नये साल में सिर्फ कैलेण्डर का बदलाव नही
अच्छे मित्रों, और परिचितों से मोह मोड़ना नही
अपने चिर परिचितों से संबंधों को तोड़ना नहीं
नये साल में प्रेमपूर्ण व्यवहार को बदलना नही।
मन में उपजे कुत्सित भावों को हटाना है
जो कुछ बीत गया उससे सबक सीखना है
जो संचित सर्वग्राही है, उसको हमे बचाना है
नया साल में जीवन में नया अध्याय जोड़ना है।
बीते साल किये गये कार्यो का है लेखा जोखा
नया साल नये भावों को अपनाने का देता मौका
जो बीत गया वह हाथ आयेगा नहीं अब दोबारा
नये साल का नया मुकाम हो नया लक्ष्य हो हमारा।
नये साल में अगर हो तो कुछ ऐसा हो
धर्म के नाम पर कोई विवाद ना हो
इंसान में इंसानियत के भाव जागृत हो
राष्ट्र के प्रति समपर्ण का भाव उद्ववेलित हो।
नये साल में देश नये नये आविष्कार हो
बेरोजगारी, मॅहगाई, भ्रष्टता, दृष्टता कम हो
बालको में उत्साह, युवाओं में नया जोश हो
घर परिवार में सबके बुजुर्गों का वरदहस्त हो।
आने वाला साल आप सबके लिए मंगलमय हो
हम सबके जीवन मे नव ज्योति का प्रज्वलन हो
घर परिवार, गॉव समाज, देश सब विकसित हो
आपके जीवन मे नूतन वर्ष में बंसत बहार हो।
हरीश कंडवाल मनखी