प्रगति जी के कहने पर ना चाहते हुए भी सौम्या ... शशांक को अपने साथ अपने रूम में ले जाती है . . . सौम्या को इस समय शशांक पर बहुत गुस्सा आ रहा था ; वो बस यही सोच रही थी ,कि ये इतने पढ़ें लिखे होकर भी दहेज लेने और देने के पक्ष में हैं और इतने अमीर होकर भी पैसों पर मर रहे हैं ये लोग ;😡 कितने लोभी हैं , इस लड़के को तो खुद दहेज ना लेने के लिए बोलना चाहिए अपने मम्मी - पापा से ! . .इनको नहीं दिखाई दे रहा हैं , कि मेरे भैया इनकी इतनी बड़ी डिमांड को पूरा नहीं कर सकते हैं ; या कैसे कर सकते हैं ?
सौम्या इसी उधेड़- बुन में तब से लगी हुई थी कि कैसे - क्या करू कि ये,,, या तो इस शादी से मुकर जाये , या दहेज ही ना ले । उसकी तन्द्रा तब भंग हुई , जब शशांक उससे कुछ कहने के लिए उसको उसके नाम से आवाज देता है ।
शशांक - सौम्या ---- तो सौम्या एकदम से हड़बड़ा जाती है और गिरते - गिरते बचती हैं ; क्योंकि जब तक शशांक उसको ये बताता की उसके आगे टेबल हैं , ध्यान से देख कर चलिए , तब तक सौम्या उसके ऐसा आवाज देने पर हड़बड़ा जाती है और तब उसने अपना पैर जलदी से आगे बढ़ा दिया--- क्योंकि सौम्या की आदत में ये बेसुमार है , कि वो जब भी गुस्सा या किसी सोच में गुम हुई रहती है ; अगर उस दौरान कोई उसे आवाज दे तो वो हड़बड़ा जाती है--- या कभी -कभी डर भी जाती है ; और जिस आदमी से वह गुस्सा हुई रहती है अगर उस समय वही आदमी उसे आवाज दे रहा होता है तो वो उसे देख कर अपना चेहरा दूसरे तरह कर लेती हैं . . . क्योंकि सौम्या जिस इंसान से गुस्सा हुई रहती है ,,, और जब तक गुस्सा रहती है उस इंसान से - - तब तक वो उस इंसान का चेहरा देखना पसंद नहीं करती है या उसकी आवाज भी सुनना नहीं चाहती हैं ; उस इंसान का ... और अभी यही हो रहा था बेचारे शशांक साहब के साथ ...😃 शशांक --- सौम्या से बात करने की कोशिश कर रहा था और सौम्या है कि उसकी एक भी बात सुनना नहीं चाह रही थी । वह उससे बात करना चाह रहा था और वह बात ही नहीं करना चाह रही थी । भाई अब सौम्या का इस समय शशांक पर गुस्सा होना सही भी था । शशांक के बहुत कोशिश करने के बाद सौम्या उससे बात करना शुरू करती हैं ।
तब शशांक उससे पूछता हैं - - -
शशांक - सौम्या एक बात बताओं आप .... मैं जब से आया हूं यहाँ , तब से देख रहा हूं आपको ... कि आप मुझसे ... पता नहीं किस बात को लेकर कुछ उखड़ी - उखड़ी सी लग रहीं हो ! ऐसा मुझे लग रहा है . . . या .. मै गलत भी सकता हूं ... सच क्या हैं ... ये तो आप ही जानती हो । तब सौम्या ने थोड़े गुस्सा में बोला ...
सौम्या - हाँ .... हूँ मैं थोड़ी उखड़ी - उखड़ी सी आपको और आपके फैमली को देख कर ; क्योंकि आप लोग जितने अमीर हो उतनी बड़ी डीमांड करोगे ... मेरा मतलब है आप लोग अपने हैसियत के हिसाब से ही मेरे भैया से दहेज का डिमांड करोंगे ।
फिर कुछ रुकर सौम्या .. शशांक से कहती है - पता है आपकों .. आज कल लोग लड़की नहीं देख रहे हैं , कि लड़की कैसी हैं ?, कितना पढ़ी - लिखी हैं ?,क्या करती हैं ?
लड़के वालों को तो बस पैसों मतलब हैं , जहाँ जिस लड़की के घर मोटी रकम मील जाएंगी , बस उसी लड़की के घर वालों से अपने लड़का को बेच देंते हैं ।
सौम्या इस समय अपने मन की पूरी भड़ास शशांक पर निकाल रही थी , और सच भी कह रहीं थी , आज हमारे यहाँ दहेज लेना और वो भी बहुत ज्यादा लेना ... अत्यधिक गर्व की बात हो गयी हैं । लड़की चाहे जैसी भी हो उससे मतलब नहीं है . . . बस पैसों से मतलब हैं ।
सौम्या फिर शशांक से कहती हैं - एक काम क्यों नहीं करते हैं आप अमीर लोग ... आप लोगों के लिए आसान भी हो जाएगा । अखबार में छपा क्यों नहीं देते हैं ? या नीलामी ही करवा देते हो , कि मुझे अपने बेटे की शादी करनी हैं , लड़की चाहे जैसी भी हो , चलेगा हमें ... बस जो अधिक पैसा देगा , मेरा लड़का उसी का होगा ।
शशांक इस दौरान कुछ भी नहीं बोला था , वो बस सौम्या को सुन रहा था और अपलक देख रहा था ; क्योंकि सौम्या की कहीं हुई हर एक बात बिल्कुल सही थी , और 💯% सही भी । एक और भी कारण था शशांक के चुप रहने और अपलक देखने का ।
शशांक आज से पहले कभी ... सौम्या को इतने करीब से नहीं देखा था और वो भी इतने गुस्से में । सौम्या शशांक को गुस्से में भी बहुत प्यारी लग रही थी , क्योंकि सौम्या जब गुस्से में होती है ,तों उसके नाक के नथुने फड़कने लगते हैं , चेहरा बिल्कुल लाल सेब की तरह हो जाता हैं , भौहें तन जाती है और सबसे बड़ी बात ये होती है . . .जब वो अपने दोनों आँखों को छोटे - छोटे करके सामने वाले को बोलती हैं तो वो और भी कयामत लगती हैं , बिल्कुल लावा की तरह 😜 शशांक भी उसके इस अंदाज से उसके आँखों में ही खो गया था और उसे सौम्या के द्वारा कही हुई बात का क्या जवाब देना है ये भी भुल सा गया था । उसकी तंद्रा तब भंग हुई जब सौम्या ने उससे ( शशांक से )कहा ।
सौम्या - क्या हुआ ? बोलती क्यों बंद हो गई हैं आपकी ? या मेरे द्वारा दी हुई सलाह आपकों पसंद आ गया है . . .
शशांक थोड़ा जल्दी में बोलता हैं - नहीं - नहीं सौम्या आप बिल्कुल सही कह रही हो ... कि लोग आज लड़की देख कर नहीं बल्कि पैसा देख कर शादी कर रहे है ।
तो सौम्या फिर शशांक से गुस्से में कहती है - नहीं - नहीं आज - कल लोग लड़की से नहीं बल्कि पैसा से शादी कर रहे है ।
तो शशांक सौम्या से बड़े ही प्यार से कहता हैं - सौम्या आप Plz मेरी बात एक बार सुन लिजिए ना ....
क्रमश : - - - - - - - - - - - - - - - - - -