आज इस वक्त अनिका को ये सारी बाते एक के बाद एक याद आने लगी थी , अचानक से आदि के प्रोपज कर देने से । जो कुछ दिन पहले सौम्या ने उससे कहा था । अनिका यहीं सब सोचते - सोचते सो गई ।
अगले दिन
आज सुबह से ही सौम्या घर में चहल पहल थी , आज सौम्या की हल्दी है ,l सौम्या के सारे फ्रेंडस हॉल को हल्दी के लिए कुछ लाल - पीले फूल , गुब्बारा और गेंदे के फूल से सजाने में लगे थे । हॉल काफी बड़ा था , तो डेकोरेट करने में तो टाइम लगेगा ही और यहां तो हमारे डेकोरेशन करने वाले ही एक से एक बढ़ कर है । डेकोरेशन सब अच्छा से करते है बट आज सारे फ्रेंडस एक साथ है , तो डेकोरेशन कम खुराफात ज्यादा कर रहे हैं । इसी वजह से ये लोग सुबह से अपने काम में लगे है , ताकि शाम तक डेकोरेशन हो जाए । 😆 जो काम पांच आदमी मिलकर एक से डेढ़ घंटे में कर देंगे ... उस काम को ये पाँचों फ्रेंडस पूरे एक दिन में करने वाले हैं ।
सब मिलकर हॉल को सजा रहे थे और मस्ती भी कर रहे थे , तभी सौम्या की माँ आयी और उनलोगों से बोली — बेटा हाथ जल्दी - जल्दी चलाओं .... हल्दी की रस्म दोपहर में करनी हैं ... और आप लोगों को हल्दी में डांस - वांस भी करनी है तो ये सब करते करते शाम हो जाएगा । उसके बाद बारात के लिए भी तैयार होना है ।
ये सुन कर अनिका अपने सर पे हाथ रख कर उनसे कहती हैं — अरे आंटि हम सब तो भूल ही गए थे खुशी में कि आज ही सौम्या की बारात भी आने वाली है । हम में से किसी को भी याद नहीं था ये बात । ये कहकर अनिका अपने फ्रेंड्स से कहती है — ओय ! उल्लुओं .... तुम में से किसी को भी याद नहीं था कि आज मेरी सोमू की बारात भी है ! 🧐🤨 बताओं , अगर अभी आंटि नहीं आई होती तो कैसे पता चलता हमें । हमलोग तो उसी कछुएं की चाल की तरह धीरे - धीरे - धीरे डेकोरेशन करते 🤨 । फिर अनिका ने प्राची से अपनी एक आईब्रो ऊपर उठाते हुए पूछा और प्राची की बच्ची !🤨 तुझे तो हर बात याद रहती है । यह बात क्यों नहीं याद रही तुम्हें ।
तो बदले में प्राची भी अपनी एक आइब्रो पर उठाकर कहती है 🤨 — तुम्हें भी तो सब बात याद रहती है । तुम्हें क्यों नहीं आयी ? बोलों अब बताओ भी ? खुद तो पता नहीं सुबह से किन ख्यालों में डूबी हुई हो , मैं इस बात को बहुत देर से नोटिस कर रही हूँ । तो यह बात सुनकर प्राची से प्रिया बोलती है , हम्म ... मैं रात से देख रही हूं इसको , थोड़ी अलग - अलग ही लग रही है । तभी प्राची को कुछ याद आता है और वो दोनों से कहती हैं — वो ... हाँ ... अब याद आया हमें वो लंगूर आदि इसे जब छत पर ले गया इसे हम सबसे छुपा कर चोरों की तरह , उसके बाद जब ये वहां से आयी तभी से ये कुछ अलग - अलग सी और उलझी हुई लग रही हैं और देखों प्रिया ये तभी से ... खैर कल का छोडो । कल तो हम सब थके हुए थे तो रात में ज्यादा हमारी बात नहीं तो लड़ाई भी नही हुई । लेकिन ये आज अभी तक किसी से भी बेवजह की लड़ाई नहीं कि है . . . ना हंस रही है पहले कि तरह ... और ना ही इसके दिमाग में कोई खुराफात सुझ रही है । अभी प्राची प्रिया को समझाने में लगी थी और इधर अनिका को इस समय फिर से आदि की वो सारी बाते याद आने लगती हैं जो कल रात को आदि और अनिका के बीच छत पर हुई थी । उसके चेहरे पर इस समय घबराहट साफ - साफ दिख रही थी । वो मन - ही - मन आदि को कहने लगी — लंगूर .... चिपड़ा ... गैड़ा .... खुद तो अभी मजे ले रहा होगा और मुझे कल रात से परेशान कर के रखा है । आज आ जावों यहां तब मैं तुम्हें बताती हूँ । मेरा जिना मुहाल कर के रख दिया है । क्या जरूरत थी कल ये बात कहने की किसी और दिन भी तो कह सकता था ना ये ...