वो मेरा स्टेटस तो देखते होंगे
गुड़ मॉर्निंग इविनिंग गुड़ नाईट
मेसेज का इंतज़ार तो करते होंगे
हर बार स्क्रीन तो चैक करते होंगे।
मेरी डीपी क़ो ज़ूम करके देखते होंगे
ऑनलाइन हैँ या नहीं चैक करते होंगे
कौन सी इमोजी भेजूँ, खुद से पूछते होगे
ना दिखू ऑनलाइन तो परेशान होते होंगे।
गुस्से मे कभी ब्लॉक कर देते होंगे
अगले हीं पल फिर जोड़ देते होंगे
फ़ोन पर नजर गढ़ाये बैठे रहते होंगे
कब आएगा मैसेज, इंतज़ार करते होगे।
देर रात तक जगकर, याद करते होंगे
अपने भेजे मेसेज पढ़ लिया होगा
यह बार बार चैक तो जरूर करते होंगे
सुबह सबसे पहले हमें हीं देखते होंगे।
कभी हमसे खफा,कभी शिकवा करते होंगे
हम उनके अल्फाज़ समझ सकें यह सोचते होंगे
हमारी यादों मे वह भी करवटे बदलकर सोते होंगे
दिल तो पागल हैँ, यह कहकर खुद हँसते होगे।
हरीश कंडवाल मनखी कि कलम से।