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पतझड़ की आहट

18 सितम्बर 2021

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 भास्कर रेलवे में क्लर्क के पद से सेवानिवृत्त होकर देहरादून में ही रहने लगे यंही कांवली रोड़ पर दुमंजिला मकान बना दिया, एक बेटा सॉफ्टवेयर इंजीनियर जो बैंगलुरु में पोस्टेड था, वही छोटा बेटा ने ज्यादा पढ़ाई लिखाई की, और अपना बिजनेस यंही देहरादून में खोल दिया था।  भास्कर और उनकी पत्नी शीला ने दोनों बच्चों की शादी करके अपनी जिम्मेदारी निभा ली थी।

     भास्कर और शीला दोनों छोटे बेटे मयूर के साथ रहते थे, भास्कर अपने पोते को लेकर स्कूल लेकर आना जाना, उसके साथ पार्क में घूमना, कभी उसके डिमांड पर खाने की चीज उपलब्ध करा देता था। कहते है कि दादा दादी को अपने बेटे से ज्यादा नाती पोतों से ज्यादा प्रेम होता है।

     मयूर की पत्नी घर के साथ ब्यूटी पार्लर भी संभालती थी, लेकिन ज़्यादा समय ब्यूटी पार्लर में ही बीतता, मयूर का तो काम ही बिजनेस का था तो उसको घर के कामो से कँहा फुर्सत मिलने वाली थी। भागमभाग की जिंदगी में दो पल का चैन नही था।  गाड़ी, मकान, कपड़े अब आवश्यकता नही स्टेटस सिंबल बन गये थे, अब लोग जरूरत के लिये कम औऱ स्टेटस सिम्बल को मेंटेन रखने के लिये अपने को खफा देते हैं।

    अक्सर मयूर का बड़ा भाई रंजन जो सॉफ्टवेयर है, उसने अभी कुछ दिन पहले नए मॉडल की गाड़ी ली है, जिसकी चर्चा घर में अक्सर हो रही थी, मयूर की पत्नी बार बार मयूर को उलाहना देती की यह आई 10 पुरानी हो गयी है, हम भी दीवाली तक कोई नई गाड़ी ले लेते है,मैंने ऑन लाईन सभी गाड़ियों के मॉडल देख लिये है।

     मयूर ने कहा यार लेने के लिये तो ले लेते लेकिन अभी सितम्बर तक रिटर्न भरना है, फिर दिवाली आ रही है, नया सामान भी भरना है, इतनी जमा पूंजी नही है, की हम 15 लाख की गाडी ले सके। यदि लोन भी लेते है तो लोन की इंसोलमेंट के लिये 8 लाख और बाकी किश्त भी देखनी होगी, तुम जानती हो की कोरोना के दो साल से बिजनेस तो नुकसान का ही रहा है, कल ही एकाउंटेंट बता रहा था कि इस बार मुनाफा 10 प्रतिशत भी नही हुआ, उल्टा खर्च बढ़ गया है।

     मयूर की बात को काटते हुये उसकी पत्नी ने कहा कि थोड़ी मदद तो पापा भी कर लेंगे, उन्होंने कौन सा साथ लेकर जाना है, यदि थोड़ा मदद कर भी देगे तो क्या फर्क पड़ता है।

    मयूर ने कहा कि यार पापा मदद तो कर देंगे लेकिन उनके लिये तो दोनों बेटे बराबरी के हिस्से रखते हैं, बेकार में घर में तनाव का माहौल बन जायेगा, इस तरह दोनों में चर्चा होती रही। 

    अगले दिन सुबह मयूर तो अपने काम पर निकल गया, उसकी पत्नी नीलू ने स्कूटी निकाली गाड़ी देखने चली गयी, शाम को आकर अपने सास ससुर जी को गाड़ी लेनें का विचार बताया और मदद करने की अपेक्षा रखी।  ससुर जी  ने कहा कि शाम को मयूर आ जायेगा फिर इस पर बात करेंगे। 
   
