सौम्या को मैं जब भी चिढ़ाती थी तो वो उल्टा मुझे ही खरी - खोटी सुना देती थी ।
फिर प्रगति जी अनिका से पूछी की आप लोग वहाँ गए थे तो फोटो - वोटो नहीं लिये थे क्या ?
पहले तो अनिका प्रगति जी का उसको यू आप - आप कहने पर बोलती है — भाभी आप मुझे ... ये आप - आप क्या लगा रखी है । मैं क्या सौम्या जैसी नहीं हूं ? जब देखो तब आपको याद दिलाना पड़ता है कि आप मुझे आप की जगह तुम कहो , लेकिन आप तो मुझे अपना मानती ही नहीं हो ना .... हाँ और ये सही भी तो है . . मैं आपके घर की थोड़ी ना हूं ।
प्रगति जी अनिका के ऐसे कहने पर वो उसको अपने तरफ खींच कर अपनी बाँहो में लेके उससे कहती है — अरे नहीं ••• नहीं मेरी प्यारी अन्नु , ऐसी कोई बात नहीं है , तुम भी इस घर की एक हिस्सा हो और तुम भी मेरी सोमू के जैसी ही हो और ये कहकर उन्होंने अनिका के गाल पे किस कर दिया । 👩❤️💋👩 फिर वो अनिका से बोली — अच्छा फिर यह बताओ कि राजगीर गए थे ••• तो फोटो लिए तो दिखाया क्यों नहीं तुम लोगों ने मुझे । अनिका प्रगति जी की बात सुनकर उनसे कहती है |
अनिका — अरे भाभी फोटों तो हमलोग बहुत सारा लिए थे । लेकिन शशांक और आदि के फोन में , क्योंकि उन लोगों के फोन में फोटोज़ अच्छे आ रहे थे । मेरे फोन का कैमरा खराब हो गया था वहीं एक पत्थर पर गिर कर । हमने सौम्या के फोन में कुछ ग्रुप फोटोज़ लिया था और कुछ सोलो भी लिए थे , लेकिन वहाँ से जब आये और घर आने के लिए ऑटो लेने जाने लगे तो आदित्य हमसे बोला कि मै तुम दोनों को घर छोड़ दे रहा हूं । तो सौम्या उसकी बात सुनकर यह कहते हुए वहां से जाने लगी कि मेरा घर पास में ही है और मैं ऑटो से चली जाऊंगी । ये कहते हुए वो पीछे मुड़ी वहां से जाने के लिए कि अचानक उसका हाथ एक गाड़ी से टकरा गया और फोन नीचे पानी से भरे गड्ढे में गिर गया और उसका फोन खाराब हो गया और बाद में मै भी भुल गयी काम के चक्कर में आदि से फोटोज़ लेना । वैसे शशांक है बहुत अच्छा लड़का । बहुत समझदार भी है और हमारी सौम्या के लिए तो बहुत अच्छा है । ये जितना अधिक बोलती है वह उतना ही कम बोलता है । अब ये मत समझ गए कि वह गूंगा है , बस जितना काम होता है उतना ही बोलता है ।
प्रगति जी कुछ सोचते हुए बोली — लेकिन सौम्या ने तो हमें यह नहीं बताया कि वह शशांक से मिल चुकी है पहले । वो फिर अपने आंखों को छोटा करते हुए अनिका से बोली — हां याद आया जब सौम्या और शशांक एक दूसरे को यहां देखें तो दोनों चौक गए थे । सौम्या के हाथ से तो ट्रे गिरते - गिरते बचा था । तब मैं समझी थी कि शायद साड़ी में उसका पैर उलझ गया हैं । अब समझी मैं , और शशांक तो सिर्फ सौम्या को ही देखे जा रहा था । उसे तो हम लोगों की कोई परवाह ही नहीं थी .... कि हम क्या सोचेंगे उसके ऐसे देखने पर ।
फिर प्रगति जी कुछ गंभीर होकर अनिका से बोली — अन्नू प्लीज तुम सौम्या से बात करो , वो तो किसी से बात ही नहीं कर रही है । तुम ही कुछ समझाओ उसे । बस एक ही रट लगाए बैठी है कि मुझे किसी लालची से शादी नहीं करनी है । वो कह रही है कि मेरी शादी किसी गरीब के साथ ही कर दो । अब तुम ही बताओं ... ये सही है क्या ? माना कि हमलोग अमीर घराने से नहीं ... तो क्या हम अपनी बेटी की शादी गरीब घर में कर दे !
हाँ सौम्या भी सही कह रही कि उसे दहेज लेने वाला लड़का से शादी नहीं करनी है । लेकिन बिना दहेज लिए कौन कर रहा है कोई अपने बेटे का शादी । वो लड़की भाग्यशाली ही होगी , जिसका विवाह बिना दहेज की होगी और लड़का के साथ - साथ घर - परिवार भी बहुत अच्छा हो । ऐसा हर किसी के भाग्य में तो नहीं होता है ना | हर्ष भी उसके वजह से अब देर से घर आने लगे है , ताकि वो उनका परेशान चेहरा ना देख सके । वो पैसों की इंतजाम में लगे हुए हैं । अब लड़का अच्छा है , और घर - परिवार भी बहुत अच्छा है । तो हम ये मौका हाथ से नहीं गवाना चाहते है । अभी भले ही हमें परेशानी हो रही हैं लेकिन जब सौम्या की शादी - शुदा जिंदगी खुशहाली पूर्वक बितते देखकर , हमारी ये छोटी सी परेशानी भी खत्म हो जायेगी । उसके शादी के बाद तो लोगों से लिए हुए पैसों को हम धीरे - धीरे चुका ही देंगे |
यही तो जींदगी हैं और जिंदगी में तो उतार - चढ़ाव होते ही रहती हैं । कभी खुशी तो कभी गम ये हमेशा लगा रहाता है हमारे संग । क्या फर्क पड़ता है हमें ! हमारे लिए तो ये एकदम सही है अभी गम का माहौल है कल तो खुशियां ही खुशियां होगी हमारे घर ।
अनिका उनकी बात सुनकर प्रगति जी से कहती है — भाभी आप ग्रेट हो , आप जैसी भाभी भगवान सबको दे | जहाँ और भाभियाँ ये चाहती है कि ननंद की खुशियों के लिए हम क्यों परेशानी मोल ले । वहीं एक आप हो जो अपनी ननंद के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार हो । वो बस आपको खुश दिखनी चाहिए । सौम्या भी अपनी जगह सही हैं , मुझे भी ये प्रथा पसंद नहीं हैं , लेकिन हम क्या कर सकते हैं . . . . . . । चलों कोई नहीं ... अब ऊपर थोड़ा फुलनदेवी से बात करने के लिए जा रही हूँ भाभी ।
क्रमश: ००००००००००००००००००००००००