमेशा मुझे खरी-खोटी सुना देती थी ।
क्रमशः ****************--------------****_____________-------_-______________