    शीला जानती थी कि अपनी मुट्ठी में कुछ धन रहेगा तो वही बुढापे का सहारा होगा। आजकल हर रोज अखबारों मे किस्से पढ़ने को मिलते हैं, वृद्ध आश्रमों में वृद्ध व्यक्तियों की करुण दशा  देखने और सुनने को मिलती है।  इसलिये शीला चाहती थी कि मदद भी हो जाय और ज्यादा लुट जाय।  शीला ने भास्कर को कहा कि तुम अभी बच्चों को कुछ भी मत देना, हालांकि है सब उनके लिये ही हम तो अब पतझड़ वाले पेड़ हो गए हैं, दिन प्रतिदिन हम रुग्ण होते जाएंगे, लेकिन यह धन रूपी कोपल हमेशा यह दर्शायेगी की अभी हमारे नीचे छाँव मिल सकती है, यही जमा पूंजी इस बुढापे का हथियार है, हम खाली हो गए और कल के दिन बेटे बहु बदल गए तो हम कँहा जायेगे।

   शीला ने कहा कि कल रविवार है, हम कल गाड़ी देखने के बहाने चलेंगे, लेकिन मैं बहु और बेटे दोनों को कुछ अहसास कराना चाहती हूँ, ताकि यह फिजूलखर्ची ना करे और हमारा भी ख्याल रखे, साथ मे थोड़ी मदद भी हो जाय।
    शाम को सब जब खाना खा रहे थे तो शीला ने बहु को कहा कि कल हमे एक बार गाड़ी दिखा दो, और जाते हुए जरा डाट काली मंदिर भी माता के दर्शन हो जाय। 
    इधर मयूर और उसकी पत्नी नीलू का खुशी का ठिकाना नही रहा, क्योकि उनको घर से मदद मिलने की पूरी उम्मीद जग चुकी है। पैतृक संपत्ति इसलिए तो जोड़ी जाती है कि आने वाली पीढ़ी उसको उपयोग कर सके, लेकिन नई पीढ़ी यह नही समझती की हम आगे वाली पीढ़ियों के लिये क्या कुछ करेगे, खैर दोनों ने सुबह नई गाड़ी देखने और खरीदने का मन बना लिया, जब तक दोनों सोए नहीं कल्पनाओ की उड़ान में अथाह आसमान में उड़ते रहे।
    अगली सुबह सब तैयार होकर गाड़ी देखने निकल गए, शो रूम में पहुँचकर गाड़ी दिखाने वाले ने पूरी गाड़ी के फंक्शन समजाये और फिर उसके कई फायदे गिनाते हुए उसके एवरेज से लेकर सीट में आराम और भी बहुत कुछ।  नीलू यह सब देखकर उत्साहित हुए जा रही थी, वंही शीला सोच रही थी कि एक हमारा जमाना था कि पाई पाई जोड़कर घर और अपने खर्चो में कटौती करके अपनी खुशियों को दाँव पर लगा देते थे।
    गाड़ी दिखाने के बाद वह डाट काली मंदिर की ओर बढ़े, मंदिर में दर्शन करने के बाद वापिस आने लगे तो रास्ते मे एक बड़ा सा पेड़ था जिसकी कुछ शाखाओं ने झुकना शुरू कर दिया था कुछ टूट चुकी थी, एक दो शाखाओ पर पत्ते थे उन पर भी हल्का पीलापन था।  उस पेड़ को देखकर शीला ने गाड़ी रुकवाई और कुछ देर वंही रुककर फल खाने के लिये आग्रह किया।  शीला की बात सबने मान ली।
     शीला ने नीलू को पूछा बेटा गाड़ी ले रहे हो इतनी चादर है आपके पास जो उस हिसाब से पैर फैला सको। बेटा आप लोग तरक्की करो, हमे भी खुशी है, लेकिन उस तरक्की से ऐसा ना हो कि घर के अन्य चीजों का बजट बिगड़ जाय, रही बात हमारी हम तो इस पेड़ की तरह हो गए हैं, देख रहे हो ना इसके हरे औऱ हल्के पीले पत्ते पतझड़ की ओर इशारे कर रहे हैं कि इनका गहरा हरा रंग और उस पर पीला पन पतझड़ आने की निशानी है।  हम लोग भी इसी पेड़ की तरह है।  हमने अपना बसंत जो यौवन में आया था वह इन बच्चों की परवरिश में लुटा दिया, फिर जब थोड़ा बड़े हुए तो हम इनकी शाखाओ की तरह परिपक्व होते गए, इस पेड़ की सारी जमा पूंजी इसकी शाखाएं थी जो अब इससे अलग होने लगी है, जैसे हमारी शाखाएं आप लोग हो, और बड़ा बेटा हमसे दूर है, तो एक शाखा हमारी हमसे दूर ही तो है, तुम एक तना की तरह हमारे साथ हो लेकिन कब तुम भी अलग हो जाओगे वक्त का कुछ पता नही, तुम हमसे फल खाओ लेकिन यह नहीं कि पूरा पेड़ ही तोड़ दो। 

