जब शशांक ने सौम्या से बोला कि plz .... मेरी भी सुन लो ना एक बार सौम्या ... , आप क्यों इतना परेशान हो रही हो । भैया है ना .... बात कर लेंगे वह मेरे मम्मी पापा से दहेज के मामले में ।
सौम्या शशांक के इस तरह बात करने पर पूरी तरह से चीढ़ जाती है और गुस्से में बोलती है ; क्या बात करेंगे मेरे भैया आपके मम्मी पापा से हां ... वो तो तैयार ही हैं मेरी शादी एक बड़े घर में करने के लिए , अधिक दहेज देने के लिए , वो तो सिर्फ मेरी खुशी चाहते हैं ; लेकिन मैं अपनी खुशी के लिए अपने भैया को सड़क पे आते हुए नहीं देखना चाहती हूं , अगर दहेज अधिक लेंगे आपके मम्मी - पापा तो मैं यह शादी नहीं करूंगी । मुझे ऐसी कोई भी शादी नहीं करनी , जिससे मेरा परिवार बिखर जाए - बर्बाद हो जाए । मेरी खुशी तो उनकी खुशी में हैं । मैं कैसे भी करके उन्हें मना लूंगी । यह सब बोलते समय सौम्या की आंखों भर आई थी , उसका मन भर गया था वह थोड़ी देर रुक के अपने आँसू को थोड़ा कंट्रोल किया , फिर बोलना शुरू कर दी ।
मैं किसी गरीब के घर में जाकर खुश रह सकती हूं ... लेकिन आप जैसे दहेज के लोभी के घर में शादी बिल्कुल भी नहीं करूंगी । आप लोग सिर्फ पैसे के भूखे हो , आपको सिर्फ पैसे चाहिए और कुछ नहीं । पता नहीं आप अमीर लोगों की प्रॉब्लम क्या है ? . . . हमेशा पैसों के पीछे ही भागते रहते हो । रिश्ते भी पैसों से ही करते हो या पैसों के लिए ही करते हो ।
शशांक चुपचाप सौम्या की बातें सुनता रहा , इस दौरान उसके चेहरे पर एक गंभीरता थी । सौम्या की बातें तो वह सुन ही रहा था लेकिन उसके दिमाग में और मन में बहुत कुछ चल रहा था । वह सौम्या से बस इतना कहा कि ...आप प्लीज इस शादी से इंकार मत करिएगा , मैं सच में आपसे शादी करना चाहता हूं और यह कहकर शशांक नीचे आ गया , बिना सौम्या का उत्तर सुने हुए । सौम्या भी उसके पीछे-पीछे चली आई जहां सब लोग बैठे हुए थे ।
उन दोनों को नीचे आते देखकर ,सब लोग उन दोनों को स्नेह भरी दृष्टि से देखने लगे और सबके आंखों में एक ही प्रश्न था की उनको इस शादी से कोई प्रॉब्लम तो नहीं है ना ?
सौम्या और शशांक ने नीचे आते ही अपने चेहरे पर जबर दस्ती की स्माइल अपने होठों पर चिपका लिया , ताकि बड़े लोगों को ये पता नहीं चले की इन दोनों के बीच में उपर क्या हुआ है थोड़ी देर पहले ?
जब मिसेज सूर्यवंशी से रहा नहीं गया तो उन्होंने शशांक से धीरे से पूछ ही लिया , कि बेटा तुम्हें सौम्या कैसी लगी , मेरा मतलब ये है कि तुम्हें जैसी लड़की चाहिए थी वैसी ही है ना ।
तो शशांक मिसेज सूर्यवंशी को बस एक स्माइल दे देता है । उसके दिमाग में अभी भी सौम्या के द्वारा कही हुई सारी बातें चल रही थी । शशांक आज से पहले सौम्या से शादी करने के बारे में नहीं सोचा था । वह बस तो बस सौम्या की जैसी लड़की से शादी करना चाहता था ; उसे क्या पता था कि उसे सौम्या जैसी लड़की नहीं बिल्क सौम्या ही मिलने वाली हैं ; लेकिन जब वह यहां लड़की देखने आया और उसे यह पता चला कि वह लड़की सौम्या ही है तब वह बहुत खुश हुआ था उस को देख कर , लेकिन अब सौम्या की बातें याद कर के उसे थोड़ा डर लग रहा था ... कि कहीं अगर उसके मम्मी -पापा दहेज की मांग करेंगे और वो भी अधिक तो शायद सौम्या मेरे से शादी नहीं करेगी ।
इधर सौम्या से उसकी भाभी प्रगति जी शशांक के बारे में पूछी की लड़का तुम्हें पसंद आया ना ... तो सौम्या प्रगति जी की बात को सुनकर शशांक के तरफ एक नजर देखी .. , लेकिन बोली कुछ नहीं , इधर सौम्या का यू शशांक के तरफ देखने से प्रगति जी समझती है . . की सौम्या को शशांक पसंद है इसलिए ये शशांक के तरफ देख रही है या फिर कहने में शरमा रही है कि उसे शशांक पसंद है और वो अपने मन में कहती हैं ; आखिर पसंद क्यों नही आएगा यह लड़का मेरी सौम्या को .... इतना अच्छा हैं देखने में--- , और तो और इसके बात करने का तरिका कितना अच्छा हैं , आख़िर मिल ही गया मेरी सोमू को उसका राजकुमार , जो उसे बहुत प्यार करेगा , उसकी इज्जर करेगा और खुश भी रखेगा । यह सोचते हुए प्रगति जी खुश हो जाती है और सौम्या के तरफ प्यार से देखने लगी और उसके सर और पीठ को सहलाने लगी ।
शशांक अपने मन में यह सोच रहा था और डर भी रहा था --- इस बात को लेकर .... की अगर कहीं सौम्या ने मेरे मम्मी-पापा के सामने ... इस शादी से इंकार कर दिया तो ...
शशांक अब सच में सौम्या से शादी करना चाह रहा था , आज सौम्या को देखकर शशांक उसमें अपना फ्यूचर देखने लगा था । सौम्या के लिए उसके दिल में शायद कुछ था जो शशांक आज से पहले कभी ऐसा महसूस नहीं किया था , या उसने कभी ध्यान ही नहीं दिया था ... इस फिलिंग्स के तरफ , उसके दिल में तो सौम्या के लिए पहले से ही इज्जत थी , लेकिन आज बढ़ कर और ज्यदा हो गई थी ; क्योंकि सौम्या के द्वारा कही हुई सारी बातें उसे हंड्रेड परसेंट सही लगी थी और सबसे ज्यादा उसे ये अच्छा लगा कि सौम्या अपने परिवार से इतना प्यार करती है .... कि वो अपने भाई - भाभी के लिए अपनी खुशी को भी कुर्बान कर सकती हैं । उसे ये जान कर अच्छा लगा कि सौम्या की खुशी अपने भाई - भाभी के खुशी के लिए कुछ भी कर सकती हैं । ये सब सोचते हुए उसके दिगाम में कुछ आया जिससे उसके माथे पर जो बल थोड़ी देर पहले आया था वो एक दम से कही गायब हो गया और उसके चेहरे पर एक प्यारी सी स्माइल आ गई और उसके आँखों में चमक भी आ गई ।
शशांक अब बस अभी ये चाह रहा था कि सौम्या उसे थोड़ा टाइम दे और सौम्या इस बात को ( यानि की दहेज वाली बात को ) अभी मत कहे ।
क्रमश : -----------------------------
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