4) " इन आंखों को तलाश तेरी"😏😏😏
3) " इन आंखों को तलाश तेरी"😏😏😏
ये जो है अन्दर छुपा मेरे मेरा बचपन ना मैं
जीवन राग अनोखा, जो बूझे आनंद रहे । क्षीण हवा का झोंका, सदा बदलते रंग रहे ।
एकता में बल, होता है; हर समस्या का हल, होता है। जब सामंजस्य की हो कमी; जीवन
न देखा जमाना तो जाना ही क्या, अब तुम्हारे बिना मुस्कुराना ही क्या। राह ले जाती है म
"इन आंखों को तलाश तेरी"……😏😏😏
खम्मामि सव्व जीवेषु मित्रों ! भाद्रपद कृष्ण द्वादशी से भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी त