shabd-logo

क्या हुआ... तेरा वादा... (भाग 19)

27 अक्टूबर 2021

31 बार देखा गया 31
गौरी बाहर बैठी हुई थी| अंदर डॉक्टर सीमा जी को चेक कर रहे थे| बडी बदकिस्मती की बात थी कि जिस हॉस्पीटल मे सीमा जी काम करती थी| आज उसी हॉस्पीटल मे उन्हे इतनी बूरी हालत मे लाया गया था| सारा हॉस्पीटल आज सुन्न था| सबकी प्यारी डॉक्टर सीमा मृत्यु शय्या पर थी|


रुद्र भागते भागते हॉस्पीटल पहुंचा| उसके पीछे पीछे शालिनी जी और विवेक जी भी थे|


शालिनी जी और विवेक जी को देखते ही गौरी उनसे लिपटकर खूब रोयी| उसकी ये हालत देखकर सब रोने लगे|


इससे पहले कि रुद्र गौरी से कुछ पूछे डॉक्टर बाहर आये|


उनके आते ही गौरी भागकर उनके पास गई| सीमा जी के कलिग होने की वजह से गौरी उन्हे जानती थी|

"अंकल! अंकल मेरी ममा कैसी है? बताइये ना! वो ठीक तो है ना? बताइये ना अंकल! आप चूप क्यो है?" गौरी उनसे लगातार पूछ रही थी| पर वो गर्दन झुकाये खडे थे|



फिर विवेक जी ने खुद उनसे पूछा| उनके पूछने पर डॉक्टर ने बस गर्दन नीचे झूका कर ना मे हिला दी|

ये देखकर सब सुन्न रह गए|


"इसका क्या मतलब है अंकल? आप कहना क्या चाहते हैं? आप ठीक से बताइये मुझे! बताइये ना!" गौरी चिल्ला चिल्लाकर पूछ रही थी|

रुद्र उसे संभालने गया पर उसने रुद्र का भी हाथ झटक दिया|


"सीमा जी! सीमा जी अब हमारे बीच नही रही| यहा लाने से पहले ही उनकी मौत हो गई थी| आय एम सॉरी!" ये कहते हुए उनकी भी आँखे नम हो गई|


ये सुनते ही गौरी सुन्न हो गई|


"क्या? आपको पता भी है आप क्या कह रहे हो? ऐसा कभी नही हो सकता! समझे आप?" गौरी उनपर भडक कर बोली और सीधे आय सी यू मे चली गई|


बेड पर सीमा जी का बेजान शरीर पडा हुआ था|
हॉस्पीटल का सारा स्टाफ गम मे डूबा नजर आ रहा था| उनके पास खडी नर्सेस तक रो रही थी क्योंकि सीमा जी सबसे बहुत प्यार से व्यवहार करती थी|


गौरी अंदर गई| वो सीधे सीमा जी के पास गई|
उसके पीछे पीछे सब लोग अंदर आ गए|


सीमा जी का बेजान शरीर देखकर उसे बहुत बडा सदमा लगा| उसके पैर अपने आप पीछे जाने लगे| वो दीवार से टकरा कर नीचे बैठ गई|


रुद्र तो सीमा जी का हाथ पकड़कर बहुत फूँटफूँटकर रो रहा था|

विवेक जी और शालिनी जी भी रो रहे थे|

पर गौरी के आँखों से एक आँसू तक नही निकला| वो बस चूप हो गई थी|



















सीमा जी को घर पर लाया गया| श्रेया भी वहा गौरी के साथ मौजूद थी|
गौरी सीमा जी के पार्थिव शरीर के पास बैठी थी| पर वो जरा भी रो नही रही थी|

"ममा! देखो ना! आपने बोला था ना कि सफेद रंग मुझपर बहुत अच्छा लगता है? देखिये ना! मैने सफेद सूट पहना है| एक बार तो देख लिजीये| बात किजीये ना मुझसे! ऐसी भी क्या नाराजगी कि आप मुझसे बात ही नहीं कर रही?" गौरी सीमा जी के चेहरे पर हाथ फेरते हुए कह रही थी|

उसे इस हालत मे देखकर सब अपने आँसू नही रोक पा रहे थे|


"गौरी! ये तुम क्या कर रही हो? सीमा आंटी अब वापिस नही आयेंगी! वो हम सब से बहुत दूर जा चुकी है| रो लो गौरी! रोकर अपना सारा दुख बाहर निकाल दो|" श्रेया गौरी को समझा रही थी|


