ये सब याद करते हुए शशांक कब अपने घर पहुंचा , उसे पता हीं नहीं चला । वो बस सौम्या के ख्यालों में खोया हुआ था और मुस्कुरा रहा था ।
तीन दिन बाद
आज शशांक सौम्या के घर आया था , उसे आज भाभी ( प्रगति जी ) से कुछ बात करनी थी । जब उसने प्रगति जी को बातया की वो यहां क्यों आया हैं , तो प्रगति जी उसकी बात सुनकर बहुत खुश हुई और मुस्कुराते हुए उन्होंने कहां — मुझे इस बात से खुशी हुई कि आपने हमारे लिए इतना कुछ सोचा लेकिन सौम्या के भैया को ये बात बिल्कुल भी अच्छी नहीं लगेगी । वो बहुत स्वभिमानि है । फिर प्रगति जी ने मुस्कुराते हुए कहा — हम बहुत खुश हैं कि आपसे हमारी सौम्या की शादी हो रहीं है और वो बहुत खुशनसीब है कि आप उसके होने वाले पति हो । आपने इतना सोचा हमारे लिए और सौम्या के लिए यहीं बहुत बड़ी बात है . , क्योंकिं इस दुनियां में आप जैसे लोग विरले ही मिलते हैं और मलते भी उन्हीं को है जो भाग्यशाली होते है . . . जैसे में हमें ही देख लिजिए 😊😊☺️ ।
शशांक यह सुनकर प्रगति जी से बोलता है— भाभी ये कह कर आप मुझे शर्मिंदा नहीं करों । खुशनसीब आप नहीं .... मैं हूं ! जो मुझे सौम्या मिली और आप जैसे अच्छे इंसान मिले । आपके अच्छी परवरिश के वजह से ही सौम्या इतनी अच्छी है और आप लोगों से प्यार भी करती हैं और वो इतना प्यार करती है कि ... वो कुछ भी कर सकती है आप दोनों को खुश रखने के लिए । फिर शशांक ने कुछ रुक कर बोलना शुरू किया — मुझे पता है कि वह अब तक क्यों शादी नहीं करना चाह रही थी मुझसे । इसलिए मैंने यह फैसला किया ताकि दोनों परिवार खुश रहे और सौम्या भी हंसते हुए शादी कर ले मुझसे ।
कुछ रुक कर फिर शशांक ने थोड़ा गंभीर होकर प्रगति जी से बोला — भाभी आप नहीं जानती हो कि वो मेरे लिए क्या है ? ! मैं उसे कभी खोना नहीं चाहता हूं । ... सौम्या कोहिनूर है कोहिनूर ... वो बहुत कीमती हैं मेरे लिए ।
ये सब बात पिलर के पीछे खड़ी सौम्या सुन रहीं थी । दरअस्ल सौम्या नीचे प्रगति जी के पास आ रही थी और वो इस बात से अंजान थी कि शशांक उसके घर आया है । वो दोनों की बातें सुनकर वही पिलर के पीछे खड़ी हो गई , ताकि वो दोनों की बातें सुन सके । शशांक की बात सुनकर सौम्या की आंखें भर आई थी । आज उसके हृदय में शशांक के लिए प्यार और इज्जत दोनों ही और भी बढ़ गया था । वह बस चुपचाप से शाम को चुप के देखे जा रही थी और उसके साथ किए हुए व्यवहार को याद कर - कर के खुद को कोस रही थी । सौम्या के लिए शशांक किसी देवदूत से कम नहीं लग रहा था । वो उससे मिलना चाह रही थी और उससे क्षमा माँगना चाह रही थी उसके साथ कठोर व्यवहार करने पर , लेकिन नहीं मिल सकी । क्योंकि तब तक शशांक वहां से चला गया था । शशांक ... सौम्या के घर से निकलते ही आदि को कॉल किया और मुंह लटकाते हुए कहा — कहा यार आदि भाभी नहीं मानी .... । वो बोल रहीं हैं कि भैया को अच्छा नहीं लगेगा .... ।
