पाकिस्तान आज के
युग में कुफ्र काफिर की मानसिकता से ग्रस्त है
डॉ शोभा भारद्वाज
मजहब के नाम पर पकिस्तान का निर्माण हुआ था
यहाँ अल्पसंख्यको को पाकिस्तान में निरंतर
निशाना बनाया जाता रहा है .इस्लाम के सभी
अनुयायी मुसलमान कहलाते हैं हैं लेकिन फिर
भी वह कई पंथों में बंटे हैं अलग – अलग पन्थ के मुस्लिम भी सुरक्षित नहीं है अहमदिया समुदाय
को तो वह मुसलमान ही नहीं मानते यहाँ सुन्नी मुस्लिम का बाहुल्य है कट्टर पंथी
सुन्नी शिया मुसलमानों की हत्या करते रहते है यहाँ शियाओं की संख्या 20% के करीब हैं सरकार कट्टर पंथियों के
खिलाफ कार्यवाही करने से भी डरती है .पाकिस्तान के पडोस में ईरान है ईरान के शहर
जाह्दान से सड़क के रास्ते पाकिस्तान में आवागमन आसान है . ईरान में शिया सरकार है
सुन्नी केवल 10 % वह मुख्यतया खुर्दी है ईरान की इस्लामिक सरकार अपने आपको विश्व
में बसे शिया समाज का हितचिन्तक कहती है मिडिल ईस्ट के अनेक देशों में उसका
उद्देश्य शिया प्रभावित क्षेत्रों में अपना प्रभाव बढ़ाना है वह शिया विद्रोहियों
की मदद करना है शियाओं का परचम लहराना है लेकिन पाकिस्तान में शियाओं की हत्या पर केवल स्टेटमेंट देकर
अपना कर्त्तव्य पूरा कर लेते हैं मुख्य कारण पाकिस्तान से परमाणु तकनीक के लिए सम्बंध बनाये रखना है हाल ही में पाकिस्तान के बलूचिस्तान के माछ इलाके में शिया
हजारा समुदाय के 11 मजदूरों की हत्या कर दी यह सभी कोयला खदान में काम करते थे
शिया समुदाय के हजारा शियाओ का अपहरण कर उन्हें एक पहाड़ी पर ले जाकर उनका कत्ल कर
दिया .यह पहला वाकया नहीं है .
पाकिस्तान में ईश निंदा के तहत कानून बनाकर
शिया एवं अल्पसंख्यकों पर अत्याचार करते रहना आम है . शिया मुस्लिम हजरत अली के
पैरोकार है. इस्लाम में अल्ला , अल्ला की वाणी पवित्र कुरान ,पैगम्बर , शिया मुस्लिम इनके साथ इमाम को भी मानते हैं . पाकिस्तान में मन्दिरों को जमीदोज करना मूर्तियों को तोड़ने वालों को बुतशिकनी ,उसके नेता का नाम गर्व से जोड़ते हैं पाकिस्तान का जन्म मजहब के नाम पर हुआ था पाकिस्तानी मौलानाओं का अफ़सोस उनके भाषणों में व्यक्त होता है हिन्दू जिन्हें वह काफिर, मूर्ति पूजा कुफ्र कहते हैं उन्हें जड़ से समाप्त कर पूरे भारत को इस्लाम के रंग में क्यों नहीं रंग लिया गया था ? कोशिश मुगल बादशाह ओरंगजेब
ने बादशाह अकबर की नीति से हट कर भारत को इस्लाम करने की कवायद की थी वह सेना के साथ सम्पूर्ण भारत को फतह करने
निकले नारे लगते थे आलमगीर ज़िंदा पीर क्या हुआ ? वह जीत का परचम लहराता मन्दिर तोड़ कर मस्जिद बनाता रहा वहाँ नमाज अता करता उसके हटते ही फिर से मराठा शहर पर कब्जा कर लेते
.अंतिम समय में अहमदनगर में वह अंतिम सांस ले रहे थे उनके पास उनकी बेटी जेबुन्निसा बैठी थी शाही शामियाने के बाहर मराठों की विजय के ढोल बज रहे थे यहीं से मुगल साम्राज्य उखड़ता चला गया .
पाकिस्तान में गैर मुस्लिमों की कम उम्र की बच्चियाँ उठा ले जाना बूढों से उनका निकाह पढ़वा देना आम है , धर्म परिवर्तन करना .मूर्तिया ,मन्दिर तोड़ना सबाब माना जाता है, कभी किसी भारतीय मौलाना .एवं हिन्दू ,मुस्लिम बुद्धिजीवी ने इसकी निंदा नहीं की . मुस्लिम समाज पैन इस्लामिज्म मानते है दुनिया में मुस्लिम का बाल भी बांका हो जाये तुरंत फतवे , जलूस सजा की घोषणा कर देते हैं .गैर मुस्लिमों शरणार्थियों को
नागरिकता देने के लिए संसद में सीएए कानून बना जिसके विरोध में मुख्यतया मुस्लिम समाज की औरतों को बिठा दिया कुछ अपने आप को सेकुलर सिद्ध करने वाले भी प्रवचन देने आते थे , लेकिन किसी ने पाकिस्तान में होने वाले जुल्म पर मौलानाओं को चेतावनी नहीं दी यह कुकृत्य है आखिरत के दिन क्या जबाब दोगे.काफिर कह कर हिन्दुओं पर पत्थर मारना आम है अपनी जेनरेशन को जेहाद के नाम पर आतंकी व फिदायीन बना दिया उन्हें निर्दोषों की हत्या के बदले जन्नत समझाते हैं .
हमारे धर्म संस्कृति को नष्ट करने के लिए हमलावरों ने क्या नहीं किया बस अपने नाम के साथ गाजी लगा कर दुनिया से रुखसत हो गये हम आज भी अपनी संस्कृति अपने मन्दिरों मूर्तियों के साथ गर्व से सिर उठाये हैं राम मन्दिर निर्माण पर मौलाना रशीदी कहते है ऐसा
हो सकता है कि “कभी मंदिर तोड़ कर उस जगह पर मस्जिद बनाई जाए” यह भारतीय मौलाना है यह कहना भारत में ही सम्भव है.पाकिस्तान
की मानसिकता उनके अपने देश के लिए घातक है धीरे – धीरे मौलाना अपनी शक्ति बढ़ाते जा
रहे है . पाकिस्तान में
बच्चों को 23 मार्च 1940 को लाहौर में पास पाकिस्तान की स्थापना के प्रस्ताव से
इतिहास पढ़ाया जाता है .