"शट अप श्रेया! तुम्हे पता भी है तुम क्या कह रही हो? ममा मुझे कभी छोडकर नही जा सकती| उन्होने वादा किया था कि वो मुझे कभी अकेला छोडकर नही जायेंगी|"  गौरी ने जरा उँची आवाज मे ही कहा|


गौरी की बाते सुनकर सभी को बहुत बुरा लग रहा था| शालिनी जी और विवेक जी भी उसे समझाने की कोशिश कर रहे थे पर गौरी थी कि मानने को तैयार ही नही थी| वो लगातार सीमा जी के पार्थिव शरीर के उठाने कि कोशिश कर रही थी|


रुद्र तो गौरी को देखकर बहुत उदास था| वो गौरी को इस हाल मे कतई नही देख सकता था इसलिए उसने गौरी से मुह मोड लिया और रोते हुए बाहर जाने लगा| पर उसे सामने से सिद्धार्थ आता दिखाई पडा| उसने सिद्धार्थ को रोक लिया|


"तुम? तुम यहा क्या कर रहे हो? चले जाओ यहा से!" रुद्र को सिद्धार्थ का वहा आना जरा भी पसंद नही आया था|


"मै यहा गौरी के लिए आया हू! उसे मेरी जरुरत है!" सिद्धार्थ ने बेझिझक कह दिया|


"उसे तुम्हारी कोई जरूरत नही है| यहा बहुत लोग हैं उसे संभालने के लिए! तुम उससे दूर ही रहना!" रुद्र सिद्धार्थ से गुस्से मे कह रहा था|

"देखो मैै इस वक्त यहा कोई झगडा नही करना चाहता| इसलिए बेहतर होगा कि तुम मेरे रास्ते से हट जाओ|" अब सिद्धार्थ ने भी गुस्से में ही कहा|



"सिद्धार्थ! सिद्धार्थ आप आ गए? आप मेरे साथ आईये!" गौरी भागकर सिद्धार्थ के पास आयी और उसका हाथ पकडकर खिंच कर उसे सीमा जी के पार्थिव के पास ले गई|


गौरी खुद सिद्धार्थ को अंदर ले गयी इसकी वजह से रुद्र सिद्धार्थ को रुक नही पाया|



गौरी सीमा जी के पास बैठ गई|

"देखिये ना सिद्धार्थ! ये सब लोग क्या कह रहे हैं! मै कबसे सब को समझाने का कोशिश कर रही हू कि ममा सो रही हैपर देखिये ना कोई मानने को ही तैयार नही|

 ये ममा भी ना! पता नहीं किस बात पर नाराज है मुझसे? कब से उठाने की कोशिश कर रही हू पर उठ ही नहीं रही|अब आप ही समझाइये इन्हे! कहिये ना कि ये उठ जाये!" गौरी की बाते सुनकर सिद्धार्थ भी सुन्न हो गया|

असल मे सीमा जी की मौत का जिम्मेदार तो वो ही था| पर झूठा रोने का नाटक करने लगा|


"खुदको संभालो गौरी! सीमा आंटी अब इस दुनिया मे नही है| वो अब कभी नही उठेंगी|" सिद्धार्थ मगरमच्छ के आँसू बहाने लगा|
उसकी बात सुनकर गौरी कुछ देर के चूप हो गई| सबको लगा जैसे सिद्धार्थ उसे समझाने मे सफल हो गया|

पर कुछ ही देर मे गौरी बोल पडी, " टआप भी सब की तरह पागल हो गए हो सिद्धार्थ! मुझे तो आपसे बात ही नही करनी!" गौरीने सिद्धार्थ से मुह मोड लिया और फिर से सीमा जी को उठाने लगी|

ये देखकर शालिनी जी उठी और रुद्र के पास आयी|

"रुद्र ये सब ठीक नही है| गौरी ये मानने को तैयार ही नही है कि सीमा जी.......
और माने भी कैसे बेचारी! अब तक हम सब भी ये एक्सेप्ट नही कर पा रहे| तुम जाकर उसे समझाओ बेटा| मुझे लग रहा था की शायद वो सिद्धार्थ की बात मान लेगी पर...... अब आपको ही कुछ करना होगा वरना ये सब गौरी के लिए ठीक नहीं है| हमे कुछ तो करना होगा रुद्र!" शालिनी जी उसे समझा रही थी|



