इस दुनिया में कहीं खो से गये हैं हम
अपनी सुध है ,न जमाने की
दस्तूरों का क्या है, दस्तूरें ही तो हैं जीवन में
मगर खो से गये हैं नजारे ंं,खो सी गयी हैं बहारें
खो सी गयी हैं खुशियाँ, खो सी गयी है हंसी
खो सा गया है सारा जहाँ
खो सा गया है जीवन का हर लम्हा
न जाने कहाँ किस दिशा, किस शहर,
किस दहर में हमें है जाना
दर्द सी राहें, उलझनों से भरी जिंदगी
जिम्मेदारियों के एहसास में खो से गये हैं हम
तेरे बगैर जी रहे हैं हम
तुझे खोकर जाने कहाँ खो से गये हैं हम
जीवन के इक उम्र में
न जाने कहाँ खो से गये तुम
खो से गये हैं सारे सपने, सारे अपने
अपनों की यादों में खो से गये हैं हम
तुझे खोकर तेरी यादों में खो से गये हैं हम।
धन्यवाद 🙏