तुम ही बताओं ... क्या तुम खुश रह पाओगी उसके दिल को तोड़ कर ? गरीबों की खुशी के साथ अपनी पूरी जिंदगी एक उसके बिना ... ? बताओं .... बोलों ... ?
सौम्या अनिका की ये बात सुनकर रोते हुए सर को ना में हिला दि और अनिका को टाइट हग कर ली ... और फिर कहीं — नहीं अब मैं उनके बीना नहीं रह सकती हूं ... ।
मैं सोच भी नहीं सकती हूं खुद को उनके बिना ... । जीना चाहती हूं मैं .... , सिर्फ और सिर्फ शशांक के साथ | वो सिर्फ मेरे है और मैं उनकी हूँ ।
अनिका को सौम्या की ये सब बातें सुनकर हंसी आने लगी थी । तो वह उस को खुद से दूर करते हुए मुस्कुराकर कहीं — वाह यह हुई ना बात .... चलो अब हम चलते हैं बहुत देर हो गई है और मुझे आदि को भी बताना है कि मामला एकदम ठीक है कोई मसला - मसाईल नहीं रहा अब तुमदोनों के बीच में ... और यह कह कर अनिका वहां से नीचे शशांक और आदि के पास आने के लिए उठ गई ।
इधर आदि परेशान होते हुए शशांक के पास जाता है , लेकिन जब वह देखता है कि शशांक अकेले में ही मुस्कुरा रहा है । तो वह झट से उसके सामने जाकर बैठ जाता है और पूछता है . . कि तुम इस तरह अकेले में स्माइल क्यों कर रहे हो ?? क्या हुआ ?? कुछ बताओ भी मुझे या स्माइल ही करते रहोगें ? सौम्या मान गई क्या शादी के लिए ??
तो शशांक आदि से बोलता है . . . तुम चुप करोगे तब तो बोलूंगा ना मैं । जब से आये हो तब से बोले ही जा रहे हो ।
आदि — ओह ... ऐसा है क्या ... ? मुझे और अनिका को लगा कि सौम्या ने काम खराब कर दिया होगा । इसी वजह से हम थोड़ा डरे हुए थे । जब वह देखी कि तुम यहां अकेले बैठे हो तो वह सौम्या के रूम में चली गई उसके पास , उससे पूछने कि क्या हुआ हैं ?
लेकिन अब चलो बताओ ... यह स्माइल क्यों है तुम्हारे चेहरे पर । इस मुस्काराते हुए नूरानी चेहरा का आखिर राज क्या है ?? ... जरा हमें बताने की जहमत करेंगे जनाब ... । 🤔 बड़ी मेहरबानी होगी आपकी ।
शशांक उसके ऐसे पूछने पर हँसते हुए कहता है . . . यार मै देख रहा हूँ ... तू अनिका के साथ रह कर उसकी रंग में रंगें जा रहे हो । वो जैसे हर वक्त सौम्या की खिंचाई करते रहती है . . उल जलूल बाते कर करके , तु भी बिल्कुल वैसे ही कर रहे हो ... ।😄
आदि उसके बात को सुनकर बेशरमी से दाँत दिखाते हुए कहता है — अब क्या ही कर सकते हैं , हूँ तो मैं उसीका तो उसके जैसे ही ना बनूंगा । 😁😁
और अब तू बात मत घूमा । बता ऊपर क्या हुआ ? और इस तरह तुम अकेले - अकेले क्यूं मुस्कुरा रहे हो ?
