अनिका - अब ज्यादा भाव मत खाओं तुम। चलो जल्दी सुनाओं मुझे । गुड न्यूज क्या है ? फिर अनिका गम्भीर स्वर में सौम्या से बोली - तुम ज्यादा मत सोचों इस बारे में । सब ठीक ही होगा और क्या पता तुम्हें ऐसा राजकुमार मिल जायेगा । जो दहेज ही ना ले ।
सौम्या - ऐसा तो कभी हो ही नहीं सकता है कि मेरी शादी बिना दहेज दिये ही हो जाये ।
अनिका - अरे चिंता मत करो मेरी जान । ऐसा ही होगा देखना तुम ।
सौम्या फिर अनिका के कहने पर मान जाती है और अनिका को बताती है कि आज उसे टैक्सी में उसकी मुलाकात शशांक से हुई थी ।
और जो -जो उसके साथ हुआ था टैक्सी में , वह बताती है । ड्राइवर से गुस्से में उसका बात करना और फिर ड्राइवर की बात मानकर दोबारा टैक्सी में बैठ जाना । थोड़ी देर में शशांक का टैक्सी में आना ।
साथ में सौम्या ने यह भी बताती है कि शशांक की कार खराब होने की वजह से , उन्हें टैक्सी से जाना पड़ा कॉलेज ...
फिर कॉलेज पहुंचने के बाद उसकी सहेलियों के साथ जो बात हुई थी वह सब बताती हैं ,और ये भी की शशांक ने हमारी हेल्प करी फॉर्म दिलाने में और वह यह भी कहती है अगर शशांक नहीं होते तो ,आज फॉर्म मिलना मुश्किल हीं था हमें ।
इन सब बातों के दौरान अनिका बिल्कुल चुप थी ।जो अभी कुछ देर पहले पटर - पटर कर रही थी ।वह इस समय चुप होकर सौम्या को देखकर मुस्कुरा रही थी ।उसकी यह मुस्कुराहट कुछ अलग ही तरह की थी ।
अनिका यह देख रही थी की सौम्या जब से शशांक की बात कर रही है तब से उसके चेहरे पर एक अलग ही चमक नजर आ रही है और उसने यह भी नोटिस किया कि , जो लड़की .हमेशा से लड़कों से थोड़ा दूर ही रही है और जिस लड़के को वह अच्छे से नहीं जानती हैं , उस लड़के के तरफ देखना तक पसंद नहीं करती है और आज वही सौम्या ...शशांक -शशांक की माला जप रही है । कुछ तो अलग है , इस बंदे में । जो और लड़कों में नहीं देखी थी कभी सौम्या ने ।
अनिका अपने इन्हीं ख्यालों में खोई हुई थी और इधर सौम्या नॉनस्टॉप उसे (यानी कि अनिका को ) अपने सहेलियों के साथ जो टाइम स्पेंड किया था कॉलेज में वह बता रही थी ।इस वक्त सौम्या काफी खुश लग रही थी ।सौम्या बात करते-करते एकदम से रुक जाती है और अनिका को अपने ख्यालों की दुनिया में खोए हुए देखकर उसने (यानी कि सौम्या )उससे (अनिका को ) पीलो से मारती है ।
अनिका हड़बड़ा कर कहती है ,क .. क ..क्या हुआ यार ! तु ऐसे मार क्यों रही हो हमें ?
