ग्लैमर की दुनिया, सुशांत जैसे मेघावी छात्र को लील गयी डॉ शोभा भारद्वाज आज कल सुशांत राजपूत को लेकर आत्महत्या अथवा हत्या का विषय मीडिया में छाया हुआ है रोज नई हैडिंग के साथ चैनलों में वाद विवाद होते हैं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर एक पक्ष ने अपनी सफाई पेश की लेकिन सुशांत का पक्ष उसके नाम के साथ स्वर्गवासी लगा है ।मीडिया की टीआरपी बढ़ाने का साधन सुशांत की असमय मृत्यु की सनसनीखेज खबरें बन रही हैं । एक मेघावी साईंस स्टूडेंट 2003 में जिसने दिल्ली कालेज आफ इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा में साँतवा रैंक प्राप्त किया था, मैकेनिकल इंजीनियरिंग कोर्स में दाखिला लिया। वे फिजिक्स के राष्ट्रीय ओलिंपियाड के विजेता रह चुके हैं गौरव की बात है उन्होंने भारतीय आईएसएम धनबाद सहित 11 इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाएं पास की उनका सफर आसान नहीं था। माता पिता जानते हैं इसके लिए अथक प्रयत्न करना पड़ता है ऐसे विद्याथियों के अध्धयन कक्ष की दीवारें अँधेरे को तरसती हैं तब जाकर कैरियर मिलता है। थियेटर और नृत्य में शामिल होने का कारण उनके पास अध्ययन के लिए कम समय बचता, जिससे उनकी पढ़ाई में रुकावटें आईं और विश्वविद्यालय से विदा ले ली । अभिनय में अपना करियर बनाने के लिए उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के चार वर्ष के कोर्स में से सिर्फ तीन वर्ष पूरे कर उसे छोड़ दिया। शिक्षा के क्षेत्र में उनके अनेक सपने थे यदि मेधावी छात्र फिल्मों की तरफ नहीं मुड़ता शिक्षा के क्षेत्र में शानदार कैरियर होता यह ठीक है शिक्षा के कैरियर में रोज ताली नहीं बजती अखबारों की सुर्खियां नहीं बनते दीवारों पर बड़े -बड़े पोस्टर नहीं लगते लेकिन जब ताली बजती काफी देर तक बजती रहती है लेकिन सुशांत को शानदार कैरियर अच्छा नहीं लगा वह ग्लैमर चकाचौंध से आकर्षित होकर हजारो युवक युवतियों की तरह सीरियल एवं फिल्मों की धुन में इंजीनियरिंग को अलविदा कह दिया। इसमें संदेह नहीं उन्होंने प्रसिद्ध सीरियल एवं अच्छी फिल्मों में अच्छा किया लेकिन अच्छा सितारा ग्लैमर की दुनिया में विलीन हो गया गया उनकी मृत्यु के कारणों पर जांच चल रही हैं 74 वर्ष के पिता चार बहनों का इकलौता भाई कितनी मन्नतों के बाद जन्मा होगा । एजुकेशनल कैरियर में भी वह चमकता उनके साथ के इंजीनियरिंग कालेज से पास होकर निकले स्टूडेंट आगे अपने कैरियर बना कर देश एवं विदेशों में ऊचाईयों पर हैं कईयों के बोनस के आगे कितने जीरो लगे हैं गिनना भारी हो जाता है उन्हें नाम और प्रसिद्धि मिली है। फिजिक्स में शोध करने में समर्थ छात्र फ़िल्मी जगत में स्वर्गीय बन कर रह गया। अभी उसकी मृत्यु पर विवाद मीडिया जगत में सुर्खियाँ बना रहेगा एवं टीआरपी बढ़ाने का साधन नित्य नए हथकंडे अपना रहे हैं।