   बेटा इस पेड़ की जड़े ही इसकी पूंजी है जो इनके सहारे खड़ा है ऐसे ही हमारी जड़े हमारी पूंजी है जो हमे पतझड़ में भी सहारा देगी, इसलिये हम आपकी उतनी ही मदद कर पायेंगे जितने हमसे हो सकेगा।   हम पतझड़ वाले पेड़ो पर अब नए कोपल नही आ सकते इसलिये हमें अपनी जड़ों पर ही टिके रहना।  इसलिए आप अपनी जड़ों को मजबूत करके अपनी शाखाओ को सामने वाले पेड़ की तरह मजूबत करके आगे बढ़ो।  अभी तो आप लोग युवा हो कई और बसंत देखोगे लेकिन बाकी ऋतुओ को ध्यान में रखकर अपनी जड़ो को मजबूत बनाये रखना।
    घर आकर भास्कर ने अपनी जमा पूंजी में से मदद नही बल्कि वापिस लौटाने को कहकर 2 लाख का चैक मयूर को पकड़ाते हुए कहा कि यह मुझे 6 महीने बाद वापिस करोगे इस शर्त पर दे रहा हूँ।  मयूर समझ गया था की उसके पिताजी उसकी जड़ो को औऱ मजबूत करना चाहते है।

हरीश कंडवाल मनखी की कलम से।

      
   


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<div> जब तक फूफा जी ससुराल के अकेले जवाई और जीजा जी थे तब तक तो उनकी खातिरदारी और रूठना चलता रह

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एक नई शुरूवात

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अदरक वाली चाय

7 जनवरी 2022
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रौनक शिवम और अनु तीनों एक कोचिंग सेण्टर में कोचिंग ले रहे हैं, तीनों के पिताजी अच्छी पोस्ट पर हैं। रौनक अच्छे परिवार से है, े पिताजी सरकारी विभाग में उच्च पद पर हैं, वहीं शिवम के पिताजी एक बिजने

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सपनों की वो सड़क

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सपनों की वो सड़कअरे बेटा उठ जा जल्दी तुझे जाना भी है, अपने काम पर म कहते हुए राजन की मॉ ने राजन को उठाया। बेटा जल्दी कर पहली गाड़ी आठ बजे निकल जाती है। देर हो जायेगी तुझे, यह आवाज रंजन की कानों मे

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फजीतू ( पार्टी कार्यकर्ता) की मनोदशा।

18 जनवरी 2022
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फजीतू पार्टी का समर्पित कार्यकर्ता है, पार्टी के हर कार्यक्रम में उसकी उपस्थिति रहती है, फजीतू को क्षेत्र का विधायक से लेकर सांसद तक उसके नाम से जानते हैं, फजीतू की उम्र लगभग 50 साल है, छात्र जीवन से

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फजीतू ( पार्टी कार्यकर्ता)

18 जनवरी 2022
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फजीतू पार्टी का समर्पित कार्यकर्ता है, पार्टी के हर कार्यक्रम में उसकी उपस्थिति रहती है, फजीतू को क्षेत्र का विधायक से लेकर सांसद तक उसके नाम से जानते हैं, फजीतू की उम्र लगभग 50 साल है, छात्र जी

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फजीतू ( पार्टी कार्यकर्ता)

18 जनवरी 2022
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<div><u> </u><span style="color: rgb(34, 34, 34); font-family: -apple-system, &quot;.SFNSText-Regular&quot;, &quot;San Francisco&quot;, Roboto, &quot;Segoe UI&quot;, &quot;Helvetica Neue&quot;, &

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फजीतू

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पुदिनहरा (लघु कहानी) 

1 मार्च 2022
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सुनैना और सुयश की शादी को लगभग 6 साल हो गए, उनके दो बच्चे हैं। अब बच्चे बात करने के माध्यम बन गए है। बड़ी बेटी रूही जो लगभग 5 साल कि है, और छोटा बेटा लगभग 8 महीने का। घर मे जब से बच्च

