मैं अभी अनजान और बेनाम हूँ
आने वाले आपके भविष्य की शान हॅॅूए
मुझे नहीं मालूम मेरा भविष्य क्या होगाए
मुझे नहीं मालूम मेरा अंजाम क्या होगा।
अभी तक मैने दुनिया में आने के लिए पहला कदम रखा है
अभी तो मैने जीवन की परिभाषा तक नहीं समझी हैए
फिर मुझे धरा में आने से क्यो रोकते हो
मैने तो कोई गुनाह भी नहीं किया हैए
मुझे गर्भ में ही मारने के लिए क्यों सोचते हो।
मॉ मै एक लडका हूॅ या लडकीए
अभी से तुम इतना भेद क्यो करते होए
पापा मैने अभी तो पूर्ण जीव का रूप भी नहीं लिया हैए
आप अभी से क्यों मेरा नामो निशान मिटाने की सोचते हो।
मेरे अल्पविकसित अंग अभी तो कोमल हैए
जो मम्मी पापा के बाहों में आने को व्याकुल हैं
मुझे तो अभी आपके आंगन का फूल बनना हैए
मुझे तो अभी आपके घर का खिलौना बनना है।
अभी तो मुझे आपके संग में जीना है।
अभी तो मेरा रिश्ता भी नहीं जुडा है आपसे ए
लेकिन मैने आपको मॉ बाप अभी से मान लिया हैए
तुम मुझे जनम दोगे प्यार से ऐसा मैने मान लिया हैए
करबद्ध आरजू है आपसे यही मेरीए
मुझे गर्भ में मत मारने की तुम सोचनाए
मुझे भी जीवन जीने का सुनहरा मौका अवश्य देना।
हरीश कंडवाल मनखी की कलम से।