"माँ आप चिंता मत किजीए| मै जानता हूँ मुझे क्या करना है!" इतना कहकर वो गौरी के पास गया%

वो उसके पास जाकर बैठ गया| रुद्र को देखते ही गौरी उसके करीब आयी|


" रुद्र! रुद्र  देखिये ना! ममा मुझसे बात नही करती| ऐसी भी क्या बेरुखी कि मेरा तरफ देख भी नहीं रही?
आप... आपकी तो ये सारी बाते मानती है ना! तो प्लीज आप समझाइये ना ममा को! बोलिये ना इन्हे की ये मुझसे बात करे! मै बहुत अकेली हो गई हू|" गौरी रुद्र की तरफ बहुत उम्मीद से देख रही थी|

"ममा! ममा देखो! रुद्र आये है आपसे मिलने! एक बार तो देख लिजीये!" गौरी सीमा जी को कह रही थी|

"गौरी! गौरी मेरी बात सुनो! 
गौरी!" रुद्र गौरी को रोक रहा था| पर वो थी कि मानने को तैयार नहीं थी|


"गौरी!!!! " रुद्र गौरी की बाहे पकडकर उसकी आँखों में आखे डालकर जोर से चिल्लाया|

उसकी आवाज सुनकर गौरी चूप हो गई और उसकी आँखो मे देखने लगी|


"बंद करो ये सब गौरी! बंद करो ये बचपना! क्या मिल रहा है तुम्हे ये सब करके? ये सब करने से कुछ नहीं होने वाला! तकलीफ तुम्हे ही होगी गौरी|" रुद्र लगभग चिल्लाकर ही बोला|
गौरी चूप होकर लगातार उसकी आँखों मे देख रही थी|

"सच्चाई का सामना करो गौरी! मै जानता हूँ तुम बहुत तकलीफ मे हो| मै समझ सकता हूँ कि तुमने क्या खोया है| पर सच्चाई यही है गौरी! अब तुम्हारी ममा इस दुनिया में नहीं है| वो अब कभी नही लौटेंगी| उन्हें विदा करो गौरी| तुम्हें इस तरह देखकर उनकी आत्मा को बहुत तकलीफ हो रही होंगी| तुम्हें इस तरह देखकर वो मुक्त नही हो पायेंगी| क्या तुम चाहती हो की उन्हे मुक्ति ना मिले? तो रो लो गौरी! सच्चाई का सामना करो और सीमा आंटी को विदा करो!" गौरी ये सब सुन्न होकर गौर से सुन रही थी|

उसकी आँखों से एक आँसू छलककर नीचे गिरा|

ये देखते ही रुद्र ने उसे छोड दिया|
गौरी सीमा जी के पार्थिव के पास गई और बहुत जोर जोर से रोने लगी| उसका आक्रोश सुनकर सब लोग नि:शब्द हो गए|


गौरी उनके पार्थिव से लिपटकर बहुत रोयी| 

सिद्धार्थ को रुद्र पर बहुत गुस्सा आया|



गौरी को रोता देख रुद्र भी अपने आँसू नही रोक पाया|

कुछ ही देर मे सीमा जी का पार्थिव अंतिम संस्कार के लिए लाया गया|

गौरी ने ही सीमा जी को अग्नि दी| रुद्र गौरी के पास ही था|इससे पहले कि रुद्र गौरी को सहारा दे सिद्धार्थ गौरी के पास जाकर खडा हो गया| गौरी उससे लिपटकर बहुत रोयी|


वो वक्त गुस्सा करने का नही था इसलिए रुद्र शांत रहा|












सिद्धार्थ गौरी के साथ ही था पर तभी सिद्धार्थ को रहीम का फोन आया| पर वो फोन पर कह रहा था कि कितना ही जरूरी काम क्यो ना हो वो नही आ पायेगा| उसकी ये बात गौरी ने सुन ली|

दरअसल किसी जरूरी काम से सिद्धार्थ को पुणे जाना था| पर वो गौरी को छोडकर जाना नही चाहता था पर गौरी ने उसे समझाया| उसे रोका नही| वो बहुत समझदार लडकी थी| उसके समझाने पर वो उससे विदा लेके चला गया|