शशांक — वो इसलिए , क्योंकि मैंने अपना फैसला सौम्या को बता दिया है , कि मुझे शादी करनी है तो सिर्फ उसी से और मैं शादी कर रहा हूं उससे कुछ दिनों में ।
आदित्य मुस्कुराते हुए — अरे .. अरे .. क्या बात है भाई सौम्या ने तो आपको ढींठ बना दिया है . . . । इससे पहले तो आपने किसी लड़की के साथ ऐसे बात नहीं किए हो । पूरे के पूरे ढूब चुके हो तुम उसके प्यार में , और अब तो हक भी जताने लगे हो उस पर ।
शंशाक — हां तो नहीं जताना चाहिए क्या ? फिर शशांक ने आदित्य को वह उपन्या दिखाते हुए बोला — देखो मैं यह उपन्यास उससे जबरदस्ती लेकर आया हूं और साथ में यह भी कह कर आया हूं की मुझे उसी से समझना है " मेरे जीवनसाथी " का अर्थ |☺️
दोनों अभी बात ही कर रहे थे कि अनिका ऊपर से उन लोगों के पास आ गई , और आते ही शशांक के सर पर हाथ रख कर मुस्कुराते हुए कोकांग्रेचुलेशन बोली । तो बदले में शशांक अनिका को देख कर एक प्यारी सी स्माइल दी और फिर उसने अनिका से पूछा कि वो ... मान गयी क्या ... ? मुझे लगा था मुझे बहुत पापड़ बेलने पड़ेंगे ...😀
अनिका हंसते हुए — यार वो तो शुरू से ही चाहती थी कि उसकी शादी तुम्हीं से हो .... पर दहेज के वजह से तुमसे शादी करने से भाग रही थी । लेकिन कोई ना ... अब सब सही हो गया है . . . बस अब तुम बारात लाने कि तैयारी शुरू कर दो .. |😀 शशांक अनिका की बात सुनकर बस स्माइल किये जा रहा था । उसको ऐसे मुस्कुराते हुए देख कर आदि उससे बोला — चलो - चलो ऐसे मुस्कुराने से सौम्या तुमको नहीं मिल जायेगी । घर जाकर तैयारियां शुरू करो । शशांक आदि कि बात सुनकर मुस्कुराते हुए कहता है — हां - हां चल रहा हूं । तुम दोनों तो मेरे पीछे ही पड़ गए हो । 😀 फिर तीनों बाहर आ कर कार में बैठ जाते हैं । शशांक पहले अनिका उसके घर छोड़ देता हैं और उसके बाद आदि को उसके घर छोड़कर अपने घर के लिए निकल जाता हैं । आदि और अनिका जब तक थे तब तक तो सही था । शाशांक दोनों की बातें सुनते हुए आ रहा था , लेकिन अभी वो बिल्कुल अकेला था तो उसने सॉग प्ले कर दिया ।
घर से चले थे तो ये बात हो गयी
हम्म …
घर से चले थे तो ये बात हो गयी
न जाने क्यूँ उनसे मुलाकात हो गयी
नज़रें ऐसे वो टकरा गयी
के हमें आशिकी आ गयी
आ गयी …
के हमें आशिकी आ गयी
हो हो हो हो …
इस सॉग को सुनकर उसे सौम्या के साथ बीताये हुए पल याद आने लगें । कैसे वो पहली बार देर रात को सौम्या से झिझकते हुए पानी लेने गया था ।
बड़ी दीवानी सी रात थी
हुई घनी बरसात थी
हवाओं से उलझी वो झुल्फें
उन्होंने थाम जो ली
तो जुल्फें ऐसे वो बिखरा गयी
के हमें आशिकी आ गयी
आ गयी …
के हमें आशिकी आ गयी
यार की दिकसी भा गयी
भा गयी …
के हमें आशिकी आ गयी
हो हो हो हो …
कैसे सौम्या ग्लास ब्रिज पर जाने से डर रही थी । तब उसने ख़ुद सौम्या का हाथ पकड़ कर जबरदस्ती उसे अपने साथ ले गया था । सौम्या डर के मारे उसका हाथ बहुत जोर से पकड़ रखी थीं और अपनी आंखें भी बंद कर लीं थी , बहुत कहने पर उसने धीरे से अपना एक आँख खोल कर देखी थी कि वो सच्च में ब्रिज पर चल रहीं और अभी तक गिरी नहीं हैं । शशांक को उसकी ये हरकत बहुत अच्छी लगी थी ।
इश्क है सूफी मेरा
इश्क मुक्कमल
ताके सनम को ये आँखें हर पल
यार मिला है क्या करार मिला है
तेरा प्यार मिला तो
हर मुश्किल हुई हल
के हमें आशिकी आ गयी
फिर वो कैसे 4 साल बाद अचानक से टैक्सी में मिले थे ।
सौम्या के बस मिस हो जाने और शशांक की कार खराब हो जाने पर । तब सौम्या ने उसे अच्छा खाशा सुना दिया था और हैरत की ये बात थी कि उसे वो पहचान भी नहीं रही थी ।
ये सब याद करते हुए शशांक कब अपने घर पहुंचा , उसे पता हीं नहीं चला । वो बस सौम्या के ख्यालों में खोया हुआ था और मुस्कुरा रहा था ।
क्रमशः