😒😞 तभी उसके फोन पर मैसेज आया । जब उसने देखा तो वो मैसेज आदि का था । उसने अनिका से उसका जवाब क्या हैं ? ये पूछा था । तो अनिका उसका मैसेज देखकर घबरा गई , वो वहां से अपना फोन एक कोने में लेकर चली गयी । उसे कुछ समझ नहीं आया कि वो क्या कहे , वो बस उससे कह दी कि अभी जल्दी क्या है ? अभी काम बहुत हैं . . . और तुम्हारे बारे में अभी सोचा नहीं है , इस बारे में बाद में सोचूंगी । तब तक के लिए बाय । अब एमएसजी नहीं करना । घबराहट सी हो जा रही है मुझे तुम्हारी कल की बाते याद करके । 😒 बाय ... मिलते है शाम को ।
अनिका के जाते ही प्राची ... प्रिया से कहती हैं — देखो प्रिया ये अभी कैसे यहां से घबराकर भागी हैं । उस चिंपांजी ने जरूर अनिका से कुछ ऐसा कहा है जिससे हमारी शेरनी अनिका डरी हुई लग रही है , लेकिन क्या कहां होगा उसने , वो तो खुद इससे डरता है । तो प्रिया प्राची की बात बीच में काटते हुए बोली — कहीं उसने अनिका को प्रपोज तो नहीं कर दिया हैं ? 😳 क्योंकि कल मैंने आदि और शशांक को बाते करते सुन लिया था । वो दोनों ही अनिका के तरफ देख कर बात कर रहे थे । शशांक उससे कह रहा था कि जाओं और उससे अपने फिलिंग्स शेयर करो l वो अच्छी लड़की हैं , देर मत करो उसको बताने में और डरो नहीं वो कुछ भी गलत नहीं सोचेगी तुम्हारे बारे में । वो भी शायद तुम्हें पसंद करती हैं । सौम्या से हमारी बात हुई इस पर । अब जाओं जल्दी करो ....
फिर प्रिया ने प्राची से कहां — लेकिन प्राची कल मैंने इन सब बातों पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया ... मुझे लगा शायद किसी और के बारे में बात कर रहे हैं ।
प्राची अपनी आइब्रो उठाते हुए कही हैं 🤨 — मेरा तो कॉलेज टाइम से ही इस आदि के बच्चे पर नजर था । इसकी हक्कतों से मुझे लगता था कि ये किसी दिन ऐसा करने वाला हैं । क्योंकि वो कभी - कभी अनिका के बातों में गुम हो जाता था और उसे अलग ही नजर से देखने लगता था । वो भले ही अनिका से हमेशा लड़ते रहता था , लेकिन याद करो तुम तरफदारी भी वो उसी का करता था हमेशा ।
तभी साकेत उनदोनों के पास आता है और उनसे कहता है — बात बाद में कर लेना चलों जल्दी , अब थोड़ा सा ही बाकी रह गया है डेकोरेट करने को ।
तब दोनों वहां से साकेत के साथ चली जाती है , डेकोरेट करने के लिए |
अनिका सौम्या के रूम में सौम्या को हल्दी के लिए तैयार कर रही थी ।
सौम्या कुछ इस तरह दिख रही थी हल्दी में ।

सौम्या के पूरे घरवाले और उसके फ्रेंड्स सब लोग येलो कलर की ड्रेस पहने थे । कुछ देर बाद अनिका सौम्या को लेकर नीचे आई और तब हल्दी की रसम शुरू हो गई । सारे लोग हल्दी को बहुत इंजॉय किए । हल्दी के लास्ट में सौम्या के सारे फ्रेंड्स एक साथ डांस किए । इन सबके बीच सौम्या की नजर अनिका पर थी , अनिका यहां होकर भी यहां नहीं थी , अनिका उसे कुछ उलझी - उलझी सी और घबराई सी लग रही थी ।
हल्दी शाम के 4:30 बजे तक खत्म हो गई ।
सौम्या अनिका को अपने रूम में लेकर गई और उससे पूछी — आज तुम हल्दी में इतनी परेशान क्यों लग रही थी । तो अनिका उससे बोली पहले हम फ्रेश होकर आते हैं तब बात करेंगे । मुझे तुमसे सुबह में ही ये बात बताना चाहती थी । लेकिन समझ नहीं आ रहा था कि कैसे बात शुरू करू ? लेकिन अब जब तुम पूछ ही रही हो तो बता देती हूँ । लेकिन पहले फ्रेस हो जाने दो । तब बैठ कर बात करते है ।
क्रमश : ....