सिद्धार्थ के जाने के बाद गौरी कबसे सीमा जी के कमरे मे बैठकर रो रही थी| वो उनके कमरे की हर चीज को हाथ लगाकर उन्हें महसूस करने की कोशिश कर रही थी| तभी उसे सीमा जी की डायरी मिली|
(ये वही डायरी थी जिसमे सिद्धार्थ ने सीमा जी को धक्का देने के बाद कुछ लिख दिया था|)

गौरी ने डायरी पढने लगी| उसमे सीमा जी ने कई बाते लिखकर रखी थी और हर पन्ने पर गौरी का ही ज़िक्र था|वो सब पढकर गौरी को और भी रोना आने लगा|
जब वो आखरी पन्ने पर पहुंची|

उस पन्ने पर जो लिखा था वो सब पढकर वो दंग रह गयी उसकी आँखों से आँसू बहने लगे|


तभी वहा श्रेया और रुद्र आये| गौरी का उनपर जरा भी ध्यान नही था|

वो दोनो गौरी के पास गए| श्रेया ने जैसे ही उसके कंधे पर हाथ रखा वो होश मे आयी| उसने पीछे मुडकर देखा तो वो दोनो थे| उन्हे देखकर गौरी ने श्रेया को कसके गले लगा लिया और रोने लगी|

उन दोनो को समझ नही आ रहा था कि गौरी अचानक ऐसे क्यो रो रही है| वो दोनो उससे पुछ भी रहे थे पर गौरी बस रोये जा रही थी| उस बीच उसके हाथ से वो डायरी गिर गई|


रुद्र का उसपर ध्यान था|

उसने वो डायरी उठायी और जब उसने उसमे लिखी बाते पढी तो उसके पैरो तले जमीन खिसक गई| वो सुन्न रह गया|



'मै बहुत परेशान हू गौरी को लेकर! सिद्धार्थ मुझे बहुत पसंद है पर पता नही आजकल वो गौरी के साथ इस तरह क्यो पेश आ रहा है? पर मै जानती हूँ कि वो गौरी से बहुत प्यार करता है| मै चाहती हू की जल्द से जल्द उन दोनो के बीच की सारी दुरिया खत्म हो जाये और ऐसा होने के तुरंत बाद ही मै उन दोनो की शादी करवा दूंगी|

मै बस हमेशा मेरी गौरी को खुश देखना चाहती हू और मै जानती हूँ की सिद्धार्थ गौरी को बहुत खुश रखेगा|
यही मेरी ख्वाहिश है|'


ये सब सीमा जी कि डायरी के आखरी पन्ने पर लिखा हुआ था|



रुद्र को तो अपनी आँखों पर विश्वास ही नहीं हो रहा था|
उसी पल उसे लगने लगा की कोई ना कोई गडबड तो जरूर है पर गौरी की हालत देखकर रुद्र चूप ही रहा|





गौरी को शांत कराने के बाद रुद्र ने ये बात विवेक जी शालिनी जी और श्रेया से डिस्कस की| उसे लग रहा था की कुछ तो गडबड जरूर चल रही है| जो सीमा जी सिद्धार्थ की सच्चाई गौरी के सामने उजागर करके उसे गौरी से दूर करने वाली थीं वो ऐसा कैसे लिख सकती है!हालाकि उसने सिद्धार्थ के शादीशुदा होने की बात उन्हें अब तक नहीं बतायी थी| क्योंकि ये सही समय नहीं था| पर विवेक जी और शालिनी जी ने रुद्र को साफ तौर पर कह दिया की अगर ये सीमा जी की आखरी इच्छा है तो वो लोग खुद गौरी और सिद्धार्थ की शादी करायेंगे|



पर विवेक और शालिनी जी ने उसे समझाया की शायद बाद मे सीमा जी को ऐसा लगा हो कि गौरी सिद्धार्थ से प्यार करती है और उन दोनों को दूर नही करना चाहिए| उन्होने रुद्र को बहुत समझाया कि वो सिद्धार्थ पर शक ना करे पर रुद्र का मन मानने को तैयार ही नही था| 


उसी वक्त शालिनी जी और विवेक जी ने तय किया की वो दोनो गौरी को अपने साथ अपने घर लेके जायेंगे क्योंकि उसे इस हालत मे वहा अकेले छोडना उन्हे सही नही लग रहा था| इस बात से रुद्र को कोई परहेज नही था|


इस लिए वो सब लोग गौरी को मनाने पहुंचे पर गौरी उनके साथ नही जाना चाहती थी| वो चाहती थी कि वो सीमा जी की यादो के साथ उसी घर मे रहे पर विवेक जी और शालिनी जी के बहुत समझाने पर वो मान गई| 








कुछ देर बाद..... 