फिर एक लम्बी सांस छोड़ते हुए शशांक ने आदि से कहां — खैर कोई नहीं ... अब वही करना होगा जो हमने ऑप्शन में रखा था .... और यह कहकर उसने कॉल कट कर दिया । फिर शशांक वहां से अपने घर चला गया ।
कुछ दिन बाद
शशांक और सौम्या के घर में शादी की तैयारियां शुरू हो गई थी । दोनों घर में काफी चहल-पहल थी ।
आज सौम्या के घर शशांक के यहां से मेहंदी आने वाली हैं , जिसे सौम्या के हाथों में लगाया जायेगा । सौम्या के घर में आज बहुत सारे मेहमान आये हुए थे । कुछ देर में अनिका अपने फ्रेंडस के साथ आ गयी । अनिका आते ही सबको काम पर लगा दि और ख़ुद भी करने लगी । काम के दौरान अनिका कभी साकेत पर चिल्लाती तो कभी प्रिया पर और कह रहीं थी प्राची को देखों कितना अच्छा से और मन लगा कर सारे काम कर रहीं । जल्दी - जल्दी हाथ चलाओ तुम लोग । दोपहर 2:00 बजे सब लोग आने वाले हैं मेहंदी और संगीत के लिए और तुम लोग कछुए की तरह काम कर रहे हो । जल्दी करो ..... । एक वो गधा आदि हैं . . . उसे आज यहां होना चाहिए था तो काम के डर से भाग गया शशांक के यहां ... सूअर कहीं का एक नंबर का काम चोर है । 😡
ऐसे ही लड़ते झगड़ते हैं सारे काम खत्म हो गए । अब सब लोग रेडी होने लगे मेहंदी के लिए । पूरे हॉल को बहुत अच्छे से सजाया गया था । सारे लोग मेहंदी के लिए हरे कपड़े पहने हुए थे । कुछ देर बाद शशांक के यहां के लोग भी आ गए मेहंदी लेकर । शशांक आज ग्रीन कलर का कुर्ता और वाइट पजामा पहना हुआ था और उसका चश्मा भी ग्रीन कलर का था । आदि और शशांक के पापा भी ग्रीन और वाइट कलर का कुर्ता पजामा पहने हुए थे । आज आदि भी बहुत सुंदर लग रहा था । शशांक की मां और उनके साथ आई हुई औरतें भी ग्रीन कलर की साड़ी पहनी हुई थी । थोड़ी देर में सौम्या को अनिका , प्रिया और प्राची लेकर हॉल में आ गई । वो तीनों भी ग्रीन सूट में कमाल की लग रही थी । सौम्या आज ग्रीन और क्रीम कलर की लहंगा पहनी हुई थी , बालों को फ्रेंच जुड़ा बना कर उसको फूलों से बहुत अच्छे से सजाया गया था । आँख में डार्क काजल और माथे पर ग्रीन और क्रिम कलर की बिंदियां लगी हुई थी । गले का हार , मांग टीका ' कान का झूमका , ब्रेसलेट और पायल सब ग्रीन और क्रीम कलर के फूलों से बनी हुई थी जिसे पहन कर सौम्या आज और भी सुंदर लग रही थी । शशांक तो बस उसे एक टक निहारे जा रहा था । उसे ये होश नहीं था कि लोग उसे ऐसे करते देख कर क्या कहेंगे । आदि भी अनिका को देखने में बिजी था । वो आज कैसे भी करके आनिका को दिल की बात बताना चाहता था ।
खैर थोड़ी देर में मेहंदी की रसम शुरू हो गई । सबसे पहले सौम्या के हाथ में शशांक की मां मेहंदी लगाई । फिर बाकी के लोग हल्का हल्का उसके उंगली पर लगा दिये । फिर उसके बाद मेंहदी लगाने वाली लड़कीयों ने सौम्या को और बाकी के औरतों को मेंहदी लगाने लगी । अनिका अभी फ्रि बैठी थी और मेंहदी के गाने पर बैठें - बैंठे हाथ को और कंधे को घुमाकर तो कभी उचका कर डांस कर रही थी । कुछ देर तक ऐसे ही करते रही फिर उठी और गाना चेंज की .... और आदि का हाथ पकड़ कर उसे खिचते हुए बीच हॉल में ले आयी ।
सॉग प्ले हो गया ....
