चलों कोई नहीं ... अब ऊपर थोड़ा फुलनदेवी से बात करने के लिए जा रही हूँ भाभी । आप चिंता मत करिए ।मैं उसे समझा दूंगी और ये कहते अनिका मुस्कुराते हुए ऊपर चली गई सौम्या के कमरे में । प्रगति जी बस मुस्कुरा दी उसकी बात सुनकर और अनिका को ऊपर जाते हुए देखते रही ।
अनिका —— सौम्या की कमरे में गई और बिना कुछ बोले ही ... वो पहले अंदर से दरवाजा को लॉक कर दी । उस समय सौम्या अपने बेड पर लेटे हुए एक उपन्यास पढ़ रही थी । उसे जब किसी के अंदर आने की आहट सुनाई दी , तो वह जल्दी से उपन्यास को अपने आंखों से थोड़ा नीचे करते हुए , वो कमरे में आए हुए इंसान को देखना चाही , लेकिन तब तक आनिका दरवाजे की तरफ मोड़ चुकी थी और दरवाजे को अंदर से लॉक करने लगी थी , लेकिन सौम्या उसको पहचान गई और बेड से उठते हुए उसने आनिका से कहा —— वाह भई आप यह दरवाजा क्यों बंद कर रही हो भीतर से ? , क्या मै जान सकती हूँ इसकी वजह ? , कहीं मुझे मारने — वारने का इरादा तो नहीं बना रही हो तुम ?
अनिका उसकी बात सुनकर उससे बोलती है — अगर ऐसी ही कुछ दिन रहा ना ... तेरा यह रवैया सबके साथ ; तो मुझे तुम्हें मारने में देर नहीं लगेगी ।
सौम्या उसकी बातों को नहीं समझते हुए अनिका से बोली — ह ऽ ह ... ! अब लो .... यह तुम्हें क्या हो गया है ? और आते ही किस बात पर फट रही हो मुझ पर ! मैं कुछ समझी नहीं , तुम मेरे किस रवैए के बारे में बात कर रही हो ?
अनिका जैसे ही कुछ बोलना चाही — तभी सौम्या उसे बाजूओं से पकड़ कर बेड पर मिटाते हुए बोली — अरे ••• रिलैक्स बेबी ★★★ मेरी जान ये लो थोड़ा पानी पी लो ★★★ ‚ फिर जो भी तुम्हें कहना है वह कहते रहना ••• । सौम्या एक गिलास में पानी डालते हुए बोली ।
अनिका सौम्या से पानी का गिलास ली और फिर बोली — तुम्हें क्या लगता है ★★★ एक तुम ही लोगों से प्यार करती हो ? लोगों के अच्छा बुरा के बारे में ००० क्या सिर्फ एक तुम ही सोचती हो ? क्या ऐसा और कोई भी नहीं कर सकता ? जो तुम करती हो ! बोलो •••• बताओ मुझे ••••
ऐसा क्या कोई नहीं कर सकता ••••• ? ह ऽ ऽम्म •••• अपने परिवार वालों से तुम प्यार कर सकती हो उनके अच्छा - बुरा के बारे में सोच सकती हो , तो वो भी तो तुमसे प्यार करते है और वो भी तुम्हारे भला - बुरा हैं के बारे में सोचते है ; तो इसमें वो गलत कहाँ है ? वो अपनी जगह पर सही है , जैसे तुम अपनी जगह पर सही हो ? दोनो लोग सही हैं अपने - अपने जगह पर । तुम उनके भलाई के लिए कुछ भी कर सकती हो ? तो वो क्यों नहीं कर सकते हैं तुम्हारे लिए ? तुम करो तो सही , वो करें तो गलत ! वाह भई ये क्या बात हुई ।
हां मैं मानती हूं कि यह दहेज लेना और देना गलत बात है । लेकिन हमारे यहां यह एक रिवाज बन गया है , जैसे कि शादी करने का यह एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण रस्म हो , इसके बिना तो शादी नामुमकिन ही बन गया है ।
अब बताओ हम क्या कर सकते हैं ? हमारे जैसे जो लड़कियां हैं , वो तो कहती हैं कि हम बिना शादी के भी रह लेंगे , लेकिन क्या हमारे परिवार वाले हमे ऐसी जिंदगी जीने देंगे ? बताओ •••• ।
तुम तो अपनी भैया - भाभी से प्यार करते हो ना तो वह प्यार कहां गया । इन दिनों तुमने कभी देखा है कि कितने उदास रह रहे हैं तुम्हारी इस रवैया के वजह से ।
सौम्या अनिका की बातों को सुनकर उससे कहती है — लेकिन अन्नू भैया बहुत परेशान है . . . कैसे करेंगे वह ये सब ?
अनिका — अभी भाभी नीचे मुझसे यही कह रही थी , कि यह परेशानी हमारे लिए कुछ भी नहीं है , सौम्या के खुशी के आगे .... और हमें पता है ••• कि हम यह दहेज गलत जगह पर नहीं दे रहे हैं । शशांक हमें अच्छा लगा ,,,,, तभी हम लोग भी तैयार हुए शादी के लिए । मैंने देखा था शशांक को जब वो सोमू को देखने आया था ,,,, तब वह सोमू को बहुत प्यार और इज्जत भरी नजरों से देख रहा था .... और इन सब में शशांक की भी कोई गलती नहीं है । क्या कर सकता है ,,,, वह भी मजबूर होगा दहेज लेने के लिए । मैंने देखा है उसकी आंखों में सौम्या को खो देने का डर •••••• जब वो सौम्या से बात करके आया था तब । शायद सोमू ऊपर कुछ कहीं भी उससे दहेज के बारे में । खैर .... मैं ये बात पूरे विश्वास के साथ कह सकती हूं , , , , कि हम दहेज किसी गलत जगह पर नहीं दे रहे हैं । सौम्या वहां पर बहुत खुश रहेगी , उसको एक बहुत प्यार करने वाला पति मिल रहा है ।शशांक उसे कभी कोई तकलीफ नहीं देगा । भले ही सौम्या अभी यह बात नहीं समझ रही है , , , लेकिन बाद में बहुत खुश होगी हमारे इस फैसले से ।
अनिका से यह सब बातें सुनकर , , , सौम्या की आंखों से आंसू गिरने लगे थे । वह बस रोए जा रही थी और सोच रही थी कि मैंने जाने - अनजाने में भैया - भाभी को बहुत दुख दे दिया है इन दिनो में । तभी तो यह बाते भाभी अनिका से कही है . . . मुझे यह समझाने के लिए कि मैं दुखी नहीं होऊं । मैं बहुत खुश नसीब हूँ कि मेरे भाई - भाभी मुझसे इतना प्यार करते है ।
क्रमशः ★ ★ ★ ★ ★ ★ ★ ★ ★ ★ ★ ★ ★ ★