विवेक जी और शालिनी जी रुद्र के साथ गौरी का हॉल मे इंतजार कर रहे थे|
तब श्रेया गौरी के साथ सामान लेकर कमरे से बाहर आयी|
तभी अचानक गैलरी मे रखे टेबल को गौरी का धक्का लगा और उसपर रखा कैमरा नीचे गिर गया|


आवाज सुनकर सब लोग उपर आये|
जब रुद्र ने वो देखा,
"ये कैमरा सीमा आंटी ने गौरी के लिए लिया था उसके जन्मदिन पर उसे तोहफा देने के लिए!" रुद्र की बात सुनते ही गौरी ने वो कैमरा उठाया और सीने से लगा लिया|
नीचे गिरने की वजह से वो बंद पड गया था|


"लगता है नीचे गिरने की वजह से ये बंद पड गया है| कोई बात नहीं हम इसे ठीक करा लेंगे|" विवेक जी ने गौरी का मन रखने के लिए कहा|

पर गौरी का मन कहा मानने वाला था|
वो उस कैमरे को पकडकर बहुत रोने लगी|

पर रुद्र उसे समझा बूझाकर अपने साथ ले गया|









सिंघानिया मँशन मे जाने के बाद भी गौरी अपने कमरे से बाहर नही निकली|

उसने खाना भी नही खाया|

सबने उसे बहुत समझाया पर वो नही मानी| जब ये बात विवेक जी को पता चली तो वो खुद खाना लेकर गौरी के पास गए| रुद्र और शालिनी जी भी उनके पीछे आ रहे थे पर उन्होने उन्हे दरवाजे पर ही रोक दिया|


वो जब अंदर गए तो गौरी बेड पर ही एकदम गुमसुम बैठी थी|
उन्होने खाने की थाली साइड मे रख दी और गौरी के सिर पर हाथ रखा| उससे गौरी होश मे आयी|


"अंकल आप?" 

विवेक : क्या मै यहा बैठ सकता हूँ?

गौरी :  अंकल आप मुझे शर्मिंदा कर रहे हो!

विवेक जी गौरी के पास बैठ गए|

विवेक : मैने सुना है कि कल से आपने कुछ भी नहीं खाया? 

गौरी ने ये सुनते ही गर्दन नीचे झूका ली|


विवेक : देखिये बेटा! अब जो होना था वो तो हो गया है| पर इस सब का सामना आपको करना ही होगा| कम से कम अपने लिये ना सही पर सीमा जी के लिए तो खाना खा लिजीये| जरा सोचिये की वो जहा भी होगी आपको देखकर इस वक्त उन्हे कितनी तकलीफ हो रही होगी| हम सब आपको सीमा जी का प्यार तो नही दे सकते पर वादा करते हैं कि उनसे कम भी नही होने देंगे| अब आपको उनकी इच्छाये पूरी करनी है और मै वादा करता हूँ उनकी हर अधुरी ख्वाहिश हम सब मिलकर पूरी करेंगे|


ये सुनकर गौरी की आँखो से आंसू छलक पडे|
पर रुद्र का दिल पूरी तरह टूट गया|

ये देखते ही विवेक जी झट् से उठे और गौरी के आँसू पोछे|


"नही! नही! नही बेटा! आप जानते हो ना कि हमेशा से हमने आपको रुद्र से भी बढकर माना है| तो आपकी आँखो मे आँसू देखकर हमारे दिल पे क्या बितती होगी? 
इसलिए अब से रोना नही! अपनी सारी तकलीफे दुख हमपर छोड दो बस्स!" गौरी को सीने से लगाकर को वो कहने लगे|

"बस्स अब बहुत हो गया रोना धोना! अब जल्दी से खाना खाते है|" वो उठे और खाने की थाली लेकर आये| उन्होने एक निवाला उठाया और गौरी को खिलाने लगे पर गौरी ने मना कर दिया|


