रानी
बेटी लाडली बेटी
डॉ शोभा
भारद्वाज
भारतीय वायुसेना के पास फाईटर प्लेन उड़ाने वाली
दस महिला पायलेट हैं फाईटर प्लेन सुपरसोनिक जेट्स उड़ाना आसान नहीं है इन्हें कठिन ट्रेनिग से
गुजरना पड़ता है | बनारस की प्लाईट लेफ्टिनेंट शिवानी सिंह दुनिया के सर्वोत्तम
श्रेणी के फाईटर प्लेनों में से एक रफेल की पहली महिला पायलेट बनने वाली हैं. इससे पहले उन्हें मिग-21 .उड़ाया हैं | भूतपूर्व
राष्ट्रपति बराक ओबामा को गार्ड आफ आनर पहली बार पूजा ठाकुर ने दिया था 26 जनवरी
परेड में महिलाओं ने परेड में भाग लिया था उनके बूटों की धमक राजपथ पर गूंजी थी बीएसएफ
में महिला कांस्टेबलों की नियुक्ति की गयी है जो ‘नक्सलाईट प्रभावित क्षेत्रो में काम
करेंगी’ | हर
क्षेत्र में महिलाओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज की है . सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सेना में महिला अधिकारियों के लिए स्थायी कमीशन दिया गया है बेटियाँ नेवी आफिसर है मेरी स्वयं की
भतीजी पर मुझे गर्व है |तोलानी
शिपिंग में चुनी गयी लायक बच्ची को स्कालर शिप मिला बेस्ट शिप में उसका सिलेक्शन
हुआ .आज के माता पिता बेटी के जन्म पर खुश होते है उसका बेटे के समान स्वागत करते
हैं| लड़कियों के लिए हर कैरियर सम्भव है .अब यदि एक घर में दो बेटियाँ हैं अधिकतर
माता पिता बेटे की चाह के बजाय अपनी बेटियों को प्यार से पालते हैं उनकी मर्जी का
कैरियर चुनने एवं तरक्की का पूरा अवसर देते हैं उन पर गर्व करते हैं .बेटियाँ अपने
माता पिता के लिए दर्द रखती हैं उनका ध्यान रखती हैं माता या पिता की मृत्यू के
बाद उनकी शव यात्रा में आंसू बहाती बेटी अलग से पहचानी जा सकती है .बेटी अपनी माँ
की सच्ची दोस्त होती है |
लेकिन
जब किसी बच्ची के साथ अप्रिय घटना घटित होती है पीड़ा
होती है’ हमारी न्याय व्यवस्था की सुस्त चाल
दुखी कर देती हैं | निर्भया के अपराधियों को सात साल बाद फांसी की सजा हुई थी | मैने एक उच्च शिक्षित माँ को गर्भावस्था में कहते
सुना मैं चाहती हूँ मेरे बेटी हो मैं उसे बहुत प्यार से पालूंगी चाहूँगी मेरी बेटी
मुझसे भी आगे कैरियर बनाये हम अपनी बेटी के नाम से
जाने जाएँ लेकिन रोज बच्चियों के साथ होने वाले अपराधों के समाचार सुन कर मैं कभी
चैन से सो नहीं पाउगी | जब तक वह ‘मेरे पेट में है’ सुरक्षित है उसके बाद किस –किस से बचाऊँगी घर में हम उसकी रक्षा कर लेंगे रिश्तेदारों की कुदृष्टि से
बचा लेंगे परन्तु स्कूल तो भेजूंगी महंगे से महंगे स्कूल में क्या स्कूल कैब या बस
में बच्ची सुरक्षित हैं ?
रोज हम
उसे खुद छोड़ने जायेंगे ले भी आयेंगे पर स्कूल में कैसे बचेगी स्कूल परिसर में नन्ही
बच्चियाँ शिकार हो जाती हैं | अब तो लड़के भी सुरक्षित नहीं हैं बच्ची को हवस का
शिकार बनाना और फिर गला घोट कर मार देना कितना आसान है उसमें जान ही कितनी होती है
और कितनी समझ | सब खतरों से बच गई बड़ी हो गई कालेज भी जाने लगी आसमान की उचाईयों
को छूने के सपने देखने लगी क्या पता उसके सहपाठी को उससे इक तरफा प्रेम हो जाये
एसिड खुले आम मिलता है जितना चाहे खरीद लो किसी पर भी डाल कर उसका रूप रंग तबाह कर
दो जीते जी मार दो, कानून क्या सजा देगा ?
बेटी का
किसी सहपाठी से मन मिल जाये उससे प्रेम हो गया उसके साथ जीवन बिताने के सपने देखने
लगे | यदि वह गलत निकल गया वीडियो बना कर उसे ब्लैक मेल नहीं करेगा , उसे आत्महत्या के लिए मजबूर नहीं करेगा ?
काश संसद एक मजबूत कानून और महिला सुरक्षा के लिये सख्त कदम उठाने के लिए कानून बनाये | क्या नन्हीं सी शिशु से अपराध करने पर कभी – कभी बच्ची का गला दबा कूड़े की तरह फेक वालों के अपराध पर जज साहब नें आज कल कितनों को फांसी की सजा दी है | पूरे देश में निर्भया केस में कोहराम मचा क्या अपराधियों को तुरंत फांसी की सजा नहीं मिलनी चाहिए थी ?अपराधियों के बचाव के लिए अनेक कानून हैं फांसी की सजा का विरोध करने मानवाधिकार वादी आ जाते हैं ,फांसी मिली बहुत संघर्ष के बाद हाँ हैदराबाद में अपराधियों को पुलिस ने एनकाउनटर में मार दिया जनता ने पुलिस पर फूल बरसाए थे पुलिस को सही ठहराया था | कुकर्मी की नजर में गरीब की बच्ची और अमीर की बच्ची सब एक हैं बस जरा सा अवसर मिलना चाहिए | बेटी विधाता की अनमोल देन है |बेटियां अपने को श्रेष्ट सिद्ध करने के लिए क्या नहीं करती अपने कैरियर के लिए जान मारती हैं हर क्षेत्र में मर्दों से टक्कर लेने का प्रयत्न करती है परन्तु “उस प्राणी का क्या करें जिसकी उन पर कुद्रष्टि पड़ जाती है |
आज
जरूरत है कानून के पालन की जल्दी सजा के प्रावधान की कठोरतम दंड व्यवस्था की
बच्चियों को मजबूत बनाने की .माता पिता को भी अपने बच्चों को अच्छे संस्कार देने
चाहिए कभी अपराधी सन्तान का साथ नहीं देना चाहिए |