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आदर ( अंतरार्ष्ट्रीय महिला दिवस विशेषांक)

8 मार्च 2022
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रीता ने अमन के सिर से रजाई उठाते हुए कहा कि अजी सुनते हो 07 बज गये हैं, फिर मत कहना कि जल्दी जल्दी नाश्ता तैयार करो, मुझे ऑफिस के लिए देर हो रही है। यह कहते हुए रीता बाथरूम में जाकर ं कपड़े

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काश एक बार गया होता

27 मई 2022
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काश कि एक बार गया होता। मेघा ने रोहन के बैग में टिपिन रखते हुए कहा कि बच्चो की समर वेकेशन हो गयी है, बहुत दिन से आउटिंग भी नही हुई है, पड़ोसी रीना दीदी पूरे परिवार के साथ साउथ इंडिया घूमने ज

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कलयुगी दैत्य विवाह

4 जून 2022
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कलयुगी विवाहराजू भाई जरा टेंट इस वाले खेत में लगा दो और हाॅ काॅकटेल के लिए 8 मेज ईधर लगा देना। ईधर खाना बनाने वाले के लिए बोल दिया कि शाम के लिए मटर पनीर, मिक्स वेज, दाल मखनी सब बना देना, और&nbs

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अपनापन

20 जून 2022
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सौरभ स्कूल से लौट रहा था रास्ते में एक कुत्ता का बच्चा अपनी मॉ से बिछुड़ गया था और कूं कूं की आवाज कर खोजने की कोशिश में लगा हुआ था। सौरभ ने कुत्ते के बच्चे को गोद में उठाया और उस पर

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अनकही मोहब्बत

29 जून 2022
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सुबह के 7:00 बज रहे थे स्कूल में प्रार्थना सभा हो रही थी अजय अपनी लाइन के आगे वाली लाइन मैं किसी को ढूंढ रहा था लेकिन उसे नजर नहीं आ रहा था मन कुछ उद्वेलित था, सामने गुरुजी खड़े थे तो नजरें इधर

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अनकही मोहब्बत भाग 2

8 जुलाई 2022
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अनकही मोहब्बत भाग 2 इधर अजय ने नया साल का ग्रीटिंग कार्ड पोस्ट कर दिया है। डाकिया 4 दिन बाद मानसी के गाँव के किसी व्यक्ति के पास दे देता है। गाँव का व्यक्ति मानसी का&nbsp

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सावन की खीर

18 जुलाई 2022
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सावन की खीर सावन की झमाझम बारिश लगी हुई है, मंडुये के खेत मे भगतू ने हल लगा दिया है, भगतू की पत्नी रज्जू ने घने मंडुये की पौध को एक तरफ निकाल दी है। शाम को दूसरे खेत मे मंडुये की पौध

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छाँव

21 दिसम्बर 2022
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*छांव* ​ वर्क फ्रॉम होम होने के कारण अंकुर अपना व्यस्त शेडयूल में से कुछ समय परिवार के लिए निकाल लेता है। अंकुर ने सोचा कि चलो इस बार गॉव से माताजी और बाबू जी को साथ ले आता हॅू, कुछ दिन उनके छॉव

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दिखावा

14 मार्च 2023
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मदनलाल : अजी सुनती हो तुमने मेहमानों की लिस्ट बना दी है, मेरे ही अकेले 1000 से अधिक क्लाइंट और परिचित वकील है। उसी हिसाब से हम वेडिंग पवाइंट बुक करेंगे और मेन्यु का हिसाब करेंगे। शहर में स

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साझा घर

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विमल पूरे देश विदेश घूमने के बाद वह जब पहली बार अपने गाँव आया तो उसे लगा की उसने गाँव आने में देरी कर दी, उसका गांव अब सड़क से जुड़ चुका है, सभी सुविधाएं जो गाँव मे होंनी चाहिए वह है, दो दिन

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पैंछु ( उधार)  ( आँचलिक कहानी )

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हे जी ( उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र में बहु द्वारा ससुराल में अपने से बड़ो को बोले जाने वाला सम्मानित सम्बोधन) द्वी माण ( एक किलो) गहथ उधार दे दो। हमने बीज के लिए सुरक्षित स