माना के हमने प्यार को धीरे धीरे बढ़ाया हैं
लेकिन तुम ये जान लो, इंतेज़ार हुआ ख़त्म
अब इश्क़ मोहब्बत मिलन का मौसम आया है
चुनरी ले आओ, आहा
कंगन पहनाओ, आहा
गजरा माँगवाओ, कजरा लगवाओ
मेरे हाथों पे चमका दो मेहंदी का रंग
पहली रात
पहली रात आई मेरे पिया जी के संग
पहली रात आई मेरे पिया जी के संग
गाना शुरू होते ही हॉल में तालियां बजने लगी । सब की नजरे आदि और अनिका पर टिकि हुई थी ।
लम्हें भर की हैं मज़बूरी
उनसे मिलन में कुछ है दूरी
जी भर के हम प्यार करेंगे
धीरे धीरे चोरी चोरी
झुमका मॅंगवाओ, आहा
बिंदिया चमकाओ, आहा
चूड़ी खनखाओ, पायल पहनाओ
मेरे हाथों पे चमका दो मेहंदी का रंग
पहली रात
पहली रात आई मेरे पिया जी के संग
पहली रात आई मेरे पिया जी के संग
अनिका आदि के फिलिंग्स से बेखर उसके साथ डांस किये जा रहीं थी । वहीं आदि के दिमाग में बस ऊपर वाली लाइन बार बार याद आ रही थी । वो आज सच में अनिका को बता देना चाहता था ।
थोड़े भोले थोड़े दीवाने
थोड़े शैतान मेरे हमजोली
इश्क़ में नैना पागल होंगे
खेलेंगे जब हम आँख मिचोली
ये वाली लाइन सुनकर सौम्या को शशांक की बातें और उसका उसके साथ जबरदस्ती करना याद आ गया और मुस्काराते हुए शशांक को प्यार भरी नजरों से देखने लगी फिर शरमा कर नजरे झुका ली क्योंकि शशांक भी उसी को देख रहा था और मुस्कुरा रहा था ।
गुलशन महकाओ, आहा
थोड़ा शोर मचाओ, आहा
सजना मन भाए मुझे ऐसे सजाओ
मेरे हाथों पे चमका दो मेहंदी का रंग
पहली रात
पहली रात आई मेरे पिया जी के संग
पहली रात आई मेरे पिया जी के संग
फिर एक के बाद एक कई सारे गाने पर लोगों ने डांस किया । लास्ट में अनिका ने सौम्या और शशांक को और मैं लेकर आई डांस के लिए , साथ में आदि , प्रिया , प्राची और साकेत भी थे ।
अनिका खुद सॉन्ग सिलेक्ट कि और वहां से दांत दिखाते हुए इन लोगों के पास आ गई । जैसे सॉन्ग प्ले हुआ और सौम्या ने लिरिक्स सुना तू अनिका से बोली यार अन्नु ये क्या हैं यहां भाई - भाभी और अंकल - आंटी भी तु कोई और सॉग प्ले कर । शशांक को तु नहीं जानती हैं वो उल्टी सीधी हरकते करने लगेंगे । इनमें बिल्कुल भी शरम नहीं हैं ।
अनिका दाँत दिखाते हुए — नहीं बिल्कुल भी नहीं । इतने दिनों से तुम उस बेलारे को तड़पा रहीं थी अब उसकी बारी है 😀😜 और ये सॉग तो उसपर फिट बैठता है । ये बजेगा और हमसब डांस करेंगे ।
वहीं शशांक को ये सॉग बहुत पसंद आया और वो सौम्या के तरफ इशारा कर करके डांस करने लगा ।
हे रानी प्रियानी प्रितानी प्रोरोबानी, तू रु तू रु तू रु..
