कुछ देर बाद इस सॉग के साथ ही आज का कार्यक्रम समाप्त हो गया । सब लोग अपने अपने घर चले गये । इधर अभी भी हर्षवर्धन जी दहेज के पैसों को लेकर चिंतित थे , क्योंकि अब तक पैसों का इतंजाम नहीं हुआ था ।
रात के 01:15 बजे
सौम्या , अनिका , प्राची और प्रिया चारो एक ही कमरे में सोयी ताकि ढ़ेर सारा बात कर सके । बात करते - करते प्राची ये कहकर सो गई कि कल भी बहुत काम है और सुबह में जगना भी है तो अब सो जाओं सब । प्रिया भी हाँ में सर हिला कर वो भी सो गई । सौम्या और अनिका भी सोने का प्रयत्न कर रही थी लेकिन उनकी आँखों से निंद कोसो दूर थी । दोनों की नींद उड़ गई थी । जब भी वो अपनी आँखें बंद करती थी दोनों के सामने शशांक और आदि का चेहरा और उनकी कही हुई बातें याद आने लग जा रही थी । सौम्या को शशांक की कही हुई बाते याद आती हैं ।
(बैक कैमरा )
साँग चल रहा था और दोनों धीरे - धीरे डांस कर रहे थे । तभी शशांक सौम्या से कहने लगा उसके करीब आकर । उसका दोनों हाथ सौम्या के कमर पर था और सौम्या उसके कांधे को पकड़ी हुई थी अपने दोनों हाथों से ।
तेरे क़रीब आ रहा हूँ
खुद से मैं दूर जा रहा हूँ
ये बेवजह तो नहीं
तू जो मिला
{ सौम्या से — मैं नहीं जनता हूँ कि तुम्हारें लिए और तुम्हारे जिंदगी में ... मेरी क्या अहमियत है ! बस मैं इतना जानता हूँ ... कि तुम मुझे भगवान की दी हुई अनमोल खजाना हो , जिसे मैं खोने से डरता हूँ .... तुम्हारे बीना मेरी जिंदगी अधूरी हैं , }
धीरे धीरे से तेरा हुआ
हौले हौले से तेरा हुआ
रफ्ता रफ्ता तेरा हुआ
तेरे बिन मैं हूँ बेनिशाँ
धीरे धीरे से तेरा हुआ
हौले हौले से तेरा हुआ
रफ्ता रफ्ता तेरा हुआ
तेरे बिन मैं हूँ बेनिशाँ
ओ ओ ओ ओ ओ …
{ शशांक डांस करते हुए सौम्या से कहा — सौम्या ...
मैं तुम्हें दुनिया के बुरी नजरो से छुपा कर रखना चाहता हूँ , मुझे डर है . . . कि कही कोई मेरी कोहिनूर को मुझसे चुरा ना ले ..... }
सौम्या ये सब सुनकर शशांक को एक प्यार भरी नजर से देखी फिर वो शशांक के थोड़ा करीब आ कर उसके आँखों में देखते हुए उससे सिर्फ इतना ही बोली — { मैं तो अब आपके बारे में बहुत कुछ जान गयी हूँ लेकिन आप तो मेरे बारे में शायद बिल्कुल ही नहीं जानते हो । ये कहकर वो मुस्कुराने लगी । }
समझो ज़रा समझो इशारा
तेरा हूँ मैं सारा का सारा
जैसे मुझे तुमसे हुआ है
ये प्यार ना होगा दोबारा
दिल में तेरी जो जगह है
उसकी कोई तो वजह है
ये बेवजह तो नहीं है
तू जो मिला
शशांक तो सौम्या के इस अदा पर फिदा हि हो गया था ... उसके चेहरे पे एक अलग ही नूर आ गई थी उस समय ... उसका जी चाह रहा था कि वो सौम्या को एक डाइट वाली हग करले । लेकिन अफसोस वो ऐसा नहीं कर सकता था ।
धीरे धीरे से तेरा हुआ
हौले हौले से तेरा हुआ
रफ्ता रफ्ता तेरा हुआ
तेरे बिन मैं हूँ बेनिशाँ
धीरे धीरे से तेरा हुआ
हौले हौले से तेरा हुआ
सौम्या को शशांक की कही सारी बाते याद आ रही थी और वो मुस्कुरा रही थी । सौम्या शशांक को याद करते करते नींद के अगोश में चली गयी ।
प्राची , प्रिया और सौम्या तीनों सो गयी थी लेकिन अनिका अभी भी करवटे बदल रही थी । वो तब से कोशिश कर रही थी आदि को अपने ख्यालों से दूर करने की लेकिन वो सफल नहीं हुई । वो अपनी आँखे बार - बार खोल रहीं थी और फिर जोर से बंद कर ले रही थी । इस समय अनिका के जेहन में एक ही सवाल था । कैसे आखिर ये कैसे हो सकता है ? कही आदि मजाक तो नहीं कर रहा था मेरे साथ ? फिर खुद से कहने लगी — हाँ शयद मजाक ही कर रह होगा .... लेकिन उसकी आँखों में एक डर था कि कही मैं ये बात सुनकर दोस्ती ना तोड़ दूँ । तो क्या वो सच में मुझसे प्यार करने लगा है ? और फिर अनिका को आदि की कही हुई बात याद आने लगी .... कैसे उसे डरते हुए सबसे नजरे बचाकर उसको छत पर ले गया और फिर रुक - रुक कर कहा कि अन्नु मैं तुमसे कुछ कहना चाहता हूँ । Plz बुरा मत मानना ।
अनिका उसके इस तरह से बोलते देखकर खिझते हुए उससे कहि — हाँ हाँ बोलो ना तुम्हें क्या कहना है , मैं बुरा नहीं मानुंगी । मुझे तो तुम्हारा ये रूप देखकर डर लग रहा हैं । इतना सिरियस और मेरे साथ ! ये बात मुझे हजम नहीं हुई ।
आदि अनिका से दोस्ती खो देने के डर के साथ कहता है — बात ही कुछ ऐसी है , लेकिन तुम वादा करो कि तुम कभी भी मुझे दोस्ती नहीं तोड़ोगी , अभी जो बात कहूंगा उसको सुनकर । हम जैसे है वैसे ही रहेंगे । मै अपनी दोस्त को खोना नहीं चाहता हूँ । तुम मेरी वाहिद दोस्त हो जिसके साथ मैं खुलकर हंस सकता हूँ और तुम्हारे साथ जी भर के लड़ सकता हूं , तो Plz तुम मेरे से दोस्ती मत तोड़ना । 🙁
अनिका — हाँ - हाँ नहीं तोड़गी दोस्ती तुमसे । आखिर तुम क्या कहने वाले हो ? ..... देखों आदि तुम्हें जो भी कहना है साफ - साफ कहों । यूं बात को घूमा - घूमा कर तुम मुझे डरा रहे हो । तुम्हें जो भी कहना है वो कहो .... मुझसे डरने की कोई जरूरत नहीं है । मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहूंगी । ☺️ ये मेरा वादा है तुमसे ... अब खुश हो ना ... चलो अब जल्दी करो और हाँ बिना कोई भूमिका के ही अपनी बात कहो तो बेहतर होगा ।
क्रमश : ★ ★ ★ ★ ★ ★ ★ ★ ★ ★ ★ ★ ★ ★ ★