"अपने पापा की इतनी सी बात भी नही मानोगी?" विवेक जी ने उससे पूछा| उनके इस सवाल मे बहुत ज्यादा प्यार थ


इसलिए गौरी ने खाना खा लिया| विवेक जी ने उसे खाना खिला दिया| उन्हें इस तरह देखकर शालिनी जी और रुद्र भी अंदर आ गए| शालिनी और विवेक जी ने गौरी और रुद्र दोनों को अपने सीने से लगा लिया|
गौरी ने माँ तो खो दी पर पूरा परिवार पा लिया था|


रुद्र भी ये सब देखकर गौरी के लिए बहुत खुश था|
पर उसने ठान लिया था कि वो सिद्धार्थ को गौरी की जिंदगी से खेलने नही देगा|


इसलिए उसी रात उसने श्रेया के साथ मिलकर प्लैन बनाया|






गौरी को इस सदमे से निकलने मे बहुत वक्त लग गया| इस दौरान सिद्धार्थ भी गौरी से फोन पर टच मे था और जल्द ही काम खत्म करके गौरी के पास लौटने वाला था|


दुख से उभरने के लिए गौरी ने ऑफिस जॉइन कर लिया|श्रेया भी गौरी से मिलने आया करती थी| सिंघानिया परिवार गौरी का पूरी तरह से खयाल रख रहा था|



जैसे ही गौरी थोडा नॉर्मल हुई| विवेक और शालिनी जी ने तय कर लिया कि जैसे ही सिद्धार्थ वापिस लौटेगा वो गौरी से पूछकर उनकी शादी की तैयारीयाँ शुरु कर देंगे|
रुद्र को भी ये बात पता थी इसलिए रुद्र जल्द से जल्द सबूत खोजने मे जूट गया|

Jyoti

Jyoti

Acha bhaag

7 दिसम्बर 2021

41
रचनाएँ
क्या हुआ... तेरा वादा...
5.0
ये कहानी है रुद्र और गौरी की.....जो दोनो पिछले जनम मे एक ना हो सके............ क्या इस जनम मे हो पायेंगे......... ??
1

क्या हुआ... तेरा वादा.. (भाग 1)

7 अक्टूबर 2021
13
6
6

<div>कहानी के सारे अधिकार लेखिका के अधीन है..... </div><div><br></div><div><br></div><div><br><

2

क्या हुआ... तेरा वादा... (भाग 2)

8 अक्टूबर 2021
3
5
3

<div><br></div><div><br></div><div>कबसे दरवाजे की बेल बज रही थी.........</div><div><br></div><div>"ह

3

क्या हुआ... तेरा वादा... (भाग 3)

10 अक्टूबर 2021
4
5
2

<div> &nbs

4

क्या हुआ... तेरा वादा... (भाग 4)

11 अक्टूबर 2021
3
3
2

<div>तीन दिन बाद रुद्र को घर लाया गया |</div><div>तीन दिन तक विवेक जी ऑफिस भी नहीं गए थे|</div><div>

5

क्या हुआ... तेरा वादा... (भाग 5)

13 अक्टूबर 2021
2
2
2

<div>पार्टी मे रुद्र का पूरा ध्यान गौरी पर था| वो बहुत ज्यादा खुश था की आखिरकार उसे वो लडकी मिल ही ग

6

क्या हुआ... तेरा वादा... (भाग 6)

14 अक्टूबर 2021
4
3
2

<div>आज रुद्र ऑफिस जा रहा था| विवेक जी और रुद्र दोनों गाडी से उतरे और ऑफिस के अंदर गए| </div><d

7

क्या हुआ... तेरा वादा... (भाग 7)

15 अक्टूबर 2021
2
3
2

<div>रुद्र को अब कुछ भी करके वह माला ढूँढ कर गौरी तक पहुंचानी थी|</div><div>जब रुद्र उस जगह पहुंचा त

8

क्या हुआ... तेरा वादा...(भाग 8)

16 अक्टूबर 2021
2
2
2

<div>गौरी ने एक जगह पर गाडी रोकी|</div><div><br></div><div>"आ गयी हमारी मंजिल| आइये|" गौरी ने एक्साइ

9

क्या हुआ... तेरा वादा... (भाग 9)

17 अक्टूबर 2021
2
2
2

<div><br></div><div><br></div><div><br></div><div>गौरी : सिद्धार्थ? आप?</div><div>गौरी बहुत ज्यादा च