हे त्रिया त्रिया प्रिया प्रिया शिगोरो नोगोरो पुरु पु रु पु रु..
हे क्रिशोम्बो मुकोम्बो मृयानी ई ई..
थोड़ी सी जो पी ली है
चोरी तो नहीं की है
थोड़ी सी जो पी ली है
चोरी तो नहीं की है
ओ जूली ओ शीला ओ रानो जमालो
कोई हमको रोको, कोई तो संभालो
कहीं हम गिर न पड़ें
थोड़ी सी जो पी ली है
चोरी तो नहीं की है
ओ जूली ओ शीला ओ रानो जमालो
कोई हमको रोको कोई तो संभालो
कहीं हम गिर न पड़ें
थोड़ी सी जो पी ली है
चोरी तो नहीं की है
मैं भी जानूँ पीना तो बुरी बात है
कैसे न पियूँ प्यासी ये रात है
मैं भी जानूँ पीना तो बुरी बात है
कैसे न पियूँ प्यासी ये रात है
ऊपर से हसीनों का हसीं साथ है
सौम्या शशांक के ऐसे डांस करते हुए देख शरमा रही थी । वो बस चाह रहीं थी कि कब ये सॉग खत्म हो जाएं और वहीं शशांक सबसे बेखबर लागातार सौम्या के कभी गाल को कभी बाल को तो कभी उसके हाथ पकड़ के उसके साथ डांस किये जा रहा था ।
ओ जूली ओ शीला ओ रानो जमालो
हमें गोरी-गोरी बाहों में उठा लो
कहीं हम गिर न पड़ें
थोड़ी सी जो पी ली है
चोरी तो नहीं की है
मेरा है ज़माने से अलग रास्ता
मुझे भला दुनिया से क्या वास्ता
मेरा है ज़माने से अलग रास्ता
मुझे भला दुनिया से क्या वास्ता
हमसे खफा क्यूँ लोग हैं क्या पता
ओ जूली ओ शीला ओ रानो जमालो
हमें दुश्मनों की नज़र से बचा लो
कहीं हम गिर न पड़ें
इधर आदि का भी कुछ ऐसा ही हाल था । वो तो अनिका के साथ डांस कम उसे देख ज्यादा रहा था । इसलिए अनिका ने कई बार उसे अपने पैर से तो कभी कोहनी से मार - मार के डांस के लिए बोल रही थी ।
थोड़ी सी जो पी ली है
चोरी तो नहीं की है
अरे मर गए भाई
ज़ू ज़ू..ज़ू ज़ू..ज़ू ज़ू..
थोड़ा-थोड़ा दिल पे है जवानी का नशा
उसपे फिर नशा है ये तेरे प्यार का
थोड़ा-थोड़ा दिल पे है जवानी का नशा
उसपे फिर नशा है ये तेरे प्यार का
तौबा ये नशे में नशा मिल गया
शराबी शराबी निगाहें न डालो
हमारे जवां दिल को यूँ न उछालो
कहीं हम गिर न पड़ें
आदि डांस करते - करते ही अनिका से बोला की मुझे तुमसे एक बहुत जरूरी बात करनी है ।
थोड़ी सी जो पी ली है
चोरी तो नहीं की है
ओ पूनो मेरी जाँ ये गुस्सा दबा लो
हमें दो सहारा गले से लगा लो
कहीं हम गिर न पड़ें
अरे, हम तो गिर पड़े
ही ही ही ही
कुछ देर बाद इस सॉग के साथ ही आज का कार्यक्रम समाप्त हो गया । सब लोग अपने अपने घर चले गये । इधर अभी भी हर्षवर्धन जी दहेज के पैसों को लेकर चिंतित थे ।
क्रमश : ........ . . . . . .