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स्त्री विमर्श -

hindi articles, stories and books related to Stri vimarsh -


माया के लड़का पैदा होने पर वह बहुत खुश थी। वह सोच रही थी कि वह एक भाग्यशाली औरत है। वह अपने घर पर रहने से जितनी दुखी थी। अब उसे उससे कहीं ज्यादा खुशी का अहसास हो रहा था। वह हरीश को भी बड़ा प्रसन्न रखत

सोचा था, जिंदगी के, सफ़र में, ऐसा मुकाम आएगा, दिल एक, आशियाना, होगा, आंखों में, सुनहरे ख्वाब, जज्बातों, की होगी, बरसात, लब मुस्कुराएंगे, प्यार के, खुशबू की, महक होगी, ऐसी, ख्वाहिश, दिल में, आईं थी, ख्

प्रेम क्या है ? इक अहसास है, जज्बातों का सैलाब है, जो सुनाया नहीं जाता, जिसमें डूबकर, ख़ुद को भुलाया जाता है, प्रेम करने वाले, डूब जाते हैं, प्रेम की गहराइयों में, उस सागर से, निकलने की, ख्वाहिश होती

भाग - 4 इधर... मोहनी को इसी शहर में शिक्षिका की नौकरी लग गई थी, जिसके कारण वह कुछ दिनों तक मायके में हीं रहने का मन बनाकर ससुराल से मायके आयी थी।और.... रोहन ने भी लगभग एक महीने की छुट्ट

‍भाग - 3लगभग पाँच दिन मोहनी को यूं ही मायके में निकल गया, लेकिन वह खिड़की एक - दिन भी नहीं खुली। मोहनी को यह समझ में नहीं आ रही थी कि उसे क्या हो गया है....? क्या वह कमरा खाली करके चला गया,

‍                       भाग - 2खैर बारात भी आयी, और मोहनी को रोहन से विवाह भी हो गया। कुछ दिनों के बाद मोहनी अपने ससुराल से वापस मायके 

"मैं यकीन दिलाती हूँ रोहन, तेरे सिवा मेरी जिन्दगी में  कोई नहीं था और  न कोई है। मेरी बात को यकीन क्यों नहीं करतें ...?"-मोहनी ने  दोंनो हाथ जोड़ते हुए अपने पति रोहन से बोली। "अगर

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‘ मेरे परिवार की आर्थिक हालत खींचतान के उदयपुर के आम निम्न मध्यवर्गीय घरों जैसी ही थी। इसलिए पारिवारिक बोझ कम करने के लिए मेरी शादी 18 साल की उम्र में उदयपुर रेलवे स्टेशन के पास कर दी गई। अब शादी

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अनिल अनूप बरेली में स्टेज परफॉर्म कर काफी अवॉर्ड-रिवॉर्ड जीतने वाली ट्रांसवुमन सोनिया पांडे इन दिनों रेलवे में जॉब करती हैं। सोनिया की इच्छा अगले साल तक मुंबई आकर अपने डांस का हुनर लोगों के स

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मैं तब 13 साल की थी। होली का दिन था। पापा के दोस्त घर आए थे। मैं किचन में चाय बना रही थी। तभी पापा के दोस्त पीछे से आए और मेरे गाल पर रंग लगाने लगे। रंग लगाते-लगाते उनके हाथ मेरी कमीज के अंदर जा

शहर की सूनसान सडक पर एक परछाईं चलती हुई नजर आ रही थी ।जिसे देख सडक के किनारे खडे कुछ मनचले लडकों की आँखें चमकने लगी । सभी आपस मे बात करनें लगे ....... रवी देख तो इधर कोई पटाखा चली आ रही है,लगता है आज

शहर की सूनसान सडक पर एक परछाईं चलती हुई नजर आ रही थी ।जिसे देख सडक के किनारे खडे कुछ मनचले लडकों की आँखें चमकने लगी । सभी आपस मे बात करनें लगे ....... रवी देख तो इधर कोई पटाखा चली आ रही है,लगता है आज

पिछले भाग में आप सभी ने पढ़ा कि  सिंधु ,बालिका के जन्म के बाद मां के घर जाने का निर्णय लेती हैl अपनी नवजात बच्ची को लेकर के  बड़ी कठिनाई सेअपने मां के घर पहुंचती हैl सिंधु को अपने घर पर देख

अनुच्छेद 14                 ● मेरी यादों के झरोखों से ●  ------------------------------------'------------------------------अरे मैं कब से बक बक किये ज

अनुच्छेद 13                       मेंरी यादों के झरोखों से    ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~कालिज में इस वर्ष जिला स्तरीय खेलों की प्

अनुच्छेद 12                    मेंरी यादों के झरोखों से   -----------------------------------------------------------------------वह अनाम सुन

दिल की धड़कन, दिल ने सुनी, जज़्बात मचले, फिर सिमट गए, आंखों में ख़्वाब, तैरने लगे, लब मुस्कुराए, हल्की सी, सरगोशी सुनाई दी, कोई हौले से, ख्वाबों में आया, दिल में समाया, प्रेम की आहट, होने लगी, अचानक क

द्वितीय शक्ति ब्रह्मचारिणीनवदुर्गाओं में दूसरी दुर्गा का नाम ब्रह्मचारिणी है। इनकी पूजा-अर्चना नवरात्र की द्वितीया तिथि के दौरान की जाती है। ब्रह्मचारिणी देवी का स्वरूप पूर्ण ज्योतिर्मय और भव्य है। मा

    जीजी.....   जीजी  दरवाजा तो खोलो कब से मैं बाहर  खड़ी हूंl " बहु देख तो जरा बाहर ,  मुन्ना की अम्मा आई है  कब से गला फाड़े जा रही है, दरवाजा खोल दे........

"स्त्री थोड़ी पागल होती है न" चली आती है अपना घर छोड़कर पति का घर बसाने के लिए स्त्री थोड़ी पागल होती है न ओढ़कर सारी जिम्मेदारियां खुद ही बना लेती है निर्भर, पति को स्वयं पर स्त्री थोड़ी पागल ह

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