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9 अप्रैल 2023
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अरे वो राजू देख पत्थर के नीचे अधजली बीड़ी का टुकड़ा और माचिस होगी, एक दो तीलिया कागज पर लपेट कर रखी हैं, जरा इधर तो पकड़ा, यह कहकर उसके दोस्त प्रदीप ने स्कूल का बस्ता एक किनारे रखा, और एक बड़े पत्थर

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वक्त की लाठी

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कल शाम को देर से लौटा तो श्रीमती जी ने कहा कि आपको फोन किया था कि सुबह नाश्ते और ऑफिस के लिए सब्जी ले आना, लाये हो तो इधर धोने के लिए रख दो। हमने कहा कि आज हम दूसरे रास्ते से आये है, इसलिए सब्जी नही ल

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अब क्या करू।

26 अप्रैल 2023
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घड़ी का एलॉर्म बजते ही अंकुर ने दो बार बंद किया और फिर सो गया, उधर सुनीता ने अपनी यथावत दिनचर्या के अनुसार घर का झाडू पोछा, और नाश्ता की तैयारी कर ली है । लॉकडाउन ने सुनीता को ज्यादा व्यस्त कर दिया है,

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और दोनों हॅस दिये (लघु कहानी)

25 मई 2023
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रोहित अपनी भाभी के साथ उनकी किसी रिश्तेदारी में शादी में गया था। वहॉ उसकी मुलाकात उसकी भाभी ने अपनी मौसेरी बहिन मेघा से करवायी। मेघा और रोहित एक दूसरे से मिले ही नहीं बल्की रात का डिनर भी साथ ही किय

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और दोनों हॅस दिये (लघु कहानी)

26 मई 2023
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रोहित अपनी भाभी के साथ उनकी किसी रिश्तेदारी में शादी में गया था। वहॉ उसकी मुलाकात उसकी भाभी ने अपनी मौसेरी बहिन मेघा से करवायी। मेघा और रोहित एक दूसरे से मिले ही नहीं बल्की रात का डिनर भी साथ ही किया

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बातूनी बिल्ली

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नोट: यह लेखक की कल्पना मात्र है। अक्सर एक बिल्ली हमारे घर के आस पास घूमती रहती है, कभी वह खिड़की से दीवार को फांदती है, कभी बाउंड्री में बैठकर मूछे मटकाती नजर आती है, बस सुबह शाम म्या

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नानी का घर

19 जून 2023
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बेटा बच्चों की गर्मियों की छुट्टियॉ हो जायेगी तो सब लोग आ जाना, यह सब बातें नंदिता अपने तीनों बेटियों और दोनों बेटों को कहती है। नंदिता और उनका पति देवेन्द्र अकेले घर में रहते हैं, उन्हें

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पैत्रिक भूमि का सौदा 

22 जुलाई 2023
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रमन के पिताजी बचपन में ही अपने चाचा जी के साथ मुंबई आ गये थे, उसके बाद वह मुबई के होकर रह गये। रमन ने जब भी गॉव जाने की बात कही तो उसके पिताजी हमेशा यह कहकर टाल देते कि वहॉ तो

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कमबख्त कम्बल

11 अगस्त 2023
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कमबख्त कम्बल ने रात भर सोने नही दिया,मैंने पूछा कि भाई परेशान क्यो हो, मुझे भी सोने दो। कम्बल ने कहा कि बस गर्मी क्या आ गयी तुम मुझे भूल ही गए हो। मैंने कहा नही दोस्त तुमको कैसे भूल

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अनमोल तोहफा

18 अगस्त 2023
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अविनाश ने जैसे ही फेसबुक खोला तो उसको नमिता की फ्रेंड रिक्वेस्ट आयी हुई थी, पहले तो गौर नही किया, सरसरी निगाह से अपडेट देखी और बन्द करके अपने ऑफिस के काम मे व्यस्त हो गया। शाम को जैसे ही फुर्सत

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बेल /लता

20 अगस्त 2023
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मैं एक बेल हूँ जो अक्सर पेड़ो पर लहराती हूँमैने बेल से पूछा कि तुम्हे कौन लपेटता है तुम्हारे हाथ तो है नही।तुम्हे रास्ता कौन बताता है तुम्हारे आंख तो है ही नही । तुम्हे कैसे पता कि तुमने जिसका सह