सौम्या - नहीं तो और क्या करू । तुम्हें मारू नहीं तो .. क्या आरती उतारू तुम्हारी ! कब से बकबक कर रही थी कि गुड न्यूज़ सुनाओ .. गुड न्यूज़ सुनाओ अब जब मैं सुना रही हूं तो , महारानी जी ना जाने किन ख्यालों में गुम हो गई है ।
अनिका (हंसते हुए ) -अरे हम अपने ख्यालों में गुम नहीं थे । हम तो तुम्हारे ख्यालों में खोए हुए थे ।
सौम्या - अच्छा तो ऐसा है , क्या सोच रही थी आप ? नहीं-नहीं ...कैसे-कैसे ख्याली पुलाव पकाया है आपने , मिस महारानी जी मेरे बारे में । जरा हमें भी बताने का कष्ट करिये ।
अनिका बात को घुमाते हुए सौम्या से कहती है - अरे अभी हम शुरू ही किए थे सोचना कि तुम हमें तभी पिलो से मार दी और हम नहीं पका पाए तेरा ख्याली पुलाव ।अनिका अभी सौम्या को यह बात नहीं बताना चाहती थी , क्योंकि उसे पता था कि उसके बताने के बाद रिजल्ट क्या होगा ? इसलिए अभी सौम्या को नहीं बताना ही उसने सही समझा ।
सौम्या -अच्छा तो फिर सुन , मेरी बात पूरी नहीं हुई है अभी । मेरी बात आधी - अधूरी हैं । पूरी बात सुन मेरी ।
अनिका -तो फिर सुनाओ ।
सौम्या -इस बार मत खो जाना कहीं ?
अनिका - नहीं-नहीं एकदम नहीं सोचेंगे हम । आप शुरू तो करिए पहले।
(((फिर अनिका मन में कहती है खोने और सोचने वाली बात होगी तो फिर हमें कोई नहीं रोक सकता । खुद सौम्या तू भी नहीं ,क्योंकि तुममें हमें कुछ चेंजिंग नजर आ रही है ,और हम इस बात से खुश भी हैं । )))
तो फिर सौम्या अनिका से कहती है . .कि जब उसने ( सौम्या ने) शशांक से पूछा कि ..तब मेरी भाभी जी कैसी हैं ,तो पता है पहले तो वो हंसे , फिर कहे कि अरे अभी हम तो अकेले हीं है । मेरी पार्वती जी तो पता नहीं कहां छुपी बैठी है हमसे ।
तो हमने उनसे कहा कि आपके पास तो सब कुछ है , आप हैंडसम भी हो । तो फिर अभी तक शादी क्यों नहीं की है आपने ?
तो शशांक मेरी बात सुनकर कहे - अभी जल्दी ही क्या है शादी की ? अगर आप जैसी कोई मिल जाए ,तो वो ( शादी ) भी हो ही जाएगी और यह कहकर वह मुस्कुराने लगे थे ।
सौम्या यह सब बात कह रही थी और साथ ही हंस भी रही थी ।
सौम्या ने फिर अनिका से कहा - यार अन्नू दुनिया में कितने अजीब अजीब लोग हैं ना । कुछ भी कह देते हैं , बिना कुछ सोचे समझे । पता है जब वो ये बात कहें कि मेरी जैसी उनको कोई मिल जाएगी , तो वो भी शादी कर लेंगे । तो मुझे उनकी यह बात थोड़ी अजीब सी लगी ,तो फिर हम यह बात सुनकर चुप हो गए । फिर मैंने शशांक से कुछ नहीं पूछा , क्योंकि मुझे चुप रहना ही ज्यादा अच्छा लगा उस समय ।
अनिका -अरे कुछ भी पूछती तुम ?
सौम्या -अरे बात बढ़ाते तो वह बातों -बातों में ही कह देते कि आप अपने जैसी कोई लड़की ढूंढ दीजिए मेरे लिए । तो मै कहां से ढूंढ कर लाती अपने जैसी दूसरी लड़की ! बताओ हमें तुम ?
अनिका -अरे नहीं मिलती तुम्हारी जैसी कोई । तो ऑप्शन है ना एक । (यह कहकर आनिका मुस्कुरा देती है ।)
सौम्या चौकते हुए ! -क्या .. वह कौन से ऑप्शन है ?
अनिका -तेरे शशांक को तेरे जैसी लड़की चाहिए ।अगर तु शशांक को मिल गई तो ... तो फिर तो शशांक के लिए सोने पर सुहागा हो जाएगा ।
(यह बात कहकर अनिका ने सौम्या को देखकर अपनी आई विंक कर दिया । )
क्रमश: ...........