10

क्या हुआ... तेरा वादा... (भाग 10)

18 अक्टूबर 2021
4
3
2

<div>गौरी ने कई बार रुद्र को फोन लगाया पर उसने फोन रिसिव्ह नही किया|</div><div><br></div><div>ऑफिस म

11

क्या हुआ... तेरा वादा... (भाग 11)

19 अक्टूबर 2021
3
3
2

<div>गौरी की तबियत ठीक होने मे 1-2 दिन लग गए|</div><div><br></div><div>सब उसकी तबियत पर पूरा ध्यान द

12

क्या हुआ... तेरा वादा...(भाग 12)

20 अक्टूबर 2021
4
2
2

<div><br></div><div>2 - 3 दिन तक गौरी ने सिद्धार्थ से बात ही नहीं की| सिद्धार्थ उसे मनाने की क

13

क्या हुआ... तेरा वादा... (भाग 13)

21 अक्टूबर 2021
2
2
2

<div><br></div><div><br></div><div><br></div><div><br></div><div><br></div><div>सुबह सुबह गाव के कुछ

14

क्या हुआ... तेरा वादा... (भाग 14)

22 अक्टूबर 2021
2
2
2

<div><br></div><div><br></div><div><br></div><div>रुद्र को होश आया| रुद्र के आँखे खोलते ही सारे गाव

15

क्या हुआ... तेरा वादा... (भाग 15)

23 अक्टूबर 2021
2
2
1

<div>विकास तेजी से कल्याणी की तरफ बढ रहा था|</div><div><br></div><div>कल्याणी ने बहुत कोशिश की वहा स

16

क्या हुआ... तेरा वादा... (भाग 16)

24 अक्टूबर 2021
2
2
2

<div><br></div><div><br></div><div><br></div><div><br></div><div><br></div><div>अविनाश और कल्याणी को

17

क्या हुआ... तेरा वादा... (भाग 17)

25 अक्टूबर 2021
3
2
2

<div><br></div><div><br></div><div><br></div><div><br></div><div><br></div><div>"रुद्र!" गौरी जोर से

18

क्या हुआ... तेरा वादा...(भाग 18)

26 अक्टूबर 2021
3
2
3

<div>सिद्धार्थ गौरी के घर से अपना सामान लेकर हॉटेल चला गया था| वो अपनी गाडी शुरू करने ही वाला था की

19

क्या हुआ... तेरा वादा... (भाग 19)

27 अक्टूबर 2021
3
2
2

<div>गौरी बाहर बैठी हुई थी| अंदर डॉक्टर सीमा जी को चेक कर रहे थे| बडी बदकिस्मती की बात थी कि जिस हॉस

20

क्या हुआ... तेरा वादा... (भाग 20)

28 अक्टूबर 2021
3
2
3

<div>देखते देखते कई दिन गुजर गए| अब गौरी भी नॉर्मल होने लगी थी और सिद्धार्थ भी लौट आया था|</div><div

21

क्या हुआ... तेरा वादा... (भाग 21)

29 अक्टूबर 2021
3
0
1

<div>शालिनी जी और विवेक जी ने अपने निस्वार्थ प्यार से और रुद्र ने अपनी दोस्ती से गौरी कि जिंदगी फिर

22

क्या हुआ... तेरा वादा... (भाग 22)

30 अक्टूबर 2021
2
1
2

<div>जब रुद्र जागा तो वो वही जमीन पर सोया हुआ था| शायद टेंशन में उसे वही नींद आ गई थी|</div><div>बाह

23

क्या हुआ... तेरा वादा... (भाग 23)

31 अक्टूबर 2021
2
2
2

<div><br></div><div><br></div><div><br></div><div><br></div><div>स्वामीजी को देखते ही दोनो ने उनके च

24

क्या हुआ... तेरा वादा... (भाग 24)

1 नवम्बर 2021
2
2
2

<div>सेनापति वीरभद्र युवराज्ञी भैरवी के पीछे उन्हें ढुंढने निकल पडे पर जंगल बहुत घना था| उन्हें समझ

25

क्या हुआ... तेरा वादा...(भाग 25)

2 नवम्बर 2021
2
2
2

<div>महल के कुछ बाहर बहुत ही भव्य प्रवेशद्वार था जिसपर सदा कुछ सैनिक तैनात रहते थे|</div><div><br></

26

क्या हुआ... तेरा वादा... (भाग 26)

3 नवम्बर 2021
3
3
2

<div>प्रजागण भैरवी को लेकर अपने गाँव पहुंचे| भैरवी को देखते ही सारे गाँव वाले बाहर निकल आये|</div><d

27

क्या हुआ... तेरा वादा... (भाग 27)

4 नवम्बर 2021
2
2
2

<div><br></div><div><br></div><div><br></div><div><br></div><div><br></div><div><br></div><div>"आप ज

28

क्या हुआ... तेरा वादा... (भाग 28)

5 नवम्बर 2021
2
2
2

<div>आज महल मे हर ओर शहनाई की गूँज थी| सारा राज्य ख़ुशी से झूम रहा था| आज बहुत ही शुभ दिन था| आज खुश

29

क्या हुआ... तेरा वादा... (भाग 29)

6 नवम्बर 2021
2
2
2

<div>गर्भग्रह मे खडे हर शख्स की आँख नम थी| विवेक जी और शालिनी जी तो सुन्न हो गए थे|</div><div>गुरूजी

30

क्या हुआ... तेरा वादा... (भाग 29)

6 नवम्बर 2021
2
1
1

<div>गर्भग्रह मे खडे हर शख्स की आँख नम थी| विवेक जी और शालिनी जी तो सुन्न हो गए थे|</div><div>गुरूजी

31

क्या हुआ... तेरा वादा... (भाग 30)

7 नवम्बर 2021
2
2
2

<div>सिंघानिया मँशन मे पार्टी की शानदार तैयारीयाँ की गई थी|</div><div>हर तरफ रौशनी, रंगबिरंगे फूल, र

32

क्या हुआ... तेरा वादा... (भाग 31)

8 नवम्बर 2021
2
2
2

<div><br></div><div><br></div><div><br></div><div><br></div><div>गौरी अपने कमरे मे देर रात तक कुछ का

33

क्या हुआ... तेरा वादा... (भाग 32)

9 नवम्बर 2021
2
2
2

<div><br></div><div><br></div><div><br></div><div>" आह्ह!!!" गौरी जमीन पर गिर पडी|</div><div><br></d

34

क्या हुआ... तेरा वादा... (भाग 33)

10 नवम्बर 2021
2
2
2

<div>सिंघानिया मँशन मे रुद्र और रिया की सगाई की तैयारीयाँ शुरू हो गई थी| रेवती तो बहुत ही खुश थी| रि

35

क्या हुआ... तेरा वादा... (भाग 34)

11 नवम्बर 2021
2
2
2

<div>आगे की कहानी 6 महीने बाद.... </div><div><br></div><div><br></div><div><br></div><div>बेताह

36

क्या हुआ... तेरा वादा... (भाग 35)

12 नवम्बर 2021
2
2
1

<div>रुद्र और गौरी अामने सामने थे|</div><div>दोनो के आँखो से लगातार आँसू छलक रहे थे|</div><div><br><

37

क्या हुआ... तेरा वादा... (भाग 36)

13 नवम्बर 2021
2
2
2

<div>सब लोग हॉल मे बैठकर शालिनी जी के हाथ का बना हलवा खा रहे थे|</div><div><br></div><div>"आप सब लोग

38

क्या हुआ... तेरा वादा... (भाग 37)

14 नवम्बर 2021
3
3
3

<div>एक सेवक रुद्र और रिया को लेकर महल के अंदर जा रहा था| जैसे जैसे रुद्र आगे बढ़ रहा था उसे सब बहुत

39

क्या हुआ... तेरा वादा... (भाग 38)

15 नवम्बर 2021
2
2
2

<div><br></div><div><br></div><div><br></div><div>रुद्र ने गौरी को नीचे गिरा दिया था| गौरी की कमर मे

40

क्या हुआ...तेरा वादा... (भाग 39)

16 नवम्बर 2021
3
3
2

<div>पूरे महल और पूरे राज्य मे युवराज्ञी के भव्य स्वयंवर की तैयारीया चल रही थी|</div><div><br></div>

41

क्या हुआ... तेरा वादा... (भाग 40)

17 नवम्बर 2021
3
2
2

<div><br></div><div>गौरी मलबे के नीचे दब गई थी |</div><div><br></div><div>बेहाल होकर पड़ा हुआ रुद्रा

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए