कभी कभी किस्मत महरबान हो जाती है और अच्छे काम का फल मिल ही जाता है। सहारनपुर जिले के रहने वाले राजवीर ने हाल ही में एक और नई टेक्सी खरीदी थी। एक दिन काम पर लेट हो गया और सुबह सुबह टाइम बचाने के लिए उसने टैक्सी को थोड़ी तेज चलाया। तभी उसने देखा कि सड़क किनारे लोगों की भीड़ जमी हुई है तो उसने टैक्सी को रोककर देखना चाहा ,उसने देखा कि एक खूबसूरत लड़की सड़क पर खून से लतपथ हैं और कोई उसकी मदद नहीं कर रहा है। आनन फानन में राजवीर ने लड़की को टैक्सी में बिठाया और अस्पताल लेकर चला गया।
अस्पताल पहुंचते ही राजीव ने डॉक्टर से निवेदन किया कि इस लड़की की जान बचा ले लेकिन डॉक्टर ने कहा कि खून बहुत ज्यादा बह गया है बचा पाना मुश्किल होगा। फिर डॉक्टर ने कहा कि इसे बचाने का एक ही उपाय है इस का ऑपरेशन करना होगा जिसका खर्च दो लाख होगा और साथ में तीन बोतल खून की भी जरूरत पड़ेगी। राजवीर यह सुनकर चौक गया कि अब मैं ₹200000 कहां लाऊंगा। सोचे समझे उस लड़की के लिए अपनी टैक्सी 2.5 लाख में बेचकर उसका ऑपरेशन करवाया ,जब वह अपने कॉलेज से आ रही थी तभी उसके साथ यह हादसा हो गया पूर्ण रूप से ठीक होने के बाद वह लडक़ी चली गयी। इस घटना के बाद एक दिन लड़की उसके घर पर आई ।
राजवीर थोड़ी देर देख कर सोचने लगा फिर उसने पहचान लिया कि यह मेरी बहना आसीमा है आसिमा ने कहा भैया कल मुझे डिग्री मिलेगी और आपको आना है। राजवीर की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी फिर भी उसने सोचा कि बहन ने बुलाया है तो जाना तो पड़ेगा।
विश्वविद्यालय का हाल पूरा भरा हुआ था सभी कोट पेंट में लोग आए हुए थे राजवीर भी अपनी बुढ़ी मां के साथ आया और सबसे पीछे बैठ गया। मुख्यअतिथि द्वारा पहला नाम ही आशिमा का बुलाया गया। मुख्यअतिथि ने कहा इस बेटी ने गोल्ड मेडल जीता है आशिमा ने कहा कि सर मुझे 1 मिनट का समय चाहिए और दौड़ कर राजवीर के पास गई और बोली मेडल का असली हकदार मेरा भाई है और भरी सभा मे सच्चाई बताई है उन सभी लोगों की आंखों से आंसू आ गए। इसके बाद उसने भाई को एक टैक्सी दी और उन्ही के साथ रहने लगी।
Source: Live Bihar