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संस्मरण

hindi articles, stories and books related to Sansmaran


प्यार की दस्तक (प्यार किया नहीं जाता हो जाता है)जया जैसे ही ट्रेन में चढी ट्रेन रेंगने लगी उसने अपने भैया (मामा जी के बेटे) को हाथ हिलाकर विदा किया, " जया

13 अप्रैल 2022   बुधवारसमय- 11:15(रात)मेरी प्यारी सखी,      हम सोचते रह जाते हैं और जीवन पथ पर जीवन यूं ही चलता जाता है।हम कुछ सोचते हैं और हो कुछ जाता है।कई बार लोगों द्वारा

10 अप्रैल 2022      रविवार   समय-10:46(रात)   मेरी प्यारी सखी,      इस गर्मी में हाल-चाल कैसे हैं तुम्हारे?   सबसे पहले तुम्हें रा

9 अप्रैल 2022,   शनिवारसमय 4:45मेरी प्यारी सखी, कैसी हो? आज सुबह से ही कन्याओं को जीमाने का दौर आरंभ हो चुका है। सभी महिलाएं सुबह-सुबह स्नान से निवृत्त होकर पूजा करने मंदिर चली गई। लाल

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-अनिल अनूप इशारे करती आंखों को देख गाड़ियां अक्सर यहां धीमी हो जाती हैं. काजल भरी आंखें, मेकअप से सजे चेहरे और चटकीले लिबास लपेटे सैकड़ों जिस्म रोज़ाना इन सड़कों पर किसी का इंतज़ार करते हैं.

8 अप्रैल 2022    शुक्रवार समय 8:10मेरी प्यारी सखी,    पता है सखी कई बार कोई तारीख याद ही नहीं रहती तो कई बार बड़ी ही परेशानी भी उठानी पड़ती है। अब देखो ना 3 तारीख रव

यह मेरी आदतें हमने जन्म से ना पाई है यह सीखी नहीं परिस्थितियों ने सिखाई हैं एक दिन गए बिजली विभाग के दफ्तर में, चार बाबू चाय की चुस्ती में मस्त थे, हमारी कौन सुने वो तो अपने में ही व्यस्त थे लाइन जित

याद आता है  कब तू थी मेरे साथ ना किसी ग़म में , ना किसी ख़ुशी में , तू तो थी अपनी दुनिया में, ओर में खोजता रहा अपने आशियाने में .... जमाने से लड़कर शादी करके अपनी दुनिया बसाई ,बेटी को सगों से बड

कितनी बातें याद आ रही थी,बार बार मन मे एक विचार आ रहा था। क्या गलती थीं उस मासूम लड़की की ? कालेज कि सबसे हंसमुख लड़की आज कितनी उदास ओर व्याकुल थी ।। जब उसने बताया के उसकी कालेज से निकलने के बाद ही

क्या सच में दुखी हूँ में ?( एक बेटे की कहानी) आज घर में मातम छाया है, माँ सुबक सुबक कर रो रही है, बहन की आँखो से आँसु का सागर निकल रहा है, रिश्तेदार जो कभी सुख मेंशरीक ना होते है आज उनकी भी आँखे नम

अब तलक सीखा जो हमने, कुछ किताबों ने सिखाया।कुछ  जमाने  ने  हमारी,  सीख   का   बीड़ा   उठाया।।कुछ  परिस्थितियों  ने  दे  दी, जानकार

30 मार्च 2022      बुधवार समय 8:40 (रात)मेरी प्यारी सखी,      आज बहुत दिनों बाद तुमसे बात करने का मौका मिला। असल में कारण यह है कि‌ हमारे घर में छोटा सा नन्हा म

रिश्तों में वक़्त दीजिए बड़े बड़े तोहफ़े नहीं, ताजमहल दुनिया ने देखा है, मुमताज़ ने नहीं। ~ अज्ञात

आज सुबह की सैर करते समय हमारे गाँव के एक दादा जी रास्ते में टकरा गए। हम तो उन्हें पहचान नहीं पाए, क्योंकि कई वर्ष से उन्हें देखा नहीं था। वह तो उनके साथ उनका पोता था, जो यहीं भोपाल में रहता है, उसने प

🙏🙏जब तक आपके पास #पैसा है दुनिया की कोई #ताकत आपको नहीं रोक सकती ! सभी झुकेंगे लेकिन जब पैसा आपके पास नहीं है तो #परिवार ही नहीं बल्कि दुनिया भी आपको सो बार झुकायेगी ! 🙏🙏🚩🙏🙏

पेज  कितने  खुलें,  और  कितने  बचेंइस  कहानी का  कोई  भरोसा  नहीं।आखरी पेज तक, जाएंगे  तो  मगर,जिन्दगानी  का   कोई  भरोसा&nbs

हमारी बहन 9 साल की थी और हम 4 साल के होंगे। बहन की सहेली के घर ट्रेन में बैठकर चले गए उसकी छोटी बहन को खिलाने।  फिर वह हमकों रेल में बिठाने आई। हम घर वापस आ गए जो शहर में था। जब मम्मी को दूसरे दि

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में उसे देखते ही पहचान गया चहरे पर प्रसन्नता लिये में उसकी डेस्क के पास गया , डेस्क के पास देखते ही उसने मुझे सर कह कर संबोधित किया, उसके सर कहते ही मुझे कुछ अजीब लगा, साथ ही बैंक में आने का कारण भी य

जाने क्या क्या छूट गया है, कौन कहां पर रूठ गया है,नहीं देखना है अब संभव, ऐसे कितने, काश ! बहुत हैं।जैसे भी, चलते जाना है, जो संकल्प लिया, पाना है,नहीं लौटना है अब संभव, मंजिल के भी पास बहुत हैं।।...टा

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है लिये हथियार दुश्मन ताक में बैठा उधरऔर हम तैयार है सीना लिये अपना इधरखून से खेलेंगे होली गर वतन मुश्किल में हैसरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है।हाथ जिनमें हो जुनून कटते नही तलवार सेसर जो उठ जाते

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