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मूल निवास

23 अगस्त 2023
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गज्जू 12वीं पास करने के बाद पंजाब अपने मामा के साथ नौकरी की तलाश में चला गया था, कुछ दिन तक घर में ही रहा उसके बाद वहीं उसको एक ढाबे में नौकरी मिल गयी। शुरू में ढाबे

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ओढ़

28 अक्टूबर 2023
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हल लगाते हुए भगतू के बैल ओढ को पार करते हुए दूसरे भाई जगतू के खेत में घुस गये, इतने में जगतू की पत्नी विमला ने यह सब देख लिया, और उसने बिना जाने ही गाली देनी शुरू कर दी। हल्ला और गाली सुनकर जगतू

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हिट एंड रन क़ानून

3 जनवरी 2024
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हाल ही में लोकसभा में पारित भारतीय दण्ड सिंहंता का नाम बदलकर भारतीय न्याय संहिता रखा गया है, जिसमें कुछ कानूनों के प्रावधान बदले गये हैं, जिसमें से एक कानून हिट एण्ड रन है। भारतीय दंड सहिंता के सैक्शन

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अहमियत

9 जनवरी 2024
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दीया ने अजय को फ़ोन कर कहा कि शाम को आते हुये सब्जी लेते आना, सुबह के लिये नाश्ते के लिये कुछ नही है, अजय ने इस सबका उत्तर हम्म करके दिया और फ़ोन काट दिया। अजय की ऑफिस से छुट्टी के बाद घर आत

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मानसिक पलायन

17 फरवरी 2024
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मानसिक पलायन गरीबी और लाचारी ने तो परिवार को पहले से ही दबा रखा था ,इधर भाईयों और 02 बहिनों की पढायी के बोझ को देखते हुए नौकरी करने सतीष 12 वीं के बाद अपने मामा के साथ म

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भिटोली

28 मार्च 2024
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भिटोली रोहित दो दिन की छुट्टी ले लो, रेनू ने टिपिन पैक करते हुए कहा, रोहित यार अभी तो मार्च फाईनल चल रहा है, और फिर महीने की शुरूवात में बॉस नये टारगेट दे देते

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बुढ़ापे कि पीड़ा

7 मई 2024
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ताजवर ने रात को सुबह 4 बजे का अलार्म लगाकर अपनी पत्नी रेणूका को कहा कि तुम भी अलार्म लगा दो कहीं मैं उसे यह कहकर बंद ना कर दूं कि 10 मिनट बाद उठ जाउॅगा। रेणूका ने भी अलार्म लगा दिया। ताजवर

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भंडारे का प्रसाद

11 जुलाई 2024
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शहर के व्यापार संगठन के अध्यक्ष किशन चंद जी के बेटे का चयन आईपीएस ऑफिसर के पद पर हो गया था। किशन चंद की पत्नी निर्मला देवी ने मंन्नत मॉगी थी कि यदि उनके बेटे का चयन हो जाता है तो वह मंदिर में ब

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भूतो का घर

14 अक्टूबर 2024
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रोशन अपने ऑफिस में लैपटॉप पर कम्पनी को मेल कर रहा था तब तक मोबाईल पर रिंग टोन बजी उसने स्पीकर खोला तो सामने गाँव के चाचा जी का फोन था। चाचाजी ने बताया कि उसके पिताजी का स्वास्थ्य ज्यादा खराब है,

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एक बार कह तो देते

17 अक्टूबर 2024
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सोनू का हाइस्कूल का आखिरी पेपर है, बहुत खुश है कि अब तो गर्मियों की छुट्टियों में मनाली मामा जी के यँहा घूमने जाना है, सारे दोस्तों में जाने का पूरा बखान कर आ गया, सोनू ने घर आकर अपनी माँ से मामा&nbsp

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राजधानी देहरादून की हृदयांगिनी रिस्पना नदी से साक्षात्कार

22 अक्टूबर 2024
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राजधानी देहरादून की हृदयांगिनी रिस्पना नदी से साक्षात्कार शाम का समय था, मैं रिस्पना पुल से अपने घर से जा रहा था, रिस्पना पुल के हरिद्वार जाते समय